रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर सरकार फिर घिरती नजर आ रही है. बारदाने की कमी और धान का उठाव नहीं होने से किसान परेशान हैं. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आपात बैठकर बुलाकर समस्याओं पर चर्चा की है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम रमन ने लिखा कि किसानों ने शायद ही कभी ये सोचा होगा कि ये दिन भी देखना पड़ेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट किया कि ये सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो किसानों का न तो धान खरीद पा रही है, न ही पूरे पैसे दे पा रही है. छत्तीसगढ़ 'गढ़ने का वादा करने वालों ने पूरा प्रदेश गड़बड़ा दिया.
रमन सिंह का ट्वीट-
-
#Chhattigarh के किसानों ने शायद ही कभी यह सोचा होगा कि यह दिन भी देखना पड़ेगा।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) December 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रदेश की @INCChhattisgarh सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो किसानों का न तो धान खरीद पा रही है, न ही पूरे पैसे दे पा रही है।
छत्तीसगढ़ "गढ़ने" का वादा करने वालों ने पूरा प्रदेश "गड़बड़ा" दिया। pic.twitter.com/3hhwXcWrrw
">#Chhattigarh के किसानों ने शायद ही कभी यह सोचा होगा कि यह दिन भी देखना पड़ेगा।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) December 30, 2020
प्रदेश की @INCChhattisgarh सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो किसानों का न तो धान खरीद पा रही है, न ही पूरे पैसे दे पा रही है।
छत्तीसगढ़ "गढ़ने" का वादा करने वालों ने पूरा प्रदेश "गड़बड़ा" दिया। pic.twitter.com/3hhwXcWrrw#Chhattigarh के किसानों ने शायद ही कभी यह सोचा होगा कि यह दिन भी देखना पड़ेगा।
— Dr Raman Singh (@drramansingh) December 30, 2020
प्रदेश की @INCChhattisgarh सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो किसानों का न तो धान खरीद पा रही है, न ही पूरे पैसे दे पा रही है।
छत्तीसगढ़ "गढ़ने" का वादा करने वालों ने पूरा प्रदेश "गड़बड़ा" दिया। pic.twitter.com/3hhwXcWrrw
कृषि मंत्री ने ली इमरजेंसी बैठक
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि धान खरीदी में हो रही परेशानियों के लेकर कैबिनेट के मंत्रियों के साथ चर्चा हुई है. कृषि मंत्री के मुताबिक आने वाले दिनों में प्रदेश में धान खरीदी में संकट दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है, 60 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लिए केंद्र से सहमति मिली थी. जिसमें छत्तीसगढ़ में अबतक 45 लाख मीट्रिक टन ज्यादा खरीदी हो चुकी है. राज्य में 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है.
पढ़ें- छत्तीसगढ़ में बंद हो सकती है धान खरीदी !
'FCI में चावल जमा करने की अनुमति नहीं मिली'
केंद्र से एफसीआई में चावल जमा करने अभी तक अनुमति नहीं मिली है. जिसके कारण धान खरीदी पर संकट के बादल छा रहे हैं. इसके अलावा कस्टम मिलिंग नहीं होने के कारण भी धान का उठाव प्रभावित हो रहा है.
1- लोरमी ब्लॉक के खुड़िया धान खरीदी केंद्र प्रभारी ने लोरमी SDM पर मारपीट का आरोप लगाया है. जिले के 93 खरीदी केंद्रों के प्रभारी कलेक्टर के पास शिकायत लेकर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक खुड़िया धान खरीदी केंद्र में किसानों की जगह बिचौलियों और व्यापारियों के धान खरीदी करने की शिकायत मिल रही थी. जिस शिकायत पर लोरमी एसडीएम नवीन कुमार भगत मंगलवार की शाम को छापामार कार्रवाई करने के लिए खुड़िया धान खरीदी केंद्र पहुंचे.
पढ़ें- धान खरीदी केंद्र के प्रभारी ने SDM पर लगाया मारपीट का आरोप
2- कोरबा में धान खरीदी केंद्रों से राइस मिलर धान उठाने से कतरा रहे हैं. इसका सीधा असर यह हो रहा है कि समितियों के पास धान संग्रहित करने के लिए जगह नहीं बची है. बफर लिमिट क्रॉस हो जाने के बाद बड़े किसानों को समिति टोकन देने से कतरा रही हैं. धान खरीदी की जटिल प्रक्रिया के बाद अब हालात चिंताजनक हो गए हैं. समितियों से धान का उठाव नहीं होने की स्थिति में धान खरीदी पर ग्रहण लग सकता है.
पढ़ें- अनुबंध के बाद भी खरीदी केंद्रों से राइस मिलर्स नहीं कर रहे धान का उठाव
3- राजनांदगांव में धान खरीदी केंद्रों में धान का उठाव नहीं होने से पहले ही व्यवस्था चरमराई हुई है. अब बारदाने की कमी ने समितियों की मुसीबत बढ़ा दी. स्थिति ये है कि क्षेत्र की ज्यादातर समितियों ने अब धान खरीदी बंद करने का फैसला लिया है. डोंगरगांव, कोकपुर, अर्जुनी और खुज्जी समिति के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री के नाम पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है.
पढ़ें- बारदाने की कमी से किसानों के साथ धान खरीदी समितियों की बढ़ी चिंता
4- कांकेर में धान खरीदी जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे बारदाना का संकट गहराता जा रहा है. शासन-प्रशासन की ओर से अब किसानों से खुद के बारदाना में धान लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. जिसका सीधा फायदा बारदाना व्यापारी उठा रहे हैं. बाजार में एक बार उपयोग हो चुके बारदाना को व्यापारी 30-30 रुपए नग में किसानों को बेच रहे हैं. जबकि सरकार धान खरीदी के लिए जमा कराए जा रहे बारदानों के लिए 15 रुपए प्रति बारदाना भुगतान कर रही है.
पढ़ें- धान खरीदी केंद्रों में बारदाना की कमी से किसान परेशान
5- बेमेतरा में बारदाना और परिवहन की समस्या के कारण धान खरीदी बार-बार प्रभावित हो रही है. अन्नदाता परेशान हैं. उन्हें अपना धान भी बेचना है और धान खरीदी केंद्रों में पर्याप्त बारदाना भी नहीं है. बाजार में बारदाना के भाव आसमान छूते नजर आ रहे हैं. क्षमता के अनुरूप बारदाना उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, जिससे लगातार धान खरीदी प्रभावित हो रही है. किसान बाजार से 30 रुपये की दर से बारदाना लेने को मजबूर हैं.