रायपुर: छत्तीसगढ़ में सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ बैनर तले 3 जुलाई से चल रही हड़ताल बुधवार को स्थगित हो गई. प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से अपने अपने जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे. इसके बाद 10 जुलाई से नया रायपुर के तूता धरना स्थल पर प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन शुरू हुआ. सरकार तक बात पहुंचाने के लिए संविदा कर्मियों ने कई जतन किए. अब सरकार पर भरोसा करते हुए आंदोलन स्थगित करने का ऐलान किया गया है.
इसलिए आंदोलनकारियों ने लिया फैसला: कर्मचारी महासंघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ के आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन को स्थगित किया गया है. इसके साथ ही ने प्रदेश सरकार से विश्वास है कि जल्द ही उन्हें नियमित किया जाएगा.
सरकार तक बात पहुंचाने के लिए घुटने के बल भी चले: रायपुर में 10 जुलाई से आंदोलन शुरू होने के बाद 11 जुलाई को सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों पर एस्मा लगा दिया गया. एस्मा के विरोध में संविदा कर्मचारियों ने जल सत्याग्रह, जेल भरो आंदोलन और 19 जुलाई से आमरण अनशन के साथ ही नियमितीकरण की मांग को लेकर राहुल गांधी को खून से खत लिखा. सरकार को मनाने का हर जतन किया. 26 जुलाई को आंदोलनकारी घुटनों के बल चलते हुए मंत्रालय जाने के लिए निकले, लेकिन उन्हें रास्ते में रोक दिया गया. बावजूद इसके सरकार ने संविदा कर्मचारियों की एक नहीं सुनी. 31 जुलाई को बीजापुर कलेक्टर ने 211 संविदा कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया.
लगभग 1 महीने तक आंदोलन चलने के बाद आज 2 अगस्त को आंदोलन स्थगित कर दिया गया है. नियमितीकरण की मांग को लेकर शासन प्रशासन से चर्चाएं भी हुई. आज 2 अगस्त को छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता के हित को ध्यान में रखते हुए आंदोलन को स्थगित किया गया है. भूपेश है तो भरोसा है इस नारे के आधार पर उन्हें विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जल्द ही नियमितीकरण को लेकर घोषणा करेंगे. -कौशलेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ
छत्तीसगढ़ की जनता की परेशानियों को देखते हुए संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित तो कर दी है, लेकिन अब देखना ये है कि सरकार इनकी परेशानियों को कब तक दूर कर पाती है.