रायपुर: छत्तीसगढ़ में किसानों से किए वादों को निभाने के लिए कांग्रेस सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना (rajiv gandhi kisan nyay yojna ) के माध्यम से किसानों को लाभ दे रही है. इस योजना के लिए आज से पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology) के जारी दिशा-निर्देश के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा.
किसानों से किया वादा निभा रही भूपेश सरकार
धान के समर्थन मूल्य को लेकर केंद्र से हुए टकराव के बाद भी राज्य सरकार ने किसानों को 2500 रुपये समर्थन मूल्य देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना लॉन्च किया था. किसानों की आय में बढ़ोतरी के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने इस योजना के तहत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया था.
- किसानों का पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना (rajiv gandhi kisan nyay yojna ) के पोर्टल (https://rgkny.cg.nic.in) पर 1 जून से लेकर 30 सितंबर के बीच किया जा सकेगा.
- राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे.
- संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे.
- योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो -कुटकी, सोयाबीन, अरहर और गन्ना उत्पादक किसानों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9000 रुपये आदान सहायता राशि दी जाएगी.
किसानों को 3 साल तक आदान सहायता
वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय (Paddy sale in minimum support price) किया गया था. यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना ,अरहर ,मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला ,पपीता लगाता है या वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपये के मान से आदान सहायता मिलेगी. वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 साल तक आदान सहायता दी जाएगी.
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सीधे खातों में जाएगी सहायता राशि
पोर्टल में पंजीकृत किसानों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी. इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, निगरानी और अंतर विभागीय समन्वय का दायित्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति के जिम्मे होगा. जबकि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति योजना का क्रियान्वयन निगरानी और शिकायतों का निराकरण करेगी. योजना के अंतर्गत हितग्राही के सत्यापन की जिम्मेदारी कृषि विभाग के जिला और मैदानी स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शासन के निर्देशानुसार करेंगे.