रायपुरः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जहां एक ओर कोरोना संक्रमितों (Corona infected) के मामलों में कमी आ रही है. वहीं दूसरी ओर देश में त्यौहारी सीजन (Festive season) के कारण लोगों को खास सावधानी बरतने की भी सलाह दी गई है. ऐसे में हर ओर कुछ न कुछ राहत की आम लोग उम्मीद लगाये हैं. लेकिन रेलवे (Railway) राहत देने वालों की श्रेणी में फिलहाल नजर नहीं आ रहा. क्योंकि त्यौहारी सीजन (Festive season) होने के बावजूद ट्रेनों की कमी है. लोग बाहरी प्रदेशों से आ जा रहे हैं. बावजूद इसके लोगों को रेलवे की ओर से न तो किराया कम किया गया है न ही ट्रेन(Train) की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई है.
त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. नवरात्रि, दिवाली, छठ पूजा के लिए यूपी, बिहार और बंगाल जाने वाले यात्रियों (Passengers) की संख्या काफी बढ़ गई है. हालांकि रेलवे द्वारा अभी भी यात्रियों की सहूलियत के लिए ना कोई त्योहारी स्पेशल ट्रेन (Festival special train) चलाई जा रही है. ना ही स्पेशल ट्रेन (Special train) चलाकर जो डेढ़ गुना ज्यादा पैसा यात्रियों से वसूला जा रहा था, वह कम किया गया है. इस वजह से यात्री अभी भी ज्यादा किराया देकर यात्रा को मजबूर है.
ट्रेनों में भीड़ अधिक
ऐसे में यात्रियों को काफी समस्या से जूझना पड़ रहा है. ऊपर से ट्रेनों की संख्या कम होने की वजह से कम ट्रेनों में ज्यादा यात्री यात्रा कर रहे हैं. जिससे भीड़-भाड़ भी ट्रेनों में काफी हो रहा है.इस विषय में ईटीवी भारत ने कुछ यात्रियों से बातचीत कर जानने की कोशिश की कि आखिरकार आम लोगों को यात्रा में किस तरह की दिक्कतें पेश आ रही है.
त्योहारी सीजन पर ना कोई स्पेशल ट्रेन ना किराये में कमी
ईटीवी से बातचीत के दौरान यात्री सलीम शेख ने बताया कि जैसा किआप लोगों को पता है कि नवरात्रि शुरू होने वाली है. जिस फ्रीक्वेंसी में पहले ट्रेनें चला करती थी. उस तरह से अब ट्रेन नहीं चल रही है. जबकि पब्लिक अभी भी उतनी ही संख्या में यात्रा कर रही है. मतलब सीट की अवेलेबिलिटी कम हो गई है. वहीं यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस वजह से अभी जो ट्रेनें चल रही है. उन पर ज्यादा लोड आ गया है. वह ट्रेन कोविड के सिचुएशन को और खराब कर रही है. जो जनरल पब्लिक यात्रा कर रहे हैं, उन्हें तो तकलीफ हो ही रही है. साथ ही जो लोग त्यौहार मनाने अपने गांव अपने शहर जा रहे हैं. उन्हें भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही जो ट्रेनें चल रही है उसमें भी रेट डेढ़ गुना ज्यादा यात्रियों से वसूला जा रहा है. मतलब एक तो रेलवे सुविधा मुहैया नहीं करा रहा है. ऊपर से जो ट्रेनें चल रही है, उसमें भी डेढ़ गुना ज्यादा किराया वसूला रहा है, ऐसे में यात्रियों को काफी समस्या हो रही है.
अगर ट्रेन के देरी से पहुंचने का कारण स्पष्ट नहीं तो रेलवे देगा मुआवजा
कम ट्रेनों में यात्रियों की संख्या ज्यादा कोरोना को न्योता
इसके इत्तर, यात्री बशीर खान ने बताया कि कम ट्रेनें चलने की वजह से और किराया डेढ़ गुना ज्यादा लगने की वजह से यात्रियों को परेशानी तो हो रही है. ऊपर से सीट की एबिलिटी भी कम है. जितने पहले यात्री सफर कर रहे थे. अभी भी उतने ही यात्री सफर कर रहे हैं. लेकिन किराया डेढ़ गुना ज्यादा बढ़ा हुआ है. और ट्रेनें भी कम चल रही है. रेलवे को इस बारे में सोचना चाहिए आम लोगों के बारे में. साथ ही त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है, तो ट्रेनों का विस्तार भी करना चाहिए, ताकि यात्रियों को समस्या ना.
यात्रियों पर किराए का भार
यात्रा | स्लीपर सामान्य स्पेशल | एसी 3 सामान्य स्पेशल |
रायपुर से हटिया | 320 465 | 960 1230 |
रायपुर से मुम्बई | 350 695 | 1340 1800 |
रायपुर से भोपाल | 340 560 | 1100 1690 |
रायपुर से दिल्ली | 650 790 | 1325 2000 |
रायपुर से पटना | 450 610 | 1050 1750 |
रायपुर से पुणे | 310 685 | 1050 1750 |
रायपुर से हावड़ा | 359 540 | 1220 1700 |