रायपुर: भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. 21 दिनों के लिए किए गए लॉकडाउन को और आगे बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार सबकी सलाह पर विचार-विमर्श कर रही है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों, संदिग्धों और क्वॉरेंटाइन के लिए अस्पताल में बेड के साथ-साथ जगह भी उपलब्ध नहीं है, जिसे ध्यान में रखते हुए रेलवे चिकित्सालय विभाग ने रायपुर रेल मंडल के दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे में आपात स्थिति से निपटने की तैयारी करने का फैसला लिया है.
इसके लिए रेलवे चिकित्सालय विभाग ने रायपुर रेल मंडल के अस्पतालों में 3 महीने के लिए संविदा के आधार पर डॉक्टरों, विशेषज्ञों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति का फैसला लिया है और उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया है, जिसमें 10 जीडीएमओ, 04 विशेषज्ञ, 12 स्टाफ नर्स, 02 फार्मासिस्ट और 03 लैब सुप्रिटेंडेंट के पोस्ट शामिल हैं.
रायपुर रेल मंडल में लगभग 200 क्वॉरेंटाइन बेड बनाए जा रहे हैं. मंडल ने सामुदायिक भवन (कम्युनिटी हॉल), रेलवे इंस्टीट्यूट, आरपीएफ बैरक को क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदल दिया है. अभी तक लगभग 112 क्वॉरेंटाइन बेड मरीजों के लिए बनाए जा चुके हैं.
सोडियम हाइपोक्लोराइड का किया जा रहा है छिड़काव
रेलवे मंडल चिकित्सालय के मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर कॉलोनियों में स्वच्छता को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए कार्यों को अंजाम दे रहे हैं, जिसमें नियमित रूप से की जाने वाली सफाई, कार्यालयों, रेलवे कॉलोनियों, कंट्रोल रूम, रनिंग रूम, आरपीएफ बैरक, लॉबी रूम में ब्लीचिंग पाउडर, सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया जा रहा है. बैटरी ऑपरेटेड स्प्रे मशीन से सैनिटाइज किया जा रहा है. मशीन पर कोरोना वायरस से बचाव के निर्देशों को लगाया गया है.
रायपुर रेल मंडल ने अपने अधिकारियों, कर्मचारियों, फील्ड स्टाफ को कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. लॉकडाउन की स्थिति में केवल अति आवश्यक कार्य जैसे पार्सल बुकिंग, मालगाड़ी परिचालन, कंट्रोल रूम सिग्नलिंग, रेलवे ट्रैक और मालगाड़ी मेंटेनेंस से संबंधित कार्यों को ही कराया जा रहा है. इसमें लगे स्टाफ को सैनिटाइजर और मास्क बांटा गया है.
रेलवे परिसरों और कॉलोनियों में हर रोज आवश्यकतानुसार कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है. रेलवे चिकित्सालय में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड और 24 घंटे का आपातकालीन कक्ष बनाया गया है. रेलवे चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जा रही है.