बीजापुर: बस्तर के गरीब और आदिवासी बच्चों को शिक्षा देने के लिए पोटा केबिन की सुविधा शुरु की गई. समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित आवासीय स्कूल पोटा केबिन अब लापरवाहियों की वजह से सुर्खियों में है. पहले धनोरा के पोटा केबिन में फूड प्वॉजनिंग से छात्रा की मौत हो गई. दो दर्जन बच्चे दूषित खाना खाकर बीमार हो गए. इस घटना पर जमकर राजनीति भी हुई. नैमेड और भटवाड़ा के पोटा केबिन में भी कुछ इसी तरह की लापरवाही सामने आई.
माटवाड़ा पोटा केबिन से 2 बच्चे लापता: जानकारी के मुताबिक अब माटवाड़ा पोटा केबिन से 2 बच्चे लापता हो गए हैं. पोटा केबिन के अनुदेशक ने बताया कि बच्चों के लापता होने की खबर दे दी गई है. लगातार पोटा केबिन में हो रही घटनाओं और लापरवाहियों को लेकर बच्चों के परिजन भी परेशान हैं. परिजनों का कहना है कि इतना सब होने के बाद भी प्रशासन कोई कड़ा कदम क्यों नहीं उठा रहा. लोगों का कहना है कि नैमेड और भटवाड़ा पोटा केबिन में हफ्ते भर के भीतर दो बच्चों की मौत हो गई. बावजूद इसके प्रशासन गंभीर नहीं है.
माटवाड़ा के आश्रम से दो बच्चों के लापता होने की खबर है. रिपोर्ट दर्ज कर बच्चों की तलाश की जा रही है. - धर्मचंद ठाकुर, एएसआई, जांगला थाना
दस दिसंबर से दोनों बच्चे लाता हैं. आश्रम के अधीक्षक ने इसकी सूचना परिजनों को दे दी है. 12 दिसंबर को जांगला थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराया गया है. - धर्मेंद्र ठाकुर, अनुदेशक
कब सुधरेंगे हालात: पोटा केबिन में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर लगातार लापरवाही बरते जाने से पालकों के बीच भारी गुस्सा है. परिजन लगातार पोटा केबिन के हालात को दुरुस्त और व्यवस्था को सुधारने की बात कह रहे हैं. लापता बच्चों का अबतक पुलिस को सुराग नहीं लगा पाई है. परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल है.