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Negligence Of Private Hospital: रायपुर के एक अस्पताल ने जिंदा बच्ची को बताया मरा, पॉलिथिन में पैक करते समय शरीर में हुई हलचल, परिजनों का हंगामा

Negligence Of Private Hospital छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को अस्पताल प्रबंधन ने मरा हुआ बता दिया. जब बच्चियों को पॉलिथीन में पैक किया जा रहा था, उसी दौरान एक बच्ची के शरीर में हलचल हुई. बच्ची के जिंदा होने का पता लगते ही परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया.

Serious negligence of private hospital in Raipur
जिंदा बच्ची को मृत बताने पर हंगामा
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Published : Aug 9, 2023, 12:52 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बैरन बाजार के एक अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं. मंगलवार सुबह पैदा हुई जुड़वां बच्चियों को डॉक्टरों की टीम ने मरा हुआ बता दिया. परिजनों से कफन दफन की तैयारी के लिए पॉलिथीन मंगाई गई. इसी बीच पॉलिथीन में पैक करते समय एक बच्ची के शरीर में हलचल हुई. परिजनों ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को मानने को तैयार नहीं था. परिजनों के दबाव डालने के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने माना कि एक बच्ची जीवित है. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल, समता कॉलोनी निवासी अंजनी सारस्वत ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए मंगलवार सुबह 3 बजे हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. उनकी पत्नी ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया. हॉस्पिटल प्रबंधन ने पिता को बताया कि डिलीवरी प्रीमेच्योर हुई है. डिलीवरी के दौरान एक बच्ची की मौत हो चुकी है. दूसरी बच्ची अपनी अंतिम सांसें गिन रही है. थोड़ी देर बाद अस्पताल प्रबंधन ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया. यह सुनकर परिजन सदमें में आ गए. अंजनी सारस्वत के परिजन और परिचित भी अस्पताल पहुंच गए.

दफन के लिए मंगा लिया था पॉलिथीन: दोनों बच्चियों के मृत होने की खबर सुनने के बाद परिजनों ने कफन दफन के लिए पॉलिथीन मंगा लिया था. पॉलिथीन में पैक करते समय एक बच्ची के शरीर में हलचल होने की जानकारी परिजनों को मिली. इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को मानने को तैयार नहीं था.

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जांच में पता चला कि बच्ची जिंदा है: जब परिजनों ने डॉक्टर पर एक बार फिर बच्ची की जांच करने का दबाव बनाया, तो जांच की गई. इस जांच में पता चला कि बच्ची जिंदा है. ये बात चलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. उन्होंने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों ने दबाव बनाया, तो अस्पताल प्रबंधन ने भी माना की एक बच्ची जीवित है, जिसे आईसीयू में रखा गया है. परिजनों ने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

"मृत बच्ची का शव पंचनामा की कार्रवाई करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अब तक कोई भी एफआईआर थाने में नहीं लिखी गई है." - विनीत दुबे, थाना प्रभारी,सिटी कोतवाली

आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस: यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है. जुड़वां बच्ची में से एक मृत बच्ची का शव पंचनामा की कार्रवाई करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मामले मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली पुलिस अब मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बैरन बाजार के एक अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं. मंगलवार सुबह पैदा हुई जुड़वां बच्चियों को डॉक्टरों की टीम ने मरा हुआ बता दिया. परिजनों से कफन दफन की तैयारी के लिए पॉलिथीन मंगाई गई. इसी बीच पॉलिथीन में पैक करते समय एक बच्ची के शरीर में हलचल हुई. परिजनों ने इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को मानने को तैयार नहीं था. परिजनों के दबाव डालने के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन ने माना कि एक बच्ची जीवित है. इसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया.

क्या है पूरा मामला?: दरअसल, समता कॉलोनी निवासी अंजनी सारस्वत ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए मंगलवार सुबह 3 बजे हॉस्पिटल में एडमिट कराया था. उनकी पत्नी ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया. हॉस्पिटल प्रबंधन ने पिता को बताया कि डिलीवरी प्रीमेच्योर हुई है. डिलीवरी के दौरान एक बच्ची की मौत हो चुकी है. दूसरी बच्ची अपनी अंतिम सांसें गिन रही है. थोड़ी देर बाद अस्पताल प्रबंधन ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया. यह सुनकर परिजन सदमें में आ गए. अंजनी सारस्वत के परिजन और परिचित भी अस्पताल पहुंच गए.

दफन के लिए मंगा लिया था पॉलिथीन: दोनों बच्चियों के मृत होने की खबर सुनने के बाद परिजनों ने कफन दफन के लिए पॉलिथीन मंगा लिया था. पॉलिथीन में पैक करते समय एक बच्ची के शरीर में हलचल होने की जानकारी परिजनों को मिली. इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इस बात को मानने को तैयार नहीं था.

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जांच में पता चला कि बच्ची जिंदा है: जब परिजनों ने डॉक्टर पर एक बार फिर बच्ची की जांच करने का दबाव बनाया, तो जांच की गई. इस जांच में पता चला कि बच्ची जिंदा है. ये बात चलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया. उन्होंने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों ने दबाव बनाया, तो अस्पताल प्रबंधन ने भी माना की एक बच्ची जीवित है, जिसे आईसीयू में रखा गया है. परिजनों ने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

"मृत बच्ची का शव पंचनामा की कार्रवाई करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अब तक कोई भी एफआईआर थाने में नहीं लिखी गई है." - विनीत दुबे, थाना प्रभारी,सिटी कोतवाली

आगे की कार्रवाई में जुटी पुलिस: यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है. जुड़वां बच्ची में से एक मृत बच्ची का शव पंचनामा की कार्रवाई करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. मामले मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली पुलिस अब मर्ग कायम कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.

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