रायपुर: छत्तीसगढ़ विद्युत संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन आंदोलन के 38वें दिन शनिवार को बिजली संविदा कर्मियों ने जल समाधि लेने की कोशिश की है. कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार और पावर कंपनी की उदासीनता को लेकर ऐसा घातक कदम उठाने की कोशिश की. हालांकि पुलिस प्रशासन ने संविदाकर्मियों को जल-समाधि लेने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए. गोताखोर तैनात कर संविदाकर्मियों को जल समाधि लेने से रोका गया. जल सत्याग्रह के दौरान 4 बिजली संविदाकर्मी बेहोश हो गए थे. कुछ देर बाद एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई.
10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल: 16 अप्रैल शनिवार को विद्युत संविदा कर्मचारी जल सत्याग्रह के लिए निकले. इस दौरान तालाब के गंदे पानी में डुबकी लगाने से 4 संविदाकर्मियों की हालत खराब हो गयी.वे उल्टी करने लगे. तालाब का पानी गंदे नाले से भी खराब था. बदबुदार पानी के कारण 4 संविदाकर्मी बेहोश भी हो गए थे. इस दौरान प्रशासन ने 45 मिनट के बाद एम्बुलेंस की व्यवस्था की.
सीएम बघेल के घेराव की कोशिश: 15 अप्रैल शुक्रवार को संविदाकर्मियों के द्वारा सीएम भूपेश बघेल के घेराव की कोशिश की गई. जिसके बाद प्रशासन ने आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से हल्का बल प्रयोग कर धक्का मुक्की किया. जिसमे कुछ संविदाकर्मियों को हल्की चोटें भी आई थी. बावजूद इसके पावर कंपनी प्रबंधन और सरकार ने चुप्पी साध रखी है. विद्युत संविदाकर्मियों का शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन आंदोलन को एक माह से अधिक हो गया है. इस बीच एक विद्युत संविदाकर्मी की सड़क हादसे में जान भी चली गई.
यह भी पढ़ें: रायपुर में हड़ताल पर बैठे संविदा कर्मचारी बलिराम बघेल की सड़क हादसे में मौत
विद्युत संविदाकर्मियों की 2 सूत्रीय मांगें
- संविदाकर्मियों को रिक्त पदों पर नियमित करें.
- विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदा कर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए.