रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहली बार रायपुर नगर निगम 200 करोड़ रुपए का डिबेंचर बॉन्ड जारी करने जा रहा है. इस ग्रीन बॉन्ड के जरिए नगर निगम पैसे उठाएगा और मिलने वाली राशि का इस्तेमाल कमर्शियल काम्प्लेक्स जैसे अन्य योजनाओं में खर्च किया जाएगा. इन योजनाओं से नगर निगम को मिलने वाली आय का कुछ प्रतिशत ब्याज के रूप में बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति को भी दिया जाएगा.
"मिलेगा निश्चित रिटर्न": ग्रीन बॉन्ड जारी करने को लेकर नगर निगम महापौर से बातचीत की. एजाज ढेबर ने बताया कि "इंदौर, हैदराबाद, उत्तरप्रदेश के अलावा अब तक 11 शहरों में ग्रीन बॉन्ड जारी हो चुके हैं. रायपुर नगर निगम 200 करोड़ रुपए का बॉन्ड जारी करेगा. जिसमें कोई भी नागरिक, संस्था या उद्योगपति इनवेस्ट कर सकते हैं. तय समय के बाद बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति को निश्चित ब्याज मिलेगा."
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"रेटिंग लेने के बाद तय होगा ब्याज": महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि "इस समय ग्रीन बॉन्ड में ब्याज दर तय नहीं हो पाया है. अन्य नगर निगमों ने बांड जारी किए है. जिसमें लगभग 8 से 9 प्रतिशत ब्याज मिल रहे है. बैकिंग सेक्टर में 6 से 7 प्रतिशत ब्याज दर है. नगर निगम के बॉन्ड खरीदने पर 8 से 9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. 200 करोड़ रुपये की जो राशि बांड के माध्य्म से आएगी, उन्हें कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, बैक वाश वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसे कामों में लगाया जाएगा."
नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल: रायपुर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि "रायपुर नगर निगम ग्रीन बॉन्ड जारी करने जा रहा है. आज नगर निगम की माली हालत खुद अच्छी नहीं है. कर्मचारियों को पेमेंट देने के लिए नगर निगम में पास राशि नहीं है. ग्रीन बॉन्ड के जरिए नगर निगम राशि जुटाने की जुगत में लगी है. जिस राशि को परियोजना में लगाया जाएगा. पब्लिक जब अपना मूलधन वापस मांगेगी तब वे उस राशि को वापस कैसे करेंगे. नगर निगम परिषद से आग्रह है निगम प्रशासन सफाई, स्वच्छता पेयजल जैसी योजनाओं में दूसरे नगर निगम की बराबरी करें. इस प्रकार की योजना लाकर रायपुर नगर निगम की फजीहत ना करवाएं.
एक्सपर्ट ने कही ये बात: फाइनेंशियल एक्सपर्ट नीरज खरया ने बताया कि "ग्रीन बॉन्ड के जरिए जमा किए गए पैसे से पर्यावरण स्वच्छता जैसे वेस्ट मैनेजमेंट, वॉटर मैनेजमेंट सीवरेज मैनेजमेंट एनर्जी जैसे सेक्टर में राशि को लगाना एक बेहतर तरीका है. रायपुर नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए की ग्रीन बॉन्ड की जो बात कही है इससे शहर में सभी की जन भागीदारी होगी. इससे पहले इंदौर गाजियाबाद में नॉन कन्वर्टिबल ग्रीन बॉन्ड के जरिए 244 और 150 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं. इन नान कन्वर्टेबल डिबेंचर (NCD) पूर्व घोषित समय से एक फिक्स्ड रिर्टन मिलता है."