शहीद पूर्णानंद साहू की शहादत के अपमान पर घिरा रायपुर प्रशासन ! - शहीद पूर्णानंद साहू राजनांदगांव जिले के जंगलपुर के रहने वाले थे
छत्तीसगढ़ का लाल पूर्णानंद साहू (insult of martyr Puranand Sahu martyrdom) साल 2020 में नक्सल मोर्चे पर देश की हिफाजत करने में शहीद हो गया. अभी मंगलवार को पूर्णानंद साहू के माता और पिता को दिल्ली में सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति ने शहीद पूर्णानंद साहू को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित (Shaheed Purnanand Sahu awarded with Shaurya Chakra) किया. शहीद पूर्णानंद की मां उर्मिला को राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र दिया. लेकिन जब यह परिवार दिल्ली से सम्मान लेकर लौटा तो रायपुर में न तो सरकार की तरफ से न ही जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा.
शहीद पूर्णानंद के परिवार का अपमान
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में सीआरपीएफ जवान पूर्णानंद साहू शहीद हो (insult of martyr Puranand Sahu martyrdom) गए थे. पूर्णानंद की वीरता को सलाम करते हुए भारत सरकार की ओर से शहीद पूर्णानंद को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद पूर्णानंद की मां उर्मिला को दिया. मंगलवार को शौर्य चक्र से पूर्णानंद को मरणोपरांत सम्मानित किया (Shaheed Purnanand Sahu awarded with Shaurya Chakra) गया. गुरुवार को शहीद का परिवार रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. इस मौके पर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने उनके माता और पिता का स्वागत किया. लेकिन इस दौरान रायपुर जिला प्रशासन नदारद रहा. न तो सरकार और न ही प्रशासन की तरफ से किसी ने भी शहीद के परिजनों को रिसीव नहीं किया. जिसके बाद बीजेपी नेता ने अपनी गाड़ी से शहीद के परिजनों को घर भिजवाया.
प्रशासन नदारद, बीजेपी नेता की गाड़