रायपुर : नया रायपुर में 1000 एकड़ में प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर के लिये लैंडयूज बदला जा चुका है. होलसेल कॉरिडोर में स्थान लेने के लिए एनआरडीए (नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण) ने व्यावसायिक संघों को आवेदन देने को कहा है. जिसके लिए छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के भवन में बैठक का आयोजन हुआ.
दक्षिण मध्य एशिया के सबसे बड़े होलसेल कॉरिडोर के लिए आवेदनकर्ता व्यापारिक संघों के प्रमुखों के साथ बैठक का आयोजन किया गया. जिसमे चैंबर के पदाधिकारियों के साथ व्यापारी भी मौजूद थे. इस कॉरिडोर में जगह लेने के लिए व्यापारियों से छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने चर्चा की.
'' मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा स्वीकृत इस महत्वपूर्ण योजना और चैंबर का विजन अब जल्द ही मूर्त रूप लेने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रस्तावित नए होलसेल कॉरिडोर की परिकल्पना से प्रदेश के समस्त व्यापारी भली भांति परिचित हैं.एनआरडीए ने आवश्यकताओं के अनुरूप एक प्रपत्र जारी किया है, जिसे व्यापारिक संघों के प्रमुखों द्वारा जिन्हें होलसेल कॉरिडोर में स्थान लेना है.उन्हें भरकर जमा करना होगा.''अमर पारवानी,अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स
पड़ोसी राज्यों को भी मिलेगा फायदा : बैठक में मनीष पल्लीवार ने होलसेल कॉरिडोर मॉडल का प्रेजेंटेशन दिया. प्रस्तावित होलसेल कॉरिडोर उपरोक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजारों जैसा विशाल और व्यवस्थित होगा. यह होलसेल कॉरिडोर स्वामी विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट रायपुर, अटल नगर (नया रायपुर) रेलवे स्टेशन निर्माणाधीन भारत माला सड़क परियोजना एवं एनएच 30 के समीप होगा. जो भौगोलिक रूप से छत्तीसगढ की सीमा से लगे ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड की मांग की आपूर्ति करेगा.
होलसेल कॉरिडोर के निर्माण के बाद क्या होगा फायदा : होलसेल कॉरिडोर के बन जाने से प्रदेश के व्यापार को नई ऊंचाई, दिशा और गति मिलेगी. संपूर्ण भारतवर्ष में छत्तीसगढ़ मॉडल के एक अनूठे और सबसे बड़े व्यवसाय क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा. यह एक स्वकेंद्रित और सभी तरह के थोक व्यापार के लिए एक ही स्थान पर सर्वसुविधायुक्त परिसर होगा. कॉरिडोर को भविष्य में लगभग 100 वर्ष बिना किसी बाधा के चलने का अनुमान लगाया गया है.
होलसेल कॉरिडोर की खासियत : यह देश का प्रथम पर्यावरण संतुलित बाजार होगा, जिसमें सोलर एनर्जी वाटर हार्वेस्टिंग, वॉटर रीसाइकलिंग और गार्बेज रिसाइकलिंग की भी व्यवस्था होगी. पर्यावरण संतुलन के लिए पूरे क्षेत्र में सघन वृक्षारोपण भी होगा. प्रस्तावित बाजार को सेक्टरों में वर्गीकृत किया गया है. जिससे ग्राहकों को आने जाने में किसी प्रकार की समस्या ना हो. मूलभूत सुविधाएं जैसे पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, चिकित्सा सुविधा, अग्निशमन, शौचालय, हम्मालों के लिए विश्राम स्थल, खानपान के स्टॉल, धर्म कांटा, ट्रकों और अन्य वाहनों के खड़े होने की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था का भी ध्यान रखा गया है.