रायपुर: राजधानी रायपुर से लगे नवा रायपुर स्थित तूता धरना स्थल पर शिक्षक संघ आज एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन करेंगे. वेतन विसंगति के साथ अपने अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक लामबंद हुए हैं. प्रदेश के सभी शिक्षकों के प्रमुख पांच संगठनों से मिलकर बने "छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा" पर विश्वास जताया है. साथ ही 31 जुलाई तक मांग पूरी नहीं होने पर शिक्षक संघ ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी भी सरकार को दी है.
क्या है शिक्षक संघ की मांगें: छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सर्वसम्मति से अपनी मांगे शासन के सामने रखी है. मोर्चा की मांगों में पुरानी सेवा गणना करना, प्रथम नियुक्ति तिथि से सही वेतन निर्धारण करते हुए सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करना, क्रमोन्नत वेतनमान प्रदान करना, पुरानी पेंशन निर्धारित कर 20 वर्ष की पूर्ण सेवा पर पुरानी पेंशन दिया जाना शामिल है. अपनी इन्ही मांगों को लेकर प्रदेश भर के शिक्षक लामबंद होकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं.
"संविलयन पश्चात विभिन्न वेतन विसंगतियों को झेल रहे. प्रदेश के एलबी संवर्ग के शिक्षक अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 18 जुलाई को नवा रायपुर में एक दिवसीय जंगी प्रदर्शन करने जा रहे हैं. 31 जुलाई तक मांग पूर्ण न होने की दशा में प्रदेशभर के शिक्षक संघ अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए मजबूर होंगे." - वीरेंद्र दुबे, संचालक, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा
अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुए शिक्षक संगठन: प्रदेश के पांच प्रमुख संगठन ने एकता स्थापित कर छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा का गठन किया है. जिसमें सहायक शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष मनीष मिश्रा, शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, नवीन शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष विकास राजपूत, संयुक्त शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन एवं टीचर्स एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा एकजुट होकर प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करेंगे.