रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कई बड़ी घोषणाएं की. उनमें से एक घोषणा बालिकाओं और महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार से जुड़ी थी. सीएम भूपेश ने ऐलान किया कि छेड़छाड़, दुष्कर्म के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा. लेकिन सीएम भूपेश बघेल की इस घोषणा पर बीजेपी ने हमला बोला है. बीजेपी ने अब सीएम भूपेश बघेल से सवाल पूछा है कि आखिर क्यों प्रदेश में इस तरह की घोषणा करने की जरुरत पड़ी.
महिलाओं की अस्मिता बचाने के लिए निर्णय : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं उनकी अस्मिता बनाये रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम निर्णय लेने जा रहे हैं कि बालिकाओं और महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म के आरोपियों को शासकीय नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा.
" इसके पीछे उद्देश्य है कि हमारी महिला और बेटियां हैं उनकी सुरक्षा और उनके साथ दुष्कर्म या छेड़छाड़ वाले आरोपियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. सामाजिक सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है". भूपेश बघेल,सीएम छग
बीजेपी मीडिया प्रमुख अमित चिमनानी के मुताबिक सीएम बघेल की घोषणा ने बहुत हैरान किया.जो महिलाओं से छेड़छाड़ करेंगे दुष्कर्म करेंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी. जिन अपराधियों की जगह जेल में होनी चाहिए ,उन्हें सजा दी जानी चाहिए है, उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाती है. इसके लिए घोषणा करने की आवश्यकता क्यों पड़ी. शायद इसलिए कि कांग्रेस की मानसिकता शुरू से ही अपराधियों का संरक्षण देने और पुरस्कृत करने की रही है.
'' पिछले 5 साल में यही हुआ है. जो अपराधी हैं, वह जेल के बाहर घूमते हैं और जो फिर फरियादी हैं, वो थानों में हाथ जोड़कर फरियाद करता रहता है कि उसकी शिकायत लिखी जाए. कइयों ने तो आत्महत्या कर ली. यह घोषणा कांग्रेस के चरित्र और नीयत को स्पष्ट करती है. अपराधियों को संरक्षण देने की मानसिकता कांग्रेस में आज भी कायम है.'' अमित चिमनानी, प्रदेश प्रमुख, मीडिया विभाग
घोषणा पर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने :छत्तीसगढ़ में चुनाव नजदीक है.ऐसे में सीएम भूपेश बघेल ने मंच से महिलाओं को ये संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस के राज में उनके साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कोताही नहीं बरती जाएगी.इसलिए सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश की महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की.लेकिन बीजेपी अब इसी घोषणा को लेकर भूपेश सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. अब देखना ये होगा कि सीएम भूपेश की ये घोषणा आने वाले चुनाव से पहले महिलाओं पर कितना असर डालती है.