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फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कब कार्रवाई करेगी कांग्रेस? : रमन सिंह - caste certificate

फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में एक महीने के भीतर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार के ऊपर आक्रामक हो गए हैं.

बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह
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Published : Aug 11, 2019, 9:39 AM IST

Updated : Aug 11, 2019, 9:51 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दम पर सरकारी विभागों में मलाई काट रहे कर्मचारियों को लेकर राजनीति गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने इसे आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन माना है.

रमन सिंह

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इस मामले में बयानबाजी शुरू हो गई थी. रमन सिंह ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई तो होनी चाहिए. राज्य सरकार 8 महीने पुरानी हो गई है, लेकिन अब भी सरकार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र वालों पर कार्रवाई के लिए 1 महीने का वक्त और चाहिए. आदिवासी समाज के लिए खासतौर पर जो न्यायालय में विचाराधीन नहीं है, उन मामलों में जल्द से जल्द निर्णय होना चाहिए.

मुख्यमंत्री का निर्देश
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दम पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एक महीने के भीतर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करें जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए विधायक रामपुकार सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसा के मुताबिक नए नियम की समीक्षा कर लागू कर दी जाएगी.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दम पर सरकारी विभागों में मलाई काट रहे कर्मचारियों को लेकर राजनीति गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने इसे आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन माना है.

रमन सिंह

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इस मामले में बयानबाजी शुरू हो गई थी. रमन सिंह ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर काम करने वाले लोगों पर कार्रवाई तो होनी चाहिए. राज्य सरकार 8 महीने पुरानी हो गई है, लेकिन अब भी सरकार को फर्जी जाति प्रमाण पत्र वालों पर कार्रवाई के लिए 1 महीने का वक्त और चाहिए. आदिवासी समाज के लिए खासतौर पर जो न्यायालय में विचाराधीन नहीं है, उन मामलों में जल्द से जल्द निर्णय होना चाहिए.

मुख्यमंत्री का निर्देश
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के दम पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एक महीने के भीतर ऐसे कर्मचारियों की पहचान करें जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए विधायक रामपुकार सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है. कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसा के मुताबिक नए नियम की समीक्षा कर लागू कर दी जाएगी.

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के नाम पर फर्जी जाति के दम पर मलाईदार विभागों में नौकरी कर रहे लोगो का मुद्दा एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में गरमा गया है। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर लगातार इस पर बयानबाजी शुरू हो गई है। अजीत जोगी और फर्जी जाति के मुद्दे पर कभी इशारों में तो कभी खुलकर लगातार बयानों का सिलसिला चल रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने भी आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन न करने की मांग की है। उन्होंने कि फ़र्ज़ी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर काम करने वाले लोगो पर कार्रवाई तो होनी ही चाहिए। रमन सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य सरकार को 8 महीने हो गए हैं पर अभी भी एक महीने और चाहिए। आदिवासी समाज के लिए खासतौर पर जो न्यायालय में विचाराधीन नहीं है उन मामलों पर जल्द से जल्द निर्णय होना चाहिए।

बाईट- डॉ. रमन सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बीजेपी

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरBody:NoConclusion:
Last Updated : Aug 11, 2019, 9:51 AM IST
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