रायपुर: गांधी जयंती के दिन से ही छत्तीसगढ़ के स्कूलों की हालत खस्ता होने वाली है. स्कूलों न तो झाड़ू लगेगी और न ही किसी और किस्म की साफ सफाई हो पाएगी. छात्रों के साथ ही शिक्षकों के परेशानियों का समाना करना पड़ सकता है. दरअसल, 1 जुलाई को बैठक कर छ्त्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी संघ ने इसका ऐलान किया. साथ ही मौजूदा सरकार को गिराने की भी चेतावनी दी है.
स्कूल सफाई कर्मचारी संघ ने क्यों दी है चेतावनी?: छ्त्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी संघ अंशकालीन से पूर्णकालीन (कलेक्टर दर) करने की मांग पर लंबे समय से अड़ा है. संघ ने बैठक कर इस एक सूत्रीय मांग को लेकर 9 अगस्त यानी क्रांति दिवस के दिन प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है. 15 अगस्त तक मांग पूरी न होने पर 2 अक्टूबर 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन की बात कही है. साथ ही स्कूल सफाई कर्मचारी परिवार के 10 लाख वोटर के साथ सरकार गिराने की भी चेतावनी दी है.
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में स्कूल सफाई कर्मचारियों के परिवार ने मेहनत और मन लगाकर सरकार को जिताया था. लेकिन सरकार ने जीतने के बाद अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को आज तक पूरा नहीं किया. 15 अगस्त के दिन स्कूल सफाई कर्मचारी को उपहार या सौगात के रूप में इन्हें अंशकालीन से पूर्ण कालीन किया जाए. मांग पूरी नहीं होती है तो सफाई कर्मचारी परिवार के 10 लाख वोटर कांग्रेस पार्टी को वोट ना डालकर किसी दूसरी पार्टी को वोट डालेंगे. -संतोष खांडेकर, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कर्मचारी संघ
48 हजार स्कूलों में बिगड़ जाएगी व्यवस्था: छत्तीसगढ़ में प्राइमरी, मिडिल, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों को मिलाकर लगभग 48 हजार स्कूल हैं. इन स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों की संख्या लगभग 43 हजार 300 है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं. इन सफाई कर्मचारियों से स्कूलों में 2 घंटे की बजाय कई घंटे तक काम लिया जाता है. मानदेय के रूप में महज 2400 रुपये मिलते हैं. बजट सत्र में सरकार ने स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों का मानदेय 400 रुपये बढ़ाया. अब स्कूलों में सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों को 2800 रुपए मानदेय मिल रहा है. इससे स्कूलों में काम करने वाले सफाई कर्मचारियों में नाराजगी है.