रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला है. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के बस्तर के मामले को लेकर राज्य सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा दो दिनों से अधिकारियों से बात करने के बाद लॉकडाउन में सबसे पीड़ाजनक कहानी जमलो मड़कम की मिली है. तेलंगाना प्रवास में गए मजदूर बिना खाए पीए रवाना होते हैं और रास्ते मे दम तोड़ देते हैं.
उन्होंने कहा कि, 'दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर समेत सभी सातों जिलों को देखे तो, जो आंकड़े मेरे पास आए हैं, उसमें कम से कम 40 से 50 हजार की संख्या में मजदूर प्रदेश के तीन राज्यों में तेलंगाना, ओडिसा और महाराष्ट्र से लगे हुए है. राज्यों के मजदूर खेती-मजदूरी के लिए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण बिना पैसे के लौट रहे हैं. ठेकेदारों ने उन्हें भगा दिया है. एक आंकड़ा अभी जो मुझे मिला है, उसके मुताबिक बीजापुर से 10 हजार की संख्या में निकटवर्ती राज्य से मजदूर छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर दंतेवाड़ा में 2 से 3 हजार मजदूर आ चुके हैं. सुकमा में 5 हजार की संख्या में मजदूर छत्तीसगढ़ आ चुके हैं. ये संख्या चिंताजनक है'.
'पेड़ के नीचे ठहरे लोग'
उन्होंने कहा कि, 'जिन मजदूरों की पैदल आने की क्षमता थी वो आ गए हैं. बीजापुर में गांव के बाहर लोग पेड़ के नीचे ठहरे हैं. वहां क्वॉरंटाइन का मतलब ही किसी को पता नहीं है. तेलांगना से लोग पैदल चल कर अभी भी आ रहे हैं, पैदल यात्रा का क्रम जारी है'. डॉ रमन सिंह ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इतनी बड़ी त्रासदी में बस्तर के लिए सीधे लोगों के लिए इससे खराब नहीं हो सकता है'.
'2 लोग सबरी नदी में बहते-बहते बचे'
कुछ जंगलों की ओर पलायन कर गए, 2 लोग सबरी नदी में बहते बहते बचे हैं. राज्य के जिलाधीशों से बात कर उन्हें वहीं रोकना चाहिए. या फिर बस के माध्यम से लाने का प्रयास करना चाहिए. हाई पावर कमेटी बस्तर में बननी चाहिए. डॉक्टरों की टीम तैयार करनी चाहिए. बस्तर में इसके लिए कार्ययोजना बनानी चाहिए. कार्ययोजना को सतत संचालन होना चाहिए. यदि मुख्यमंत्री और सचिव इसका संचालन करते हैं तो इससे अच्छी बात क्या होगी.