रायपुर: लॉकडाउन के दौरान गांवों में संचालित मनरेगा कार्यों से ग्रामीण काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लॉकडाउन की अवधि में काम पर कहीं बाहर न जा पाने की स्थिति में मनरेगा कार्यों से उन्हें गांव में ही रोजगार मिल रहा है. मनरेगा की मजदूरी से वे इस कठिन दौर में भी अपने आप को सुविधाजनक स्थिति में पा रहे हैं. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति भी मिल रही है.
रायगढ़ जिले में 1 अप्रैल के बाद से श्रमिकों को एक करोड़ 14 लाख रूपए से अधिक की मजदूरी का भुगतान किया गया है. राज्य और केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार अभी रायगढ़ जिले के नौ विकासखण्डों के 473 ग्राम पंचायतों में एक हजार 512 मनरेगा कार्य संचालित हो रहे हैं. इनमें 13 हजार 684 मजदूरों को काम मिला हुआ है.
शेष 292 गांवों के ग्रामीणों को भी जल्द मिलेंगा काम
जिले के शेष 292 ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्य शुरू करने की प्रशासकीय स्वीकृति दी जा चुकी है. जल्दी ही वहां के ग्रामीणों को भी गांव में ही रोजगार मिल जाएगा. शासन के निर्देशों के अनुरूप अभी व्यक्तिमूलक और आजीविका संवर्धन के ऐसे काम मंजूर किए जा रहे हैं जिनमें कम से कम श्रमिकों की आवश्यकता हो. इसके तहत हितग्राहियों की निजी भूमि पर डबरी निर्माण, कुंआ निर्माण, बकरी और गाय शेड, वृक्षारोपण और बाड़ी निर्माण जैसे कार्य किए जा रहे हैं. सिंचाई विस्तार, जल संचय और जल संरक्षण के कार्य भी प्राथमिकता से स्वीकृत किए जा रहे हैं.