रायपुर: प्रदेशभर के मनरेगा कर्मचारी अप्रैल माह के पहले सप्ताह से ही जिला स्तर पर अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मनरेगा कर्मचारी अपनी 1 सूत्रीय मांग को लेकर 12 अप्रैल से दंतेवाड़ा जिले से पैदल चलकर राजधानी रायपुर शनिवार की शाम पहुंचे. दंतेवाड़ा से रायपुर की दूरी लगभग 390 किलोमीटर है. गर्मी की तपिश और लू जैसे हालात में भी इतनी लंबी यात्रा मनरेगा कर्मचारियों ने की है. सरकार के वादाखिलाफी से तंग आकर मनरेगा कर्मचारी मौन रैली निकालकर दंतेवाड़ा से रायपुर पहुंचे (MNREGA Employees Padyatra Dantewada to raipur) हैं.
दंतेवाड़ा से रायपुर तक पदयात्रा: पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर मनरेगा कर्मचारी अपनी 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर 4 अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे हैं. मनरेगा कर्मचारियों की पैदल यात्रा दंतेवाड़ा से 12 अप्रैल से शुरू हुई थी. उस समय मनरेगा कर्मचारियों की संख्या लगभग 78 थी. राजधानी पहुंचते-पहुंचते मनरेगा कर्मचारियों की संख्या लगभग 5000 तक पहुंच गई है. मनरेगा कर्मचारियों की सिर्फ एक ही मांग है कि उन्हें नियमित किया जाए. इसी मांग को लेकर ये कर्मचारी दंतेवाड़ा से पदयात्रा निकाल कर आज राजधानी पहुंचे हैं.
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1 किलोमीटर लंबा तिरंगा लेकर की पदयात्रा: मनरेगा कर्मचारी सूरज सिंह ठाकुर के नेतृत्व में यह पदयात्रा 12 अप्रैल से शुरू होकर 30 अप्रैल शनिवार को राजधानी रायपुर पहुंची. मनरेगा कर्मचारियों की पद यात्रा एक मौन रैली के रूप में निकाली गई. मनरेगा कर्मचारियों के हाथों में लगभग 1 किलोमीटर लंबा तिरंगा भी था. मनरेगा कर्मचारी लगभग 15 सालों से ग्राम पंचायत जनपद पंचायत और जिला पंचायत के कार्य कर रहे हैं. जिन मनरेगा कर्मचारियों का 5 साल हुआ है, उन्हें महज महीने में 5000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है. जो 10 साल की कार्य अवधि पूरा कर चुके हैं, उन्हें 6000 रुपए मानदेय दिया जा रहा है.