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टीकाकरण में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की - amit jogi filed a petition in high court

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने टीकाकरण में आरक्षण लागू करने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जोगी ने अपनी याचिका में भूपेश सरकार के इस निर्णय को असंवैधानिक और अनैतिक होने के साथ-साथ गैर-वैज्ञानिक भी बताया है.

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टीकाकरण में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की
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Published : May 3, 2021, 11:05 PM IST

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (JCCJ President Amit Jogi) ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान (corona vaccination)में आरक्षण लागू करने के निर्णय को चुनौती दी है. जोगी ने अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट (high court) में रिट याचिका (writ petition) दायर कर दी है.

टीकाकरण में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की

'कोरोना टीकाकरण में आरक्षण लागू करने का निर्णय असंवैधानिक'

याचिका में अमित जोगी ने दलील दी कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना टीकाकरण में आरक्षण लागू करने का निर्णय असंवैधानिक और अनैतिक होने के साथ-साथ गैर-वैज्ञानिक भी है. टीके की खुराक पहले उन लोगों को लगना चाहिए जिनके संक्रमित होने की अधिक संभावना है. भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के क्यों न हों. इस बात का निर्णय अस्पताल में विशेषज्ञ-डॉक्टर ही ले सकते हैं. न कि वातानुकूलित कमरों में बैठे गैर-विशेषज्ञ नेता.

किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं- जोगी

याचिका में अमित जोगी ने कहा कि भारत के संविधान के अंतर्गत किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि कौन जिए और कौन मरे. टीकाकरण का आधार आरक्षण की जगह विज्ञान होना चाहिए. उपचार का केवल एक ही आधार होता है जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रीआज (Triage) कहा जाता है.

टीकाकरण का थर्ड फेज: रायपुर में बवाल तो कोरबा में लेट हुआ वैक्सीनेशन

अमित जोगी ने दिए थे सरकार को सुझाव

याचिका में अमित जोगी ने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 अप्रेल को बुलाई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने लिखित में कोरोना के रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए सुझाव दिए थे. इसमें उन्होंने शासन से आग्रह किया था कि ‘1 मई से शुरू होने वाले 18-45 आयु के लक्षित समूह के टीकाकरण अभियान में ट्रीआज के आधार पर पूर्व रोग से ग्रसित लोगों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट से प्राथमिकता में सुनवाई का आग्रह

अमित जोगी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रचलित वैज्ञानिक सिद्धांतों को ताक में रखते हुए मनमाने तरीके से टीकाकरण अभियान चला रही है. जिसका खामियाजा वास्तविक जरूरतमंदों को अपने जीवन से चुकाना पड़ सकता है. अमित ने हाईकोर्ट से इस मामले पर प्राथमिकता से सुनवाई करने की भी गुहार लगाई है.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में एक मई से 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु वर्ग में सबसे पहले अंत्योदय राशनकॉर्डधारी परिवारों के पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण करने का फैसला किया है. राज्य में एक मई से शुरू हो टीकाकरण अभियान में इस आयु वर्ग में सबसे पहले अंत्योदय राशनकॉर्डधारी लोगों को टीका लगाया जाना सरकार ने तय किया है. सरकार के इस निर्णय को लेकर आम लोगों में भी खासी नाराजगी है.

रायपुर: जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी (JCCJ President Amit Jogi) ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान (corona vaccination)में आरक्षण लागू करने के निर्णय को चुनौती दी है. जोगी ने अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट (high court) में रिट याचिका (writ petition) दायर कर दी है.

टीकाकरण में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की

'कोरोना टीकाकरण में आरक्षण लागू करने का निर्णय असंवैधानिक'

याचिका में अमित जोगी ने दलील दी कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना टीकाकरण में आरक्षण लागू करने का निर्णय असंवैधानिक और अनैतिक होने के साथ-साथ गैर-वैज्ञानिक भी है. टीके की खुराक पहले उन लोगों को लगना चाहिए जिनके संक्रमित होने की अधिक संभावना है. भले ही वे किसी भी वर्ग या जाति के क्यों न हों. इस बात का निर्णय अस्पताल में विशेषज्ञ-डॉक्टर ही ले सकते हैं. न कि वातानुकूलित कमरों में बैठे गैर-विशेषज्ञ नेता.

किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं- जोगी

याचिका में अमित जोगी ने कहा कि भारत के संविधान के अंतर्गत किसी भी शासक को यह तय करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता कि कौन जिए और कौन मरे. टीकाकरण का आधार आरक्षण की जगह विज्ञान होना चाहिए. उपचार का केवल एक ही आधार होता है जिसे चिकित्सा की भाषा में ट्रीआज (Triage) कहा जाता है.

टीकाकरण का थर्ड फेज: रायपुर में बवाल तो कोरबा में लेट हुआ वैक्सीनेशन

अमित जोगी ने दिए थे सरकार को सुझाव

याचिका में अमित जोगी ने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 अप्रेल को बुलाई सर्वदलीय बैठक में उन्होंने लिखित में कोरोना के रोकथाम, नियंत्रण और उपचार के लिए सुझाव दिए थे. इसमें उन्होंने शासन से आग्रह किया था कि ‘1 मई से शुरू होने वाले 18-45 आयु के लक्षित समूह के टीकाकरण अभियान में ट्रीआज के आधार पर पूर्व रोग से ग्रसित लोगों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट से प्राथमिकता में सुनवाई का आग्रह

अमित जोगी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रचलित वैज्ञानिक सिद्धांतों को ताक में रखते हुए मनमाने तरीके से टीकाकरण अभियान चला रही है. जिसका खामियाजा वास्तविक जरूरतमंदों को अपने जीवन से चुकाना पड़ सकता है. अमित ने हाईकोर्ट से इस मामले पर प्राथमिकता से सुनवाई करने की भी गुहार लगाई है.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में एक मई से 18 वर्ष से 45 वर्ष आयु वर्ग में सबसे पहले अंत्योदय राशनकॉर्डधारी परिवारों के पात्र व्यक्तियों का टीकाकरण करने का फैसला किया है. राज्य में एक मई से शुरू हो टीकाकरण अभियान में इस आयु वर्ग में सबसे पहले अंत्योदय राशनकॉर्डधारी लोगों को टीका लगाया जाना सरकार ने तय किया है. सरकार के इस निर्णय को लेकर आम लोगों में भी खासी नाराजगी है.

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