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Chhattisgarh Election 2023 : टिकट के लिए दिग्गजों के आगे मत्था टेक रहे दावेदार, जानिए किस फॉर्मूले पर चुना जा रहा है प्रत्याशी ?

Chhattisgarh Election 2023 बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए 21 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है.लेकिन अब बाकी बची 69 सीटों के लिए दावेदारों का जमावड़ा बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में लगने लगा है.ऐसा इसलिए है क्योंकि जिन 21 सीटों पर टिकट दिए गए हैं.वहां भी कई दावेदार थे.लेकिन बिना किसी को भनक लगे बीजेपी ने पहली सूची जारी करके सभी को चौंका दिया.ऐसे में बाकी बची सीटों के दावेदारों ने दूसरी सूची जारी होने से पहले ही प्रदेश कार्यालय का रुख कर लिया है.जहां दिग्गज नेताओं के सामने टिकट की गुहार लगाई जा रही है. Fair of claimants in BJP state office for ticket

Chhattisgarh Election 2023
बड़े नेताओं तक पहुंचा रहे बायोडाटा
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 26, 2023, 2:31 PM IST

Updated : Aug 26, 2023, 5:21 PM IST

टिकट की होड़

रायपुर : छ्त्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली सूची जारी की.जिसके बाद दूसरे दलों में भी जल्द से जल्द टिकट की सूची जारी करने का दबाव बढ़ा है.वहीं दूसरी तरफ बाकी बची सीटों के लिए बीजेपी के दावेदार प्रदेश कार्यालय में इकट्ठा होने लगे हैं.छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विधानसभा से दावेदार अपना बायोडाटा लेकर आ रहे हैं. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश सह-प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से दावेदार अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करके अपनी ताकत बता रहे हैं.वहीं इस दौरान सामाजिक संगठन भी टिकट की दावेदारी को लेकर बीजेपी के आला नेताओं से मीटिंग कर रहे हैं.

सामाजिक संगठनों ने की टिकट की मांग : कवर्धा विधानसभा की बात करें तो इस क्षेत्र में साहू और कुर्मी समाज के वोटर्स की संख्या जाता है. दोनों ही समाज से जुड़े पदाधिकारियों ने जिले की दो विधानसभा के लिए टिकट मांगा है.जिसमें एक विधानसभा में कुर्मी और दूसरे विधानसभा में साहू समाज को टिकट देने की मांग की गई है. दावेदार कौन हैं और किस पर अबकी बार दांव लगाना सही होगी.इस बात की भी जानकारी लेकर दावेदार कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं.

साहू समाज ने टिकट की दावेदारी की पेश : कबीरधाम से जिला साहू संघ अध्यक्ष शीतल कुमार साहू ने कहा राजनीति उद्देश्य से कुर्मी समाज और साहू समाज भाजपा कार्यालय में आए हैं. हम अपनी बातें रख रहे हैं .कवर्धा जिले में दो विधानसभा हैं. दोनों विधानसभा में परम्परागत साहू और कुर्मी समाज के लोगों को बीजेपी टिकट देती आई है.इसलिए अबकी बार साहू और कुर्मी समाज को ही टिकट देने की मांग की जा रही है.


क्या है कुर्मी समाज का कहना ? : वहीं चंद्राकर समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र चंद्राकर के मुताबिक हमने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के तीन प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की है. हम लगभग 100 की संख्या में कुर्मी समाज और साहू समाज के लोग आए हैं. पिछले तीन पंचवर्षीय से दोनों समाज के व्यक्तियों को उम्मीदवारी पार्टी ने दी है.

''पंडरिया और कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी और साहू समाज के लोग चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हैं. हमारा 46 प्रतिशत वोट है. हम 2023 विधानसभा चुनाव में कुर्मी और साहू समाज से एक-एक सीट देने की मांग की है.व्यक्ति कोई भी हो जो पार्टी के फॉर्मूले में फिट बैठता हो उन्हें टिकट दी जाए. लेकिन हमारी मांग है कि दोनों समाज से एक एक सीट दी जाए. हमारे समाज से अगर टिकट दी जाती है तो हम आश्वासन देते है कि दोनों सीट भाजपा के झोली में डालेंगे." वीरेंद्र चंद्राकर, जिलाध्यक्ष कुर्मी समाज

प्रदेश प्रभारी और बड़े नेताओं से मिलने की होड़ : विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से दावेदार बीजेपी कार्यालय में जुट रहे हैं. दावेदार अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन से मिलने के लिए प्रयासरत हैं. प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में बड़ी संख्या में दावेदार अपना बायोडाटा लेकर पहुंचे हैं. विधानसभा में टिकट पाने की चाह रखने वालों से ईटीवी भारत ने बात करने की कोशिश की.लेकिन किसी ने भी कैमरे के सामने कुछ नहीं कहा.

