रायपुर: ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ग्रह इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. जो 15 साल तक सूबे की सरकार का सरदार था, आज उसी पर मुश्किलों की बौछार हो रही है.
सूबे में सरकार बदलने के साथ ही संकट के जो बादल रमन और उनके परिवार पर छाने लगे थे वो वक्त बीतने के साथ ही घने होते जा रहे हैं. सबसे पहले रमन के बेटे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह पर चिटफंड घोटाले और धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज हुई. इसके बाद अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस की नैया डुबाने वाले मंतूराम पंवार ने बयान बम फोड़कर सूबे में लगी सियासी आग पर रार डालने का काम किया.
रमन पर लगे गंभीर आरोप
रमन इस मुश्किल से निकलने की रणनीति बना ही रहे थे कि शुक्रवार को नान घोटाले के नाग ने एक बार फिर फन फैलाया और इस बार इसकी चपेट में आए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह.
घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने कोर्ट में दिए अपने शपथपत्र में कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाने के आरोप
उन्होंने कहा कि, 'रमन सिंह और पुन्नूलाल मोहले ने चुनावी फंड के लिए नान के तत्कालीन चेयरमैन लीलाराम भोजवानी के जरिए बीजेपी के अकाउंटेंट के पास 5 करोड़ रुपए जमा करवाए. इसके साथ ही उन्होंने 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाकर 3 साल तक राशन का हेर-फेर करने का आरोप लगाया है.