रायपुर : छत्तीसगढ़ अपने अंदर बहुत बड़ी संस्कृति और इतिहास को समेटे है.इस प्रदेश में जैव विविधता के साथ प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है.छत्तीसगढ़ की तस्वीर अब देश से लेकर विदेश तक पहुंच रही है.इसमें सबसे बड़ा योगदान प्रदेश में रहने वाले नौजवानों का भी है.जो अपने ब्लॉग्स और वीडियो में प्रदेश के गांवों की संस्कृति को दिखाते हैं.रायपुर से 65 किलोमीटर दूर ऐसा ही एक गांव है.जिसका नाम है तुलसी.तुलसी गांव की खासियत ये है कि इस गांव में रहने वाले बच्चों से लेकर बूढ़े तक को वीडियो बनाने का शौक है.ग्रामीणों के इस शौक के प्रति सरकार का भी ध्यान गया.लिहाजा सरकार ने गांव में एक स्टूडियो की स्थापना करवाई ताकि वीडियो बनाने के बाद एडिटिंग में किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना आए.
छत्तीसगढ़ का यूट्यूबर गांव तुलसी : ग्राम पंचायत तुलसी में रहने वाले ज्यादातर लोगों को वीडियो बनाने का चस्का लग चुका है.कई लोगों ने खुद का चैनल बनाकर वीडियो अपलोड किए हैं.जिससे उन्हें काफी पॉपुलरिटी भी मिली है.इस गांव में रहने वाले करीब 55 से 60 लोग को यूट्यूब के जरिए पैसा और नाम दोनों ही कमा रहे हैं. गांव में बनने वाले वीडियो में खास बात ये है कि वीडियो में बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी कलाकार की भूमिका निभाते हैं. इसका फिल्मांकन भी तुलसी गांव और उसके आसपास के दूसरे एरिया में किया जाता है.इनके वीडियो सोशल मीडिया में काफी पसंद भी किए जाते हैं.
कितनी है गांव की आबादी ? : जानकारी के मुताबिक तुलसी गांव की आबादी 6000 है. इस आबादी में 11 सौ यूट्यूबर्स रहते हैं.इनमें से 40 लोग यूट्यूब का चैनल चलाते हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि गांव के हर घर में एक यूट्यूबर्स रहता है. जहां बच्चों से लेकर बूढ़े तक वीडियो बनाते दिख जाएंगे.हमारी टीम ने तुलसी गांव का दौरा किया.तो पता चला कि गांव में वीडियो बनाने की परंपरा खेल खेल में शुरु हुई.
यूट्यूबर्स को छत्तीसगढ़ी भाषा में मिले ज्यादा सब्सक्राइबर :यूट्यूबर आदित्य बघेल ने बताया कि वो फुल टाइम यूट्यूबर है. उसके चैनल के लगभग 21 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं.यूट्यूब वीडियो के अलावा वो वेडिंग का काम भी करता है.पहले आदित्य हिंदी में वीडियो बनाया करता था.लेकिन जब पॉपुलर हुआ तो छत्तीसगढ़ भाषा में वीडियो बनाना शुरु किया.जिससे वीडियो को काफी पसंद किया जाने लगा.वहीं यूट्यूबर सूरज वर्मा ने बताया कि वह खेती करता है. उसका ट्रांसपोर्ट का भी बिजनेस है. शुरू में यूट्यूब में बहुत सारा वीडियो देखता था.इसके बाद खुद ही वीडियो बनाने का फैसला किया.इसके बाद से ही वीडियो बनाने का सिलसिला शुरु है.
इंजीनियरिंग करने के बाद भी बना रहे वीडियो : गांव की युवा इंजीनियर मौसमी वर्मा के मुताबिक उसने इंजीनियरिंग की है.इसके अलावा वो यूट्यूब पर वीडियो बनाती है.
''सबसे पहले रक्षाबंधन पर एक वीडियो बनाया था. जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. उसके बाद से लगातार यूट्यूब के लिए वीडियो बना रही हैं.''- मौसमी वर्मा,यूट्यूबर
जिला प्रशासन ने गांव में बनाया हाईटेक स्टूडियो : तुलसी गांव में बनने वाले यूट्यूब वीडियो की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ रही है. गांव में बने वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. गांव की लोकप्रियता को देखते हुए प्रशासन ने भी यूट्यूबर्स को प्रोत्साहित करने की पहल की है. जिसके तहत इस गांव में एक सर्व सुविधा युक्त आधुनिक संसाधनों से लैस हमर फ्लिक्स(Hamar Flix) स्टूडियो बनाया गया है. जिसमें गांव के यूट्यूबर्स वीडियो शूट करने से लेकर एडिटिंग सहित दूसरे काम भी करते हैं.
''इस स्टूडियो के माध्यम से युवाओं के टैलेंट को प्रोत्साहन मिलेगा. इसी लाइन पर और युवाओं को जोड़ने के लिए आने वाले समय में डिजिटल रिसर्च केंद्र भी खोले जाएंगे.'' डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, रायपुर
वहीं यूटयूबर ज्ञानेंद्र ने ईटीवी भारत को कि इस स्टूडियो की खुल जाने से यहां के यूट्यूबर्स को काफी मदद मिलेगी. जिस काम के लिए लोगों को कई बार शहर की ओर रुख करना पड़ता था अब वह काम इस स्टूडियो में हो सकेगा. वीडियो शूट करने से लेकर एडिटिंग करने तक का सारा काम एक ही जगह पर हो रहा है.जिससे पैसों की भी बचत होने लगी है.
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प्रशासन की पहल से ग्रामीण खुश :आपको बता दें कि गांव में हमर फ्लिक्स स्टूडियो की स्थापना के बाद गांव में रहने वाले यूट्यूबर्स को वीडियो एडिटिंग के लिए रायपुर आना जाना नहीं पड़ रहा है.जिससे उनका समय भी बचने लगा है.प्रशासन की इस पहल को लेकर ग्रामीण काफी खुश है.ग्रामीणों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में गांव और भी ज्यादा तरक्की और नाम कमाएगा.