रायपुर: सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा संघ ने अपनी 5 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन किया. पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा संघ का कहना है कि शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना कर पुरानी पेंशन वेतन विसंगति क्रमोन्नति पदोन्नति और ओपीएस, एनपीएस विकल्प के लिए समय सीमा में वृद्धि की जाए. सरकार आज के प्रदर्शन के बाद भी अगर मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में शिक्षक उग्र होकर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे डेढ़ लाख शिक्षक: शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि "पूर्व सेवा गणना शिक्षक मोर्चा संघ के बैनर तले सोमवार को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. प्रथम सेवा अवधि की गणना करने के लिए पुरानी पेंशन वेतन विसंगति, क्रमोन्नति-पदोन्नति और ओपीएस, एनपीएस विकल्प के लिए समय सीमा में वृद्धि की जाए. प्रदेश भर के लगभग डेढ़ लाख शिक्षक अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और शिक्षकों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है."
एनपीएस की गणना 2012 से जबकि ओपीएस 2018 से: वीरेंद्र दुबे ने बताया कि "प्रथम नियुक्ति शिक्षाकर्मी के पद पर 1998 में हुई थी. सरकार एनपीएस की गणना 2012 से कर रही है, वहीं ओपीएस 2018 से दिया जा रहा है, जिसका विरोध प्रदेश के तमाम शिक्षकों के द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में पुरानी तिथि से गणना करते हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए. इसके बाद भी सरकार शिक्षकों की इस मांग की अनदेखी करती है, तो आने वाले दिनों में शिक्षक संघ के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा."
शिक्षक संघ की मांगों पर एक नजर
- पूर्व सेवा (शिक्षाकर्मी के पद पर प्रथम नियुक्ति) के आधार पर पुरानी पेंशन के लिए कुल सेवा की गणना होनी चाहिए.
- पेंशन निर्धारण के लिए केंद्र सरकार की तरह 33 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष की सेवा की जाए.
- सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर किया जाए.
- पूर्व सेवा अवधि (प्रथम नियुक्ति तिथि) के आधार पर जन घोषणा पत्र के अनुसार क्रमोन्नत वेतनमान निर्धारित हो
- ओपीएस, एनपीएस के लिए अपरिवर्तनीय विकल्प चयन की व्यवहारिक समय सीमा में 3 महीने की वृद्धि हो.