रायपुर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नग्न प्रदर्शन का मामला तूल पकड़ चूका है. इस केस में पुलिस ने एसटी एससी के उन युवाओं को गिरफ्तार किया है जो न्यूड प्रोटेस्ट कर रहे थे. कुल 29 युवाओं की गिरफ्तारियां की गई है. रायपुर पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत सभी 29 युवाओं को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने सभी आरोपियों को न्यायिक रिमाड पर भेज दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर नग्न प्रदर्शन का वीडियो वायरल करने का केस किया है. विधानसभा थाने ने यह कार्रवाई की है.
इन धाराओं के तहत हुई कार्रवाई: न्यूड प्रोटेस्ट में शामिल सभी युवाओं पर आईटी एक्ट की धारा 67, आईपीसी की धारा 294, 146 और 147 के तहत कार्रवाई की गई है. इस विरोध प्रदर्शन में शामिल युवाओं का कहना था कि राज्य सरकार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. इसलिए उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन से पहले युवाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सोमवार को यह जानकारी मीडिया को दी थी.
फर्जी जाति प्रमाण पत्र में अब तक क्या हुआ: फर्जी जाति मामले को लेकर राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी. लेकिन समिति के द्वारा अब तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. राज्य में अब भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे गैर आरक्षित वर्ग के लोग नौकरी कर रहे हैं और इसका फायदा हो रहा है. अब तक कई लोग प्रमोशन पाकर मलाईदार पदों पर काबिज है. जिसका विरोध अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं ने मंगलवार को नग्न होकर किया. इस मामले में एसटी एससी वर्ग के लोगों में खासा गुस्सा है
छानबीन समिति की जांच में क्या निकला ?: राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति का गठन साल 2000 में किया गया था. जिसमें कुल 758 प्रकरण मिले थे. 659 प्रकरणों में जांच की गई. जिसमें 267 मामलों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोग भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनने के साथ ही चपरासी के पदों पर कार्यरत है. जिसमें सबसे अधिक नौकरी पाने वालों में 44 लोग खेल एवं युवा कल्याण विभाग में पदस्थ हैं. वही भिलाई इस्पात संयंत्र में 18 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं. सामान्य प्रशासन विभाग में 14 कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत है. कृषि विभाग में 14 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं.