रायपुर: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश के पीडीएस घोटाला, बेरोजगारी भत्ता, और पीएम आवास जैसे मामलों को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरा. रमन सिंह ने पीडीएस घोटाले को प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया तो वहीं 1 अप्रैल से बेरोजगारों के लिए शुरू किए गए बेरोजगारी भत्ते पर भी सवाल उठाए. रमन सिंह ने कहा कि "बेरोजगारों के लिए कई तरह के नियम और शर्तें रख दी है. ऐसे में कई बेरोजगार बेरोजगारी भत्ते से भी वंचित हो जाएंगे."
600 करोड़ की वसूली के लिए दुकानदारों को बना रहे शिकार: पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने साफ किया कि पीडीएस घोटाले को लेकर विधानसभा में इसकी पूरी जानकारी और आंकड़े दिए गए थे. संचनालय और जिले के रिकॉर्ड में 68900 मीट्रिक टन चावल का अंतर आ रहा है. प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए रमन सिंह ने कहा कि "600 करोड़ रुपए का चावल आखिर कहां गया. फूड इंस्पेक्टर, संचनालय और अधिकारियों की मिलीभगत से इस तरह का घोटाला हुआ है. इसकी जानकारी संचनालय को पिछले 1 साल से थी, लेकिन किसी भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में कांग्रेस सरकार की ओर से 600 करोड़ के चावल की वसूली के लिए राशन दुकानदारों को शिकार बनाया जा रहा है." पीडीएस घोटाले को लेकर रमन सिंह ने कहा कि "इसकी शिकायत केंद्रीय खाद्य मंत्री से की जाएगी."
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4 साल में प्रदेश सरकार ने बनवाए केवल 67 हजार मकान: प्रधानमंत्री आवास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि "बीते 4 सालों में 16 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाए जाने थे. लेकिन अब तक महज 67 हजार मकान बनाने वाली भूपेश सरकार अब सर्वे की बात कह रही हैं. आखरी समय आ गया है, अब चुनाव की घोषणा होने वाली है. छत्तीसगढ़ की जनता के साथ मजाक और छल किया जा रहा है. प्रदेश के 16 लाख लोगों के साथ मजाक किया जा रहा है. पीएम आवास को लेकर अगर पूरे छत्तीसगढ़ का सर्वे कराया जाता है तो 8 महीने का समय लगेगा, जबकि कुछ महीने के बाद चुनाव आचार संहिता भी लग जाएंगे."
प्रदेश में 19 लाख बेरोजगार हैं पंजीकृत : एक अप्रैल से बेरोजगारी भत्ते की घोषणा पर रमन सिंह ने कहा कि "पूरे प्रदेश में 19 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं. भूपेश सरकार ने अपने जन घोषणापत्र में प्रदेश के 10 लाख बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी. उन्होंने अपने घोषणापत्र में बेरोजगारों को हर महीने 2500 रुपया बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी. भूपेश सरकार ने 1 अप्रैल को बेरोजगारों को अप्रैल फूल बना दिया. सरकार ने बेरोजगारों पर इतनी शर्तें लाद दी हैं, जिनको पूरा कर पाना मुश्किल है."