रायपुर/हैदराबाद: ज्योतिष में राहु को पापी ग्रह माना गया है. अगर कुंडली में राहु अशुभ जगह पर बैठा हो तो जातक को बुरे नतीजों का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में राहु किसी भी ग्रह का स्वामी नहीं हैं. राहुकाल दो शब्दों से मिलकर बना है. राहु का अर्थ छाया ग्रह और काल का मतलब समय यानि राहु का समय.ज्योतिष बताते हैं कि पूरे दिन भर यानि 24 घंटे के समय में डेढ़ घंटे यानि 90 मिनट राहुकाल का होता है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के वक्त का आठवां हिस्सा राहु का होता है. इसे ही राहुकाल माना जाता है. राहुकाल को अशुभ समय माना जाता है. इसमें कोई भी शुभ काम करना वर्जित माना जाता है.
Aaj ka Panchang 30 January आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल
राहुकाल की गणना: सूरज के उगने के वक्त, जगह और दिन के मुताबिक ही राहुकाल की गणना की जाती है. हर दिन राहुकाल का समय अलग होता है. दिन में ही राहुकाल लगता है. रविवार, मंगलवार और शनिवार को राहु काफी प्रभावी रहता है. इसको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. माना जाता है कि इन तीनों दिनों में राहुकाल के वक्त यह ग्रह ज्यादा असरदार होता है.
राहुकाल में नहीं करने वाले काम: जब तक बहुत जरूरी ना हो तब तक राहुकाल में कोई नया काम शुरू ना करें. जैसे कोई नया व्यापार, गृह प्रवेश, मकान दुकान खरीदना, विवाह, सगाई, उपनयन संस्कार, मुंडन जैसे मांगलिक काम इस समय ना करें. कोई जरूरी यात्रा इस समय शुरू ना करें. वाहन, ज्वैलरी, प्रॉपर्टी या अन्य चीजों के लेनदेन और खरीदी से बचें.
राहुकाल के उपाय: अगर कोई काम बहुत जरूरी है और राहुकाल में ही करना है तो पहले हनुमान जी की पूजा कर लें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके बाद प्रसाद खाकर ही उस काम को शुरू करें. कहा जाता है संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा. इस दौरान यदि यात्रा करनी जरूरी है तो घर के मेनगेट से निकलने से पहले 10 कदम उल्टी दिशा में चलें. इसके बाद घर से निकले. यात्रा से पहले कुछ मीठा खाकर निकलने से राहु के बुरे प्रभाव भी खत्म हो जाते हैं. कुंडली में कालसर्फ दोष हो तो ऐसे लोग राहुकाल में भगवान शिव की आराधना करें. इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.