रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में सीआरपीएफ जवान पूर्णानंद साहू शहीद हो (insult of martyr Puranand Sahu martyrdom) गए थे. पूर्णानंद की वीरता को सलाम करते हुए भारत सरकार की ओर से शहीद पूर्णानंद को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद पूर्णानंद की मां उर्मिला को दिया. मंगलवार को शौर्य चक्र से पूर्णानंद को मरणोपरांत सम्मानित किया (Shaheed Purnanand Sahu awarded with Shaurya Chakra) गया. गुरुवार को शहीद का परिवार रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. इस मौके पर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने उनके माता और पिता का स्वागत किया. लेकिन इस दौरान रायपुर जिला प्रशासन नदारद रहा. न तो सरकार और न ही प्रशासन की तरफ से किसी ने भी शहीद के परिजनों को रिसीव नहीं किया. जिसके बाद बीजेपी नेता ने अपनी गाड़ी से शहीद के परिजनों को घर भिजवाया.
प्रशासन नदारद, बीजेपी नेता की गाड़ी में गए शहीद के परिजन: शहीद परिवार के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक एयरपोर्ट पहुंचे. जहां शहीद जवान के साथ ही भारत माता के जयकारे लगाए गए. वहीं एयरपोर्ट के बाहर प्रशासन का एक भी अफसर मौजूद नहीं था. शहीद के माता पिता के लिए गाड़ी तक नहीं थी. इसके बाद बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने अपनी गाड़ी से शहीद परिवार को घर भिजवाया. इधर प्रशासिनक अफसरों के नदारद रहने से भूतपूर्व सैनिकों ने कड़ा विरोध जताया और शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. शहीद के परिवार का अपमान !
राष्ट्रपति ने पूर्णानंद की मां को दिया मेडल: पूर्णानंद के पिता लक्ष्मण साहू ने बताया कि" सूचना आई थी कि आपके लड़के को शौर्य चक्र मिला है. आप लोगों को दिल्ली आना होगा. आने जाने की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी. राष्ट्रपति के हाथों पूर्णानंद की मां को सम्मानित किया जाएगा. इसके बाद हम लोग दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां राष्ट्रपति भवन में पूर्णानंद की मां को राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया".
शहीद के परिवार का अपमान !