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आशियाने का सपना कब होगा पूरा: RDA की लेट लतीफी से हितग्राहियों को 2 साल बाद भी नहीं मिला मकान - ews flat price in RDA

रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) की लेटलतीफी हितग्राहियों पर भारी पड़ रही है. इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में LIG और EWS के मकान हैंडओवर नहीं मिलने से हितग्राहियों पर दोहरी मार पड़ रही है. हितग्राहियों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन में उनकी स्थिति वैसे ही खराब है. इसके बाद बैंक की EMI और मकान का किराया देना पड़ रहा है. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति दिनों-दिन और खराब होती जा रही है.

Indraprastha Colony in Raipur
आशियाने की आस में पिस रहे हितग्राही
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Published : Jun 30, 2021, 9:19 PM IST

रायपुर: हर किसी का सपना रहता है खुद का घर. हर इंसान अपनी छोटी-मोटी आय से कुछ बचाकर एक आशियाना जरूर बनाना चाहता है. लेकिन जब उस आशियाने की कीमत देने के बाद भी उसे घर नहीं मिलता है तो वो अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है. ऐसा ही कुछ हाल रायपुर विकास प्राधिकरण के इंद्रप्रस्थ में तैयार हो रहे प्रधानमंत्री आवास का है. जहां हितग्राहियों को पैसे इंवेस्ट करने के बाद भी घर नहीं मिला है.

आशियाना का सपना कब होगा पूरा

साल 2019 में घर का पजेशन देने का आश्वासन देने का कहकर 2 साल बाद भी उन्हें आवास नहीं दिया गया. जिससे एक तरफ लोन कटने और दूसरी तरफ किराया देने से लोग परेशान है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जुलाई तक हितग्राहियों को घरों का हैंडओवर दे दिया जाएगा. रायपुर विकास प्राधिकरण ने आम लोगों को खुद का आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अतंर्गत इंद्रप्रस्थ कॉलोनी बनाई. कॉलोनी का प्रोजेक्ट मॉडल और कम कीमत देखकर लोग भी आकर्षित हुए. सैकड़ों लोगों ने बुकिंग भी कर ली. 2016 में बुकिंग के दौरान हितग्राहियों से कहा गया था कि 2019 में उन्हें घर का हैंडओवर दे दिया जाएगा. 2019 से 2021 आ गया. लेकिन हितग्राहियों को आवास नहीं मिला.

'2019 में मकान हैंडओवर की कही थी बात'

बबली रानी का सपना था कि उनका खुद का घर हो. लेकिन RDA की उदासीनता के चलते अब वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. बबली रानी सिलाई का काम करती है. पाई-पाई जोड़ कर उसने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास में अपना फ्लैट बुक करवाया. लेकिन अभी तक बबली को फ्लैट का पजेशन नहीं दिया गया है. बबली बताती हैं कि एक तरफ बैंक लोन की EMI कट रही है तो वहीं दूसरी तरफ घर का किराया देना पड़ रहा है. जिससे आर्थिक स्थिति लगातार गिरती जा रही है. जब आरडीए से पूछा जा रहा है तो वह रटा रटाया जवाब दे रहे हैं. अधिकारियों से लेटर लिखवाकर लाने को कह रहे हैं

प्राइवेट स्कूल बंद होने के कारण RTE के तहत पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खतरे में

'EMI और किराया दोनों देना पड़ रहा'

रामकिशोर पटेल प्राइवेट जॉब करते हैं. किराए के मकान में रह रहे हैं. राजधानी में खुद के मकान की चाहत में इन्होंने भी इंद्रप्रस्थ में अपना मकान बुक करवाया था. लेकिन समय पर पजेशन ना मिलने के चलते वे भी परेशान हैं. राम किशोर ने बताया कि समय पर घर नहीं मिलने से उन्हें काफी समस्या हो रही है. एक तरफ किराए के मकान में हर महीने 5 हजार रुपये से ज्यादा देना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बैंक का लोन पटाने के लिए EMI देनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि RDA ने 27 जुलाई के बाद रजिस्ट्री की बात कही है.

जल्द मकान मिलने से मिलेगी राहत

ऐसे ही एक हितग्राही हैं विजय कुमार. ये भी अपना घर नहीं मिलने से परेशान है. ETV भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण आय मिलनी बंद हो गई है. बैंक ने किसी तरह 3 महीने का टाइम दिया है. लेकिन अब वो समय भी खत्म हो रहा है. मकान का पजेशन नहीं मिलने से किराया भी देना पड़ रहा है. वे कहते हैं कि जल्द मकान मिलने से उनका परिवार वहां शिफ्ट हो जाएगा. जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी.

31 जुलाई से शुरू होगा मकान के हैंडओवर का काम

इस मामले में रायपुर विकास प्राधिकरण के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अनिल गुप्ता का कहना हैं कि कोरोना के कारण प्रक्रिया में देरी हुई है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रोजक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाया है. लेकिन अब काम पूरा हो गया है. 31 जुलाई तक हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सभी हितग्राहियों को नोटिस दिया गया है. हितग्राही अपना पूरा भुगतान करने के बाद रजिस्ट्री करा सकते हैं. इसके बाद मकान का हैंडओवर हितग्राहियों को दे दिया जाएगा.

सोशल मीडिया में unknown फ्रेंड हो सकते हैं खतरनाक

हितग्राहियों को करना होगा अतिरिक्त भुगतान
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ में 1472 EWS फ्लैट बने थे. उसमें से 896 EWS फ्लैट बन कर तैयार हो गए हैं. LIG के 944 फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बुकिंग के समय EWS फ्लैट की कीमत 4 लाख 89 हजार रुपये थी. निर्माण दर में बढ़ोतरी होने के कारण हितग्राहियों को लगभग 44 हजार रुपये ज्यादा देने होंगे. इसके अलावा GST और मेंटेनेंस चार्ज भी देना होगा.

इसी तरह LIG फ्लैट की कीमत 7 लाख 33 हजार रुपये थी. लेकिन निर्माण अवधि में देरी के चलते इसकी लागत भी बढ़ी है. LIG फ्लैट में 72 हजार रुपये ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा. इसके अलावा GST और मेंटेनेंस चार्ज भी देना होगा. अधिकारी ने बताया कि इन सभी राशियों को जमा करने के बाद रजिस्ट्री की जाएगी. उसके बाद फ्लैट हैंड ओवर किया जाएगा.

टेस्टिंग का काम जारी

RDA के अधिकारी का कहना है कि फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं. पानी और बिजली की टेस्टिंग की जा रही है. इसके अलावा अलग-अलग ब्लॉक में लिफ्ट की टेस्टिंग भी की जा रही है. हितग्राहियों की रजिस्ट्री से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा.

रायपुर: हर किसी का सपना रहता है खुद का घर. हर इंसान अपनी छोटी-मोटी आय से कुछ बचाकर एक आशियाना जरूर बनाना चाहता है. लेकिन जब उस आशियाने की कीमत देने के बाद भी उसे घर नहीं मिलता है तो वो अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है. ऐसा ही कुछ हाल रायपुर विकास प्राधिकरण के इंद्रप्रस्थ में तैयार हो रहे प्रधानमंत्री आवास का है. जहां हितग्राहियों को पैसे इंवेस्ट करने के बाद भी घर नहीं मिला है.

आशियाना का सपना कब होगा पूरा

साल 2019 में घर का पजेशन देने का आश्वासन देने का कहकर 2 साल बाद भी उन्हें आवास नहीं दिया गया. जिससे एक तरफ लोन कटने और दूसरी तरफ किराया देने से लोग परेशान है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जुलाई तक हितग्राहियों को घरों का हैंडओवर दे दिया जाएगा. रायपुर विकास प्राधिकरण ने आम लोगों को खुद का आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अतंर्गत इंद्रप्रस्थ कॉलोनी बनाई. कॉलोनी का प्रोजेक्ट मॉडल और कम कीमत देखकर लोग भी आकर्षित हुए. सैकड़ों लोगों ने बुकिंग भी कर ली. 2016 में बुकिंग के दौरान हितग्राहियों से कहा गया था कि 2019 में उन्हें घर का हैंडओवर दे दिया जाएगा. 2019 से 2021 आ गया. लेकिन हितग्राहियों को आवास नहीं मिला.

