रायपुर: लॉकडाउन से पूरे भारत में अचानक से अनाज, किराना, फल, सब्जी के दाम बढ़ गए थे. जिसके बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन के खत्म होते-होते या कहा जा सकता है कि अनलॉक शुरू होने के बाद से सभी किराना, फल, सब्जी के दाम फिर से पटरी पर आने लगे हैं. लॉकडाउन के शुरुआती दौर में महंगाई प्रति क्विंटल लगभग ₹100 तक बढ़ चुकी थी. जिसकी वजह आवक न होने से माल की कमी थी, पर अनलॉक से राज्यों में परिवहन को सुचारू रूप से चलाने की अनुमति दे दी गई है. जिस वजह से अब आवक लॉकडाउन के दौरान से पहले से अच्छी है. जिस वजह से अब सब्जियों या किराना सामानों के दाम फिर से सामान्य होने लगे हैं. रेट कम होने के बाद भी मांग में इजाफा नहीं हुआ है.
अनलॉक में भी घाटे का बिजनेस
अनलॉक-2 में रेस्टोरेंट्स और होटल खोलने की अनुमति दे दी गई है. जिस वजह से अब सब्जी और किराना सामानों के डिमांड में भी थोड़ी तेजी देखी जा सकती है. बावजूद इसके सिर्फ 5% से 10% ही डिमांड बढ़ी है. जिससे अभी भी सब्जी और किराना व्यापारी घाटे में ही अपना बिजनेस चला रहे हैं.
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किराना सामानों की डिमांड बढ़ी लेकिन रेट हुए कम
किराना व्यापारियों ने बताया कि रेस्टोरेंट्स और होटल खुलने की वजह से लॉकडाउन के मुकाबले 5 से 10% किराना सामानों की डिमांड बढ़ी है. बावजूद इसके क्योंकि अभी भी लोग होटल और रेस्टोरेंट में जाने से कतरा रहे हैं इसीलिए पहले जो 50 किलो या 1 क्विंटल किराना सामान होटल व्यापारी अपने यहां पहले से स्टोर कर रखते थे. वह आज 5 किलो या 10 किलो ही ले जा रहे हैं. वहीं किराना सामानों में लॉकडाउन के दौरान रेट में इजाफा जरूर हुआ था, पर अनलॉक होते ही पहले जैसे ही किराना सामान के दाम हो गए हैं.
लॉकडाउन और अनलॉक में किराना सामान के रेट
लॉकडाउन | किराना समान के दाम | अनलॉक | किराना समान के दाम |
गेहूं | ₹30 किलो | गेहूं | ₹27 किलो |
चना | ₹50 से ₹55 किलो | चना | ₹50 से ₹55 किलो |
रहर दाल | ₹100 किलो | रहर दाल | ₹80 से 90 किलो |
मूंग दाल | ₹130 किलो | मूंग दाल | ₹130 किलो |
मसूर दाल | ₹80 किलो | मसूर दाल | ₹80 किलो |
चना दाल | ₹68 किलो | चना दाल | ₹60 से 68 किलो |
काबुली चना | ₹90 किलो | काबुली चना | ₹75 किलो |
तेल | 120 ₹ लीटर लगभग | तेल | 100₹ लीटर लगभग |
राजमा बींस | ₹80 किलो | राजमा बींस | ₹80 किलो |
'बारिश से सब्जियों की आवक प्रभावित'
सब्जी व्यापारियों ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जियों की आवक प्रभावित हो चुकी हैं. वैसे भी हर साल बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं, और इस बार लॉकडाउन से भी सब्जियों के दाम थोड़े बढ़े थे. फिर भी बाकी सालों के मुकाबले सब्जियां अभी भी थोड़ी सामान्य रेट में ही मिल रही है. सब्जी व्यापारियों ने कहा कि गाड़ियों की आवाजाही कम होने से सब्जियों की आवक कम है और बारिश की वजह से भी आवक प्रभावित हुई है. जिस वजह से सब्जियों के दाम थोड़े बहुत बढ़ गए हैं. रेस्टोरेंट्स और होटल खुलने से सब्जियों की डिमांड में थोड़ा इजाफा तो जरूर हुआ है पर दाम में ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है.
सब्जी | रेट (प्रति किलो) |
आलू | 10 से ₹12 किलो |
प्याज | 10 से ₹12 किलो |
टमाटर | 40 से ₹50 किलो |
पता गोभी | ₹25 किलो |
लौकी | ₹20 किलो |
करेला | ₹60 किलो |
शिमला | ₹80 किलो |
बैंगन | ₹20 किलो |
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लॉकडाउन की वजह से देश का हर सेक्टर प्रभावित हुआ है. जिसमें रेस्टोरेंट, होटल्स के साथ-साथ किराना कारोबार और सब्जी कारोबार भी शामिल है. अब अनलॉक की प्रक्रिया जारी है और धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आने लगी है.