नई दिल्ली/रायपुर: 25 जुलाई को राज्यसभा से छत्तीसगढ़ में समुदायों को एसटी सूची में शामिल करने का विधेयक पारित हो गया है. इस विधेयक के पारित होने से छत्तीसगढ़ के लगभग 72,000 लोगों को लाभ होगा. इस विधेयक के तहत छत्तीसगढ़ के धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, सौंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ के करीब 72 लोगों को होगा फायदा: राज्यसभा में विधेयक का संचालन करते हुए केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि "विधेयक के पारित होने से छत्तीसगढ़ के लगभग 72,000 लोगों को लाभ होगा. उन्होंने कहा, "यह एक छोटी संख्या है. लेकिन यह आदिवासियों के कल्याण के प्रति सरकार की संवेदनशीलता के बारे में बताती है."
"मोदी सरकार देश भर में फैले आदिवासी समुदायों के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने में सक्रिय रूप से शामिल रही है. आदिवासी समुदाय वर्षों से पीड़ित थे, लेकिन पिछली सरकारों ने उनकी समस्याओं को हल करने के लिए कुछ नहीं किया. पिछले नौ वर्षों में, हमने आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए लगन से काम करने की कोशिश की है. चाहे वह अरुणाचल प्रदेश हो, त्रिपुरा हो या उत्तर प्रदेश हो." - अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय जनजातीय मामले
विपक्ष के सुझावों पर गौर करेगी सरकार: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सरकार द्वारा उच्च सदन में चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार करने की भी बात कही है. जनजातीय मामलों की केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरुता ने भी विधेयक के पारित होने को पूरे देश के जनजातीय समुदायों के लिए गर्व का दिन बताया है.
राज्यसभा से संविधान संसोधन विघेयक पारित: इसके साथ ही राज्यसभा से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 उच्च सदन में ध्वनि मत से पारित किया गया. जो भुइंया, भुइन्यां और भुयां को भरिया भूमिया समुदाय के पर्यायवाची के रूप में औपचारिक रूप देने का भी प्रयास करता है. इसमें पंडो समुदाय के नाम के तीन देवनागरी संस्करण भी शामिल हैं. लोकसभा ने दिसंबर 2022 में इस कानून को मंजूरी दे दी थी.