रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली एम्स की ओर से कोरोना के इलाज का नया प्रोटोकोल जारी किया है. नए प्रोटोकॉल के तहत स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि रेमडेसिविर, प्लाज्मा थेरेपी और टोसिलिजुमाब अभी प्रायोगिक स्टेज पर हैं. मरीज पर उपयोग करने से पहले परिजनों को पूरी बात बता कर सहमति लेना जरूरी होगा. डॉक्टरों को भी कहा गया है कि वे अनावश्यक दवाई ना लिखें.
'रेमडेसिविर, प्लाज्मा थेरेपी और टोसिलिजुमैब प्रायोगिक दवाएं'
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक रेमडेसीविर, टोसिलिजुमाब और प्लाज्मा थेरेपी को प्रिस्क्राइब करने वाले डॉक्टरों की पूरी जिम्मेदारी होगी कि वह मरीज की आवश्यकता का आकलन कर लें. स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह भी बताया गया कि डॉक्टर यह भी सुनिश्चित कर ले कि मरीज को किडनी रोग, कैंसर, हृदय रोग जैसी बीमारियां तो नहीं हैं. अभी यह सारी दवाइयां प्रायोगिक हैं. ऐसे में इन दवाओं को किसी भी मरीज को देने से पहले उनके परिजनों से दवा के बारे में पूरी बात बता कर सहमति लेना अनिवार्य होगा. स्टेट मेडिकल काउंसिल की तरफ से इन दवाओं की निगरानी रखी जाएगी. अगर डॉक्टर बिना जरूरत ये दवाई लिखते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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100 में केवल 10% मरीजों में रेमडेसीविर इंजेक्शन कारगर
कोरोना की लहर में रेमडेसीविर इंजेक्शन का प्रयोग कोरोना के इलाज में तेजी से बढ़ा है. हालांकि डॉक्टर द्वारा भी कहा जा रहा है कि जरूरी नहीं कि रेमडेसिविर हर एक मरीज में कारगर हो. 100 में सिर्फ 8 से 10 प्रतिशत मरीज में रेमडेसीविर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी
बढ़ती डिमांड के साथ ही प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी हो रही है. हालत तो ये हो गई कि राजधानी में एक इंजेक्शन 25 से 50 हजार रुपये के बीच बेचे गए. इस पर कार्रवाई भी लगातार जारी है. आए दिन कई आरोपी पकड़े भी जा रहे हैं.
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निजी अस्पताल की ज्यादातर पर्चियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन
कई बार यह भी देखने को मिला है कि डॉक्टर भी पर्ची में बेवजह रेमडेसिविर इंजेक्शन दवा लिख रहे हैं. कई निजी अस्पतालों में OPD में रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की भी शिकायत मिली. इसके साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को भी रेमडेसिविर लिख कर ही दिए जाने की खबर मिलने के बाद राजधानी की CMHO मीरा बघेल ने निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर बेवजह रेमडेसिविर लिखने पर जवाब मांगा था.
छत्तीसगढ़ में सोमवार को 15,274 नए कोरोना मरीज, 266 की मौत
प्रदेश में कोरोना
छत्तीसगढ़ में सोमवार को 15,274 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है. वहीं 14,376 मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज/रिकवर हुए हैं. छत्तीसगढ़ में मौत का आंकड़ा एक बार फिर बढ़ा है. पिछले 24 घंटो में प्रदेश में 266 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. सोमवार को प्रदेश में कोरोना के 58,493 टेस्ट हुए.
प्रदेश में रिकवरी रेट में सुधार
1 अप्रैल को प्रदेश में 100 लोगों में पॉजिटिव दर 11.37 और रिकवरी रेट प्रदेश में 90.61 था. वहीं इसके बाद लगातार प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. 20 अप्रैल को प्रदेश में 100 लोगों में पॉजिटिव दर 30.81 पहुंच गया और रिकवरी रेट घटकर 77.20 हो गया. एक महीने बाद अब स्थिति थोड़ी ठीक होती हुई नजर आ रही है. 30 अप्रैल को प्रति 100 लोगों में पॉजिटिव दर 25.22 रहा. रिकवरी रेट भी 82.49 हो गया है. प्रदेश में रिकवरी रेट तो लगातार बढ़ रहा है. लेकिन कोरोना से होने वाले मौत के आंकड़े कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. प्रदेश में आज भी 266 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.
1 लाख 20 हजार से ज्यादा केस एक्टिव
छत्तीसगढ़ में अब तक 9 हजार 275 लोगों की मौत हो चुकी है. 1 लाख 20 हजार 977 केस अभी एक्टिव हैं. इन सबके बीच अच्छी बात ये है कि प्रदेश में अब तक 1 लाख 27 हजार 449 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं.