रायपुर : पांच राज्यों में चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ-साथ महंगाई भी बढ़ती जा रही है. महंगाई का आलम इस तरह है कि खाद्य सामग्रियों के साथ अब रसोई के गैस भी महंगे होते जा रहे हैं. जिसके चलते आम नागरिकों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं महंगाई का असर सब्जियों के दामों पर भी देखने को मिल रहा है. बढ़ती महंगाई को लेकर ईटीवी भारत ने शहर की जनता से बातचीत की और बढ़ती महंगाई को लेकर उनकी राय जानी...
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मंहगाई पर रायपुर की जनता का रिएक्शन : घनश्याम गजपाल का कहना है कि आम नागरिकों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. सब्जी के दाम एक ओर जहां बढ़ रहे हैं वहीं खाद्य तेल के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पहले 1 पीपा तेल 15,00 रुपए में मिल जाता था. अभी दोगुने दाम पर तेल का पीपा मिल रहा है. घरेलू रसोई गैस के दाम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यह आम लोगों के लिए बड़ा मुश्किल भरा समय है. हम पहले गाड़ियों में 100 का पेट्रोल डलवा कर काम कर लिया करते थे. अब 500 रुपए का पेट्रोल भरवाते हैं. महंगाई के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस दिशा में केंद्र सरकार को सोचने की बेहद आवश्यकता है. सरिया और सीमेंट के दाम भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में लोग कैसे मकान बनवाएंगे ?
सुबोध वर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार का सिर्फ एक सूत्री कार्यक्रम है. जितनी भी पुरानी संपत्तियां हैं उसे बेचने का कार्य किया जा रहा है. हाल ही में पांच राज्यों में चुनाव हुए और यह सब रुपए पूंजी पतियों से खर्च किए गए हैं. अब पूंजी पतियों के हिसाब से पॉलिसी बनेंगी. आज के समय में चंद लोगों के हाथों में अर्थव्यवस्था है. जब तक रुपए मूवमेंट नहीं करेंगे तब तक महंगाई बढ़ना ही है. इससे गरीबी और अमीरी की खाई भी बढ़ती जा रही है. मध्यम वर्गीय परिवार शिक्षा और चिकित्सा के लिए चिंतित रहते हैं.
यशवंत साहू का कहना है कि महंगाई इतनी बढ़ गई है कि परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. सरकार को आम जनता से कोई मतलब नहीं है. पांच राज्यों में चुनाव होने के बाद लगातार पेट्रोल के दाम भी बढ़ रहे हैं, बढ़ती महंगाई के चलते रोजमर्रा की चीजों में दिक्कतें आ रही हैं.
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ईश्वर बघेल का कहना है कि महंगाई इस कदर बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोगों को कड़ी मेहनत करने के बाद भी दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से मिल रही है. पेट्रोल और डीजल के दाम का असर सभी उत्पादों पर पड़ रहा है. इनके दाम बढ़ने से सब चीजों के दाम बढ़ने लग जाते हैं. खाने के तेल से लेकर घर की रसोई गैस सभी के दाम बढ़ गए हैं. ईश्वर बघेल ने कहा कि इस ओर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है. इसके साथ ही सरकार को अपने बाहरी खर्चो को भी कम करने की आवश्यकता है.
मनहरण टिकरिया का कहना है कि महंगाई को केंद्र सरकार और ना ही राज्य सरकार कंट्रोल कर पा रही है. दोनों ही सरकार एक जैसी महंगाई पर कंट्रोल कर पाना अब सरकार के बस की बात नहीं है. महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. सरकार को अगर महंगाई कंट्रोल करनी है तो पहले पूंजीपति वर्ग में कटौती करने की आवश्यकता है. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के बढ़ती रहेगी तो महंगाई पर इनका कोई कंट्रोल नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में हम कोई उम्मीद नहीं कर सकते हैं. महंगाई को कंट्रोल करने के लिए हमें समाज में विचार क्रांति लाने की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही एक नए इकॉनामिक व्यवस्था पर काम करना होगा.