रायपुर: विदेश में कार चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना बेहद जरूरी होता (international driving license in chhattisgarh) है. छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल में 1200 से अधिक छत्तीसगढ़ियों ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है. आवेदन करने वालों में सबसे ज्यादा संख्या विदेश घूमने और पढ़ने जाने वालों की है. इसमें कुछ ऐसे भी लोग शामिल हैं, जिनको नया जॉब विदेश में मिला है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस कोई स्पेशल लाइसेंस नहीं होता है. सिर्फ कई भाषाओं में इसे ट्रांसलेट कर दिया जाता है. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस विदेश यात्रा करने वालों के काम ही नहीं आता बल्कि जो कभी-कभार विदेश जाते हैं, उन्हें भी इसका फायदा मिलता (Raipurians at forefront of getting International Driving License ) है.
यह भी पढ़ें: दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए वरदान है स्पोर्ट्स व्हीलचेयर, जानिए क्या है इसकी खासियत ?
रायपुरियंस सबसे आगे: छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल 2019 से लेकर 3 मार्च 2022 तक 1000 से ज्यादा लोगों ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया है. इसमें रायपुरियंस सबसे आगे हैं. रायपुर जिले में 527 और दुर्ग में 369 लोगों ने लाइसेंस बनवाया है. सबसे कम जशपुर जिले में एक युवक ने लाइसेंस बनाया है. वर्तमान में लाइसेंस के लिए अब भी आवेदन आ रहे हैं.
यहां बने इतने लाइसेंस:
जिला | लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या |
रायपुर | 527 |
दुर्ग | 369 |
बिलासपुर | 135 |
कोरबा | 68 |
रायगढ़ | 46 |
धमतरी | 8 |
महासमुंद | 5 |
राजनांदगांव | 25 |
कबीरधाम | 2 |
जांजगीर | 2 |
जशपुर | 1 |
अंबिकापुर | 7 |
बैकुंठपुर | 2 |
जगदलपुर | 6 |
दंतेवाड़ा | 7 |
बलौदा बाजार | 2 |
बालोद | 3 |
बेमेतरा | 2 |
सरगुजा | 2 |
क्या कहते हैं अफसर: एडिशनल आरटीओ योगेश्वरी वर्मा ने बताया, "पिछले कुछ वर्षों में लोगों ने काफी संख्या में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं. लाइसेंस बनवाने वालों में वे लोग शामिल हैं, जो घूमने के लिए और कुछ विदेशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं. ज्यादातर विदेश में जॉब करने वालों के आवेदन आए हैं."
इस तरह मिलता है फायदा: आरटीओ के अफसरों की मानें तो इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस होने से कई देशों में किराए पर वाहन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. ड्राइविंग करने की भी अनुमति मिलती है. भारत के अलावा दुनिया के किसी भी कोने में कार-बाइक से लेकर पर्सनल इस्तेमाल के लिए कोई भी गाड़ी चलाने के लिए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में विदेश जाने वाले लोग यह लाइसेंस बनवा रहे हैं.
कैसे बनता है लाइसेंस: परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस परमिट के आधार पर मिलता है. इसके लिए भारत का वैलिड परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है, साथ ही वह भारत का नागरिक हो. इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अपने क्षेत्र के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस में आवेदन करना होता है. इस आवेदन में आपको जिन देशों में गाड़ी चलाना है, उनका नाम और वहां रहने की अवधि का जिक्र करना होता है. आवेदन के साथ 3 पासपोर्ट साइज के फोटो की जरूरत पड़ती है. पासपोर्ट, वीजा और सत्यापन के लिए एयर टिकट की फोटो कॉपी लगानी होती है. ड्राइविंग लाइसेंस के लिए फॉर्म 4A भरना होता है. फॉर्म भरने के दौरान 500 रुपये जमा करना होता है. उसके बाद 4 दिन में लाइसेंस बनकर तैयार हो जाएगा.