कांग्रेस ने बीजेपी के टिकट बंटवारे पर उठाए सवाल : आपको बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी की टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए हैं.साथ ही साथ कांग्रेस के टिकट देने के तरीके को लोकतांत्रिक बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर की माने तो कांग्रेस ने ब्लॉक स्तर पर आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरु की. उसमें कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा मौजूदा मंत्री भी ब्लॉक में जाकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत किए हैं. यही कांग्रेस की लोकतंत्र की खूबसूरती है. सभी लोगों को अपनी इच्छा जाहिर करने का भी अधिकार है.लेकिन बीजेपी में तानाशाही है.

''कांग्रेस में जो टिकट की प्रक्रिया चली है उसके बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का आक्रोश सामने आया है.भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो हिटलर शाही चलती है उस बात का भाजपा के लोग भी विरोध करने लगे हैं.भाजपा में यह नहीं पूछा जा रहा है कि उम्मीदवार कौन होगा. कांग्रेस पार्टी में पूछ परख होती है और मंथन होता है. उसके बाद निर्णय लिया जाता है.यही दोनों पार्टी में अंतर है.'' धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस



बीजेपी हर दावेदार को देती है मौका : वहीं बीजेपी के टिकट बंटवारे को लेकर प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि संगठन जो प्रत्याशी जीतने लायक हो.जनता की सेवा कार्यों से जुड़ा हो.पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हो.पार्टी उन्हें मौका देती है.

''जहां तक दावेदारी प्रस्तुत करने का सवाल है. हर कार्यकर्ता को यह अधिकार होता है कि वह अपने शीर्ष नेतृत्व को अपनी इच्छा से अवगत कराए. भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास की बात करती है.सभी समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व भी देती है.सभी समाज के लोगों को भी अपनी इच्छा जाहिर करने का अधिकार है." अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया प्रभारी

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बीजेपी में क्या है टिकट बांटने का फॉर्मूला ?: भारतीय जनता पार्टी जिताऊ प्रत्याशियों को ही चुनाव में टिकट वितरण करती है. बीजेपी इसके लिए सबसे पहले क्षेत्रीय स्तर पर सर्वे कराती है. सर्वे टीम जमीनी स्तर में जाकर लोगों का फीडबैक लेती है. इसके बाद दावेदारों की स्थिति की जानकारी आलाकमान तक पहुंचाती है.वहीं सर्वे का काम प्राइवेट सर्विस एजेंसी को भी दिया जाता है.बीजेपी के बड़े लीडर्स कई विधानसभाओं में खुद जाकर फीडबैक लेते हैं.इसके बाद ही प्रत्याशी का चयन किया जाता है.

टिकट की होड़

रायपुर : छ्त्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली सूची जारी की.जिसके बाद दूसरे दलों में भी जल्द से जल्द टिकट की सूची जारी करने का दबाव बढ़ा है.वहीं दूसरी तरफ बाकी बची सीटों के लिए बीजेपी के दावेदार प्रदेश कार्यालय में इकट्ठा होने लगे हैं.छत्तीसगढ़ के अलग-अलग विधानसभा से दावेदार अपना बायोडाटा लेकर आ रहे हैं. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश प्रभारी, प्रदेश सह-प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से दावेदार अपने कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करके अपनी ताकत बता रहे हैं.वहीं इस दौरान सामाजिक संगठन भी टिकट की दावेदारी को लेकर बीजेपी के आला नेताओं से मीटिंग कर रहे हैं.

सामाजिक संगठनों ने की टिकट की मांग : कवर्धा विधानसभा की बात करें तो इस क्षेत्र में साहू और कुर्मी समाज के वोटर्स की संख्या जाता है. दोनों ही समाज से जुड़े पदाधिकारियों ने जिले की दो विधानसभा के लिए टिकट मांगा है.जिसमें एक विधानसभा में कुर्मी और दूसरे विधानसभा में साहू समाज को टिकट देने की मांग की गई है. दावेदार कौन हैं और किस पर अबकी बार दांव लगाना सही होगी.इस बात की भी जानकारी लेकर दावेदार कार्यकर्ताओं के साथ प्रदेश कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं.

साहू समाज ने टिकट की दावेदारी की पेश : कबीरधाम से जिला साहू संघ अध्यक्ष शीतल कुमार साहू ने कहा राजनीति उद्देश्य से कुर्मी समाज और साहू समाज भाजपा कार्यालय में आए हैं. हम अपनी बातें रख रहे हैं .कवर्धा जिले में दो विधानसभा हैं. दोनों विधानसभा में परम्परागत साहू और कुर्मी समाज के लोगों को बीजेपी टिकट देती आई है.इसलिए अबकी बार साहू और कुर्मी समाज को ही टिकट देने की मांग की जा रही है.


क्या है कुर्मी समाज का कहना ? : वहीं चंद्राकर समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र चंद्राकर के मुताबिक हमने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के तीन प्रमुख पदाधिकारियों से मुलाकात की है. हम लगभग 100 की संख्या में कुर्मी समाज और साहू समाज के लोग आए हैं. पिछले तीन पंचवर्षीय से दोनों समाज के व्यक्तियों को उम्मीदवारी पार्टी ने दी है.

''पंडरिया और कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी और साहू समाज के लोग चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हैं. हमारा 46 प्रतिशत वोट है. हम 2023 विधानसभा चुनाव में कुर्मी और साहू समाज से एक-एक सीट देने की मांग की है.व्यक्ति कोई भी हो जो पार्टी के फॉर्मूले में फिट बैठता हो उन्हें टिकट दी जाए. लेकिन हमारी मांग है कि दोनों समाज से एक एक सीट दी जाए. हमारे समाज से अगर टिकट दी जाती है तो हम आश्वासन देते है कि दोनों सीट भाजपा के झोली में डालेंगे." वीरेंद्र चंद्राकर, जिलाध्यक्ष कुर्मी समाज

प्रदेश प्रभारी और बड़े नेताओं से मिलने की होड़ : विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए प्रदेश के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से दावेदार बीजेपी कार्यालय में जुट रहे हैं. दावेदार अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन से मिलने के लिए प्रयासरत हैं. प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में बड़ी संख्या में दावेदार अपना बायोडाटा लेकर पहुंचे हैं. विधानसभा में टिकट पाने की चाह रखने वालों से ईटीवी भारत ने बात करने की कोशिश की.लेकिन किसी ने भी कैमरे के सामने कुछ नहीं कहा.

कांग्रेस ने बीजेपी के टिकट बंटवारे पर उठाए सवाल : आपको बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी की टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए हैं.साथ ही साथ कांग्रेस के टिकट देने के तरीके को लोकतांत्रिक बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर की माने तो कांग्रेस ने ब्लॉक स्तर पर आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरु की. उसमें कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अलावा मौजूदा मंत्री भी ब्लॉक में जाकर अपनी दावेदारी प्रस्तुत किए हैं. यही कांग्रेस की लोकतंत्र की खूबसूरती है. सभी लोगों को अपनी इच्छा जाहिर करने का भी अधिकार है.लेकिन बीजेपी में तानाशाही है.

''कांग्रेस में जो टिकट की प्रक्रिया चली है उसके बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का आक्रोश सामने आया है.भारतीय जनता पार्टी के अंदर जो हिटलर शाही चलती है उस बात का भाजपा के लोग भी विरोध करने लगे हैं.भाजपा में यह नहीं पूछा जा रहा है कि उम्मीदवार कौन होगा. कांग्रेस पार्टी में पूछ परख होती है और मंथन होता है. उसके बाद निर्णय लिया जाता है.यही दोनों पार्टी में अंतर है.'' धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस



बीजेपी हर दावेदार को देती है मौका : वहीं बीजेपी के टिकट बंटवारे को लेकर प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि संगठन जो प्रत्याशी जीतने लायक हो.जनता की सेवा कार्यों से जुड़ा हो.पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हो.पार्टी उन्हें मौका देती है.

''जहां तक दावेदारी प्रस्तुत करने का सवाल है. हर कार्यकर्ता को यह अधिकार होता है कि वह अपने शीर्ष नेतृत्व को अपनी इच्छा से अवगत कराए. भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास की बात करती है.सभी समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व भी देती है.सभी समाज के लोगों को भी अपनी इच्छा जाहिर करने का अधिकार है." अमित चिमनानी, प्रदेश मीडिया प्रभारी

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बीजेपी में क्या है टिकट बांटने का फॉर्मूला ?: भारतीय जनता पार्टी जिताऊ प्रत्याशियों को ही चुनाव में टिकट वितरण करती है. बीजेपी इसके लिए सबसे पहले क्षेत्रीय स्तर पर सर्वे कराती है. सर्वे टीम जमीनी स्तर में जाकर लोगों का फीडबैक लेती है. इसके बाद दावेदारों की स्थिति की जानकारी आलाकमान तक पहुंचाती है.वहीं सर्वे का काम प्राइवेट सर्विस एजेंसी को भी दिया जाता है.बीजेपी के बड़े लीडर्स कई विधानसभाओं में खुद जाकर फीडबैक लेते हैं.इसके बाद ही प्रत्याशी का चयन किया जाता है.

Last Updated : Aug 26, 2023, 5:21 PM IST
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