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Ratha saptami puja vidhi : भाग्य बदल सकता है रथ सप्तमी, जानिए महत्व और पूजा विधि - ratha saptami 2023

आज रथ सप्तमी या सूर्य सप्तमी है.पद्म पुराण और भविष्य पुराण में रथ सप्तमी का बड़ा ही महत्व बताया गया है. ऐसी कथा है कि रथ सप्तमी के दिन ही भगवान सूर्य का सृष्टि में प्राकट्य हुआ था और धरती पर सूर्य की पहली किरण पड़ी थी.इसी कारण से रथ सप्तमी को भगवान सूर्य का जन्मदिवस और प्राकट्य दिवस भी कहते हैं. पद्म पुराण में बताया गया है कि सूर्य देव के जन्मदिवस माघ मास की सप्तमी तिथि को सूर्य देव की पूजा करने के साथ जो लोग सूर्यदेव को मीठा भोजन खीर, मालपुआ, अर्पित करते हैं उन पर सूर्यदेव की बड़ी कृपा होती है.

Ratha Saptami 2023 muhurat
रथ सप्तमी
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Published : Jan 28, 2023, 1:34 PM IST

रथ सप्तमी तिथि और मुहूर्त: हिंदू कैलेंडर के अनुसार रथ सप्तमी का आरंभ 27 जनवरी 2023 के दिन प्रातः 07:40 मिनट पर होगा और 28 जनवरी दिन सुबह 07:13 मिनट पर इस तिथि का अंत होगा.उदया तिथि के मुताबिक यह पर्व 28 को मनाया जाएगा. रथ सप्तमी के दिन स्नान मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:24 बजे से लेकर 05:51 तक रहेगा.

रथ सप्तमी का महत्व: आज के दिन सूर्यदेव सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे. इस वजह से इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. रथ सप्तमी के दिन स्नान और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सारी परेशानियां चली जाती हैं और और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है. अगर कोई व्यक्ति ग्रह दोष शांत करना चाहता है तो ये दिन सबसे उत्तम है. रथ सप्तमी के दिन सूर्य और उनके घोड़ों की पूजा करने से जीवन में सफलता मिलती है. हर काम में तरक्की होती है.

रथ सप्तमी के नियम: रथ सप्तमी के दिन हो सके तो फालतू के वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा शांति के माहौल में अपना समय व्यतीत करें. आज के दिन तामसिक भोजन को अपने आप से दूर रखना चाहिए. मांस, मदिरा का सेवन वर्जित है. आज के दिन अगर कोई व्रत करता है या नहीं करता, उसे इस विधि से पूजा जरूर करनी चाहिए. आज के दिन स्नान ध्यान से निवृत्त होकर सूर्य पूजा करें. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें 'रसानां पतये नम'

रथ सप्तमी में मीठा भोजन का महत्व : पद्मपुराण की मान्यता है कि माघ मास की रथ सप्तमी तिथि को जो लोग सिर्फ मीठा भोजन करते हैं और नमक का त्याग करते हैं वह पूरे साल सप्तमी तिथि के व्रत का पुण्य फल प्राप्त कर लेते हैं. जो लोग माघ मास की सप्तमी तिथि को मीठा भोजन करते हुए सूर्य देव की उपासना करते हैं उन्हें सूर्यदेव निरोग रखते हैं और कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से तालमेल अच्छा रहता है.

ये भी पढ़ें- पापों से मुक्ति दिला सकता है नर्मदा स्नान

रथ सप्तमी और करियर में उन्नति का संबंध : इस व्रत से करियर में भी उन्नति और तरक्की होती है. सूर्यदेव का संबंध हृदय से भी है. जो व्यक्ति माघ मास की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी को मीठा भोजन करते हैं उनके हृदय को भी सूर्यदेव बल प्रदान करते हैं. सूर्यदेव की इस दिन उपासना करने और नमक का त्याग करने से चर्मरोग से भी सूर्यदेव मुक्ति प्रदान करते हैं. मृत्यु के बाद ऐसे सूर्य भक्त उत्तम लोक में स्थान पाते हैं.रथ सप्तमी के दिन ब्राह्मण और भूखे व्यक्ति को भी मीठा भोजन करवाना चाहिए.साथ ही इस दिन गुड़, तिल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से धन, धान्य में वृद्धि होती है.

रथ सप्तमी तिथि और मुहूर्त: हिंदू कैलेंडर के अनुसार रथ सप्तमी का आरंभ 27 जनवरी 2023 के दिन प्रातः 07:40 मिनट पर होगा और 28 जनवरी दिन सुबह 07:13 मिनट पर इस तिथि का अंत होगा.उदया तिथि के मुताबिक यह पर्व 28 को मनाया जाएगा. रथ सप्तमी के दिन स्नान मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:24 बजे से लेकर 05:51 तक रहेगा.

रथ सप्तमी का महत्व: आज के दिन सूर्यदेव सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे. इस वजह से इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. रथ सप्तमी के दिन स्नान और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सारी परेशानियां चली जाती हैं और और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है. अगर कोई व्यक्ति ग्रह दोष शांत करना चाहता है तो ये दिन सबसे उत्तम है. रथ सप्तमी के दिन सूर्य और उनके घोड़ों की पूजा करने से जीवन में सफलता मिलती है. हर काम में तरक्की होती है.

रथ सप्तमी के नियम: रथ सप्तमी के दिन हो सके तो फालतू के वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा शांति के माहौल में अपना समय व्यतीत करें. आज के दिन तामसिक भोजन को अपने आप से दूर रखना चाहिए. मांस, मदिरा का सेवन वर्जित है. आज के दिन अगर कोई व्रत करता है या नहीं करता, उसे इस विधि से पूजा जरूर करनी चाहिए. आज के दिन स्नान ध्यान से निवृत्त होकर सूर्य पूजा करें. सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें 'रसानां पतये नम'

रथ सप्तमी में मीठा भोजन का महत्व : पद्मपुराण की मान्यता है कि माघ मास की रथ सप्तमी तिथि को जो लोग सिर्फ मीठा भोजन करते हैं और नमक का त्याग करते हैं वह पूरे साल सप्तमी तिथि के व्रत का पुण्य फल प्राप्त कर लेते हैं. जो लोग माघ मास की सप्तमी तिथि को मीठा भोजन करते हुए सूर्य देव की उपासना करते हैं उन्हें सूर्यदेव निरोग रखते हैं और कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से तालमेल अच्छा रहता है.

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रथ सप्तमी और करियर में उन्नति का संबंध : इस व्रत से करियर में भी उन्नति और तरक्की होती है. सूर्यदेव का संबंध हृदय से भी है. जो व्यक्ति माघ मास की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी को मीठा भोजन करते हैं उनके हृदय को भी सूर्यदेव बल प्रदान करते हैं. सूर्यदेव की इस दिन उपासना करने और नमक का त्याग करने से चर्मरोग से भी सूर्यदेव मुक्ति प्रदान करते हैं. मृत्यु के बाद ऐसे सूर्य भक्त उत्तम लोक में स्थान पाते हैं.रथ सप्तमी के दिन ब्राह्मण और भूखे व्यक्ति को भी मीठा भोजन करवाना चाहिए.साथ ही इस दिन गुड़, तिल का दान करना चाहिए. ऐसा करने से धन, धान्य में वृद्धि होती है.

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