रायपुर : नागपंचमी के अवसर पर मां दंतेश्वरी व्यायाम शाला समिति ने कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस प्रतियोगिता में 55 प्रतिभागियों ने हिस्सा किया. पुरानी बस्ती में हुए इस आयोजन में पहलवान हीरामणि साहू ने मुद्गर का प्रदर्शन किया.आपको बता दें कि समिति हर साल नागपंचमी के अवसर पर कुश्ती का आयोजन करती है.
क्या होती है कुश्ती ? : प्राचीन समय में महाभारत और रामायण काल में कुश्ती को मल्ल युद्ध के नाम से जाना जाता था. इस मल्ल युद्ध में दो प्रतिद्वंदी एक दूसरे से हाथों से मुकाबला करते हैं. कुश्ती करने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है. कुश्ती का आयोजन अखाड़े की मिट्टी में हुआ करता था. लेकिन बदलते जमाने में मिट्टी की जगह अब मैट ने ले ली है. इस कुश्ती में अलग-अलग तरीके से प्रतिद्वंद्वी को हराने पर अलग-अलग पॉइंट मिलते हैं. मां दंतेश्वरी व्यायाम शाला के सचिव दिलीप यदु ने बताया कि लोगों को बुरी लत से दूर रखने के लिए कुश्ती जैसे खेल जरूरी हैं .
''कुश्ती से शरीर तरो ताजा और स्वस्थ रहता है. कुश्ती के आयोजन के पीछे का मकसद प्राचीन सभ्यता को जीवित रखना है. मां दंतेश्वरी व्यामशाला समिति के द्वारा पिछले 30 वर्षों से नाग पंचमी के अवसर पर कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है. कुश्ती प्रतियोगिता का बड़ा और मुख्य कार्यक्रम जनवरी के महीने में राज्य स्तर पर आयोजित होता है." दिलीप यदु, सचिव, मां दंतेश्वरी व्यायाम शाला
बच्चे से लेकर युवाओं को कुश्ती की ट्रेनिंग : मां दंतेश्वरी व्यायाम शाला समिति के ट्रेनर और कोच चिरंजीव साहू ने बताया कि महाभारत काल में कुश्ती को मल्ल युद्ध के नाम से जाना जाता था. मौजूदा समय में दिलीप, स्कूल और कॉलेज के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे कुश्ती का अभ्यास कराते हैं, जिसमें 6 साल से लेकर 40 साल से ऊपर के लोग शामिल हैं. व्यायाम शाला के 16 बच्चे कुश्ती में राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए धमतरी भी जाएंगे.
सितंबर माह में होगी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता : आपको बता दें कि राज्य स्तर का कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन सितंबर के महीने में 21 से 24 तारीख तक होगा. मां दंतेश्वरी व्यायामशाला समिति में कोच पिछले 23 वर्षों से लोगों को कुश्ती की बारीकियां समझा कर पहलवान तैयार कर रहे हैं