रायपुर: लंबे समय से दूसरे राज्य और छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से राजधानी रायपुर में आकर भीख मांगने वाले भिक्षुओं को मोवा और पंडरी स्थित आश्रय स्थल में दाखिल कराया गया. रायपुर पुलिस ने विशेष पहल की है. इस अभियान में 40 से अधिक भिक्षुओं को आश्रय स्थल पहुंचाया गया. रायपुर पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा. रायपुर शहर के मुख्य चौक चौराहा, गार्डन, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड विभिन्न सार्वजनिक स्थलों और यातायात सिग्नल के पास वाहन रुकने के दौरान छोटे छोटे बच्चे महिला और वृद्ध भीख मांगते हुए नजर आ रहे थे. ऐसे में भिक्षुओं के साथ और राहगीरों के साथ घटना दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती थी.
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रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल को इसकी सूचना मिलने पर उन्होंने रायपुर के समस्त राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया था कि शहर में भीख मांगने वाले भिक्षुओं को आश्रय स्थल पहुंचाया जाए. जिसके बाद इन भिक्षुओं को पंडरी और मोवा स्थित आश्रय स्थल पहुंचाया गया. भिक्षुओं को आश्रय स्थल पहुंचाने का काम संयुक्त रुप से थाना स्टाफ एंटी क्राइम, साइबर यूनिट और आईयूसीएडब्ल्यू के स्टाफ ने ऐसे भिक्षुओं को सकुशल आश्रय स्थल पहुंचाया. रायपुर पुलिस ने 26 और 27 अक्टूबर 2 दिनों के दौरान 40 से अधिक भिक्षुओं को आश्रय स्थल पहुंचाने का काम किया.
गौरतलब हो कि राजधानी रायपुर में सड़क और अन्य जगहों का भीख मांगने वाले भिक्षुक प्रदेश के गरियाबंद, बलोदाबाजार, महासमुंद, जांजगीर चांपा, राजनादगांव, बेमेतरा, राजीम और शिवरीनारायणपुर जैसे जगहों के रहने वाले हैं.