'2019 में मकान हैंडओवर की कही थी बात'

बबली रानी का सपना था कि उनका खुद का घर हो. लेकिन RDA की उदासीनता के चलते अब वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है. बबली रानी सिलाई का काम करती है. पाई-पाई जोड़ कर उसने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में प्रधानमंत्री आवास में अपना फ्लैट बुक करवाया. लेकिन अभी तक बबली को फ्लैट का पजेशन नहीं दिया गया है. बबली बताती हैं कि एक तरफ बैंक लोन की EMI कट रही है तो वहीं दूसरी तरफ घर का किराया देना पड़ रहा है. जिससे आर्थिक स्थिति लगातार गिरती जा रही है. जब आरडीए से पूछा जा रहा है तो वह रटा रटाया जवाब दे रहे हैं. अधिकारियों से लेटर लिखवाकर लाने को कह रहे हैं

प्राइवेट स्कूल बंद होने के कारण RTE के तहत पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खतरे में

'EMI और किराया दोनों देना पड़ रहा'

रामकिशोर पटेल प्राइवेट जॉब करते हैं. किराए के मकान में रह रहे हैं. राजधानी में खुद के मकान की चाहत में इन्होंने भी इंद्रप्रस्थ में अपना मकान बुक करवाया था. लेकिन समय पर पजेशन ना मिलने के चलते वे भी परेशान हैं. राम किशोर ने बताया कि समय पर घर नहीं मिलने से उन्हें काफी समस्या हो रही है. एक तरफ किराए के मकान में हर महीने 5 हजार रुपये से ज्यादा देना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बैंक का लोन पटाने के लिए EMI देनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि RDA ने 27 जुलाई के बाद रजिस्ट्री की बात कही है.

जल्द मकान मिलने से मिलेगी राहत

ऐसे ही एक हितग्राही हैं विजय कुमार. ये भी अपना घर नहीं मिलने से परेशान है. ETV भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण आय मिलनी बंद हो गई है. बैंक ने किसी तरह 3 महीने का टाइम दिया है. लेकिन अब वो समय भी खत्म हो रहा है. मकान का पजेशन नहीं मिलने से किराया भी देना पड़ रहा है. वे कहते हैं कि जल्द मकान मिलने से उनका परिवार वहां शिफ्ट हो जाएगा. जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी.

31 जुलाई से शुरू होगा मकान के हैंडओवर का काम

इस मामले में रायपुर विकास प्राधिकरण के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर अनिल गुप्ता का कहना हैं कि कोरोना के कारण प्रक्रिया में देरी हुई है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण प्रोजक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाया है. लेकिन अब काम पूरा हो गया है. 31 जुलाई तक हैंडओवर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सभी हितग्राहियों को नोटिस दिया गया है. हितग्राही अपना पूरा भुगतान करने के बाद रजिस्ट्री करा सकते हैं. इसके बाद मकान का हैंडओवर हितग्राहियों को दे दिया जाएगा.

सोशल मीडिया में unknown फ्रेंड हो सकते हैं खतरनाक

हितग्राहियों को करना होगा अतिरिक्त भुगतान
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इंद्रप्रस्थ में 1472 EWS फ्लैट बने थे. उसमें से 896 EWS फ्लैट बन कर तैयार हो गए हैं. LIG के 944 फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि बुकिंग के समय EWS फ्लैट की कीमत 4 लाख 89 हजार रुपये थी. निर्माण दर में बढ़ोतरी होने के कारण हितग्राहियों को लगभग 44 हजार रुपये ज्यादा देने होंगे. इसके अलावा GST और मेंटेनेंस चार्ज भी देना होगा.

इसी तरह LIG फ्लैट की कीमत 7 लाख 33 हजार रुपये थी. लेकिन निर्माण अवधि में देरी के चलते इसकी लागत भी बढ़ी है. LIG फ्लैट में 72 हजार रुपये ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा. इसके अलावा GST और मेंटेनेंस चार्ज भी देना होगा. अधिकारी ने बताया कि इन सभी राशियों को जमा करने के बाद रजिस्ट्री की जाएगी. उसके बाद फ्लैट हैंड ओवर किया जाएगा.

टेस्टिंग का काम जारी

RDA के अधिकारी का कहना है कि फ्लैट बनकर तैयार हो गए हैं. पानी और बिजली की टेस्टिंग की जा रही है. इसके अलावा अलग-अलग ब्लॉक में लिफ्ट की टेस्टिंग भी की जा रही है. हितग्राहियों की रजिस्ट्री से पहले काम पूरा कर लिया जाएगा.

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