रायपुर : चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण के साथ ही जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है. चंदखुरी से लौटने के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि, 'कुछ लोगों ने राम का नाम लेकर देश की हुकूमत और सत्ता तो हासिल कर ली, लेकिन आज तक एक रुपए का काम भी नहीं किया. वहीं सौभाग्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने इस कार्य की शुरुआत कर दी है'.
कृषि मंत्री ने कहा कि, 'पर्यटन, संस्कृति, और नगरीय प्रशासन मंत्री की उपस्थिति में ये कार्यक्रम संपन्न हुआ है'. उन्होंने कहा कि, 'राम वनगमन पर्यटन परिपथ और माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए भूमि पूजन किया गया है'.
कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए सीएम भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर चौबे ने कहा कि, 'सीएम दिल्ली प्रवास पर थे, जहां मौसम की खराबी के चलते वो समय पर लौट नहीं सके'. चौबे ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ सरकार में राम वनगमन विकास की ओर आगे बढ़ रहा है. इसीलिए किसी भी परिस्थिति में इस कार्यक्रम को कैंसिल नहीं किया गया.
क्या है पूरा मामला
- सीएम ने छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पर्यटन परिपथ निर्माण की घोषणा की थी.
- घोषणा के तहत छत्तीसगढ़ सरकार राम वनगमन पथ पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है.
- पहले चरण में सीतामढ़ी हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा के सप्तऋषि आश्रम को विकसित किया जा रहा है.
- राज्य शासन के पर्यटन विभाग द्वारा जगदलपुर और सुकमा जिले के रामाराम को भी पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है.
- शोधकर्ताओं की शोध किताबों के अनुसार श्रीराम ने अपने वनवास काल के 14 सालों में से लगभग 10 साल से अधिक समय छत्तीसगढ़ में व्यतीत किया था.
- विभिन्न शोध प्रकाशनों के अनुसार श्रीराम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान लगभग 75 स्थलों का भ्रमण किया.
- 51 स्थल ऐसे हैं, जहां भगवान राम ने भ्रमण के दौरान रुककर कुछ समय व्यतीत किया था.
- राम वनगमन स्थलों में से प्रथम चरण में इनमें से 8 स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकास हेतु चुना किया गया है.