रायपुर : छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने का मामला गर्माते जा रहा है.बीते दिन युवाओं ने विधानसभा रोड पर नग्न प्रदर्शन किया था.इसी मुद्दे को लेकर दिव्यांग सेवा संघ ने अपनी बात रखी.दिव्यांग सेवा संघ की माने तो छत्तीसगढ़ सरकार के अलग-अलग विभागों में लगभग 113 अधिकारी और कर्मचारी डिप्टी कलेक्टर, संचालक, सीएमओ और कृषि विभाग में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जैसे पदों पर काबिज हैं.
फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पाने का आरोप : इन सभी लोगों ने फर्जी तरीके से फर्जी तौर पर दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी पाई है. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई और नौकरी करने वाले को बर्खास्त करने की मांग छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ कर रहा है. दिव्यांग सेवा संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है यदि ऐसे फर्जी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में सड़क पर उग्र प्रदर्शन होगा.
जो नौकरी दिव्यांग जनों को मिलनी थी. वह नौकरी किसी और को मिल गई है. कई लोग फर्जी तौर पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की गई है. प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की है. लेकिन पिछले 4 साल से इस मामले में कोई भी कार्रवाई प्रदेश सरकार ने नहीं की है. -राधा कृष्ण गोपाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ
दिव्यांग सेवा संघ का आरोप है कि कई विभाग हैं, जिसमें फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाकर लोग नौकरी कर रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न विभागों में लगभग 113 लोग फर्जी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. जिसमें 18 ऐसे लोग हैं, जो पीएससी से चयनित होकर डिप्टी कलेक्टर सीएमओ और संचालक के पद पर सेवाएं दे रहे हैं.
प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले का गिरोह काम कर रहा है, और इस पर प्रदेश सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. ऐसे में जो दिव्यांगजन है उनका हक मारा जा रहा है. वास्तव में जो लोग दिव्यांग हैं. वह पिछले 4 सालों से इस लड़ाई को लड़ रहे हैं. बावजूद इसके फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह या फिर अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है. -गौरीशंकर श्रीवास, नेता बीजेपी
बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बिना अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र नहीं बन सकता.ऐसे में अपात्र लोगों के कारण पात्र लोगों को नौकरी नहीं मिली. सरकार को चाहिए कि मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करे.