रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव जैसे जैसे पास आ रहे हैं. कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. गुरुवार रात भूपेश सरकार ने मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में बदलाव कर दिया. कांग्रेस भले इसे रूटीन प्रक्रिया बता रही हो लेकिन भाजपा का कहना है कि साढ़े 4 साल में जनता की नाराजगी की वजह से भूपेश बघेल को ये निर्णय लेना पड़ा. जानकारों का भी मानना है कि संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने ये फेरबदल किया गया है.
पहले जान लेते हैं कैबिनेट मंत्रियों को किन जिलों का प्रभार दिया गया है.
- डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव : बेमेतरा, कवर्धा
- ताम्रध्वज साहू : महासमुंद, बिलासपुर
- रविंद्र चौबे : रायपुर व रायगढ़
- मोहम्मद अकबर : दुर्ग और बालोद
- शिव डहरिया : सरगुजा,बलरामपुर, सूरजपुर
- कवासी लखमा : बस्तर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर
- अमरजीत भगत : राजनांदगांव, खैरागढ़, गरियाबंद, मोहला मानपुर
- उमेश पटेल : सारंगढ़- बिलाईगढ़, बलौदाबाजार- भाटापारा, जशपुर
- मंत्री मोहन मरकाम : मनेंद्रगढ़, कोरिया
- अनिला भेड़िया : कांकेर व धमतरी
- मंत्री रूद्रकुमार : मुंगेली व सुकमा
- जयसिंह अग्रवाल : जांजगीर चांपा, गौरेला पेंड्रा मरवाही और सक्ति
मंत्रियों का प्रभार बदलना सामान्य प्रक्रिया: मंत्रियों के प्रभार बदलने को कांग्रेस सामान्य प्रक्रिया बता रही है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. कैबिनेट मंत्रियों का समय समय पर दायित्व और प्रभार बदला जाता है. नई जिम्मेदारियां दी जाती है.
सामान्य प्रक्रिया है. मंत्रियों का समय समय पर दायित्व बदला जाता है. नई जिम्मेदारी मिलती है.- धनंजय सिंह ठाकुर, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
नाराजगी दूर करने कर रहे फेरबदल: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि छत्तीसगढ़ से दिल्ली तक कांग्रेस में असंतोष है. पार्टी में किसी का किसी पर भरोसा नहीं रहा है. दिल्ली के लोग मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं करते हैं इस वजह से टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बना दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने ही मंत्रियों पर भरोसा नहीं करते है, इसलिए उन्होंने मंत्रियों का जिला प्रभार बदल दिया. पार्टी में अदला-बदली का खेल चल रहा है. प्रेमसाय सिंह टेकाम को मंडल अध्यक्ष बनाने की घोषणा हुई लेकिन आज तक आदेश जारी नहीं हुआ. मोहन मरकाम को मंत्री बनाया गया है जो कि खाली जातियों के मंत्री बनकर रह गए हैं, ना कोई बजट ना कोई ठिकाना.भाजपा नेता का कहना है कि इस बदलाव से कांग्रेस को कोई फायदा होने वाला नहीं है. जनता आक्रोशित और वह इनके हार की गाथा लिखने वाली है.
भूपेश बघेल अपने जिला के प्रभारी मंत्रियों पर भरोसा नहीं करते इसलिए उन्हें बदल दिया- केदार गुप्ता, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
चेहरा बदलाव का कांग्रेस सरकार को मिलेगा लाभ: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार अनिल द्विवेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करने के बाद ये फैसला लिया. यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है जिस वजह से उन्होंने निर्णय लेते हुए सभी मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में बदलाव किया है. संगठन सहित सभी जगह से फीडबैक लेने के बाद मुख्यमंत्री यह निर्णय लिया है. कई जगहों पर क्षेत्र में मंत्रियों से आम जनता सहित कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, चाहे वह काम को लेकर हुई या फिर उनकी सक्रियता को लेकर हो. इसे दूर करने ही ये काम किया गया है.द्विवेदी ने कहा कि चेहरा बदलने से अक्सर लोगों की नाराजगी दूर हो जाती है. चुनाव में जरूर इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.
चेहरे बदलने से नाराजगी दूर होती है. मंत्रियों का जिला प्रभार बदलना कांग्रेस के लिए लाभदायक होगा. अनिल द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार
कवासी लखमा को मिली सबसे ज्यादा जिलों की कमान: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कैबिनेट मंत्रियों के जिला प्रभार में बदलाव किया गया है. जिसका आदेश सचिव डीडी सिंह ने जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार, उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव और 11 मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में बदलाव किया गया है. इसमें मंत्री कवासी लखमा को सबसे ज्यादा बस्तर संभाग के 5 जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. इसके बाद मंत्री शिव कुमार डहरिया को 4 जिलों की जिम्मेदारी दी गई है. इसमें डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का गृह जिला अंबिकापुर भी शामिल है. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग की जिम्मेदारी वन मंत्री मोहम्मद अकबर को दिया गया है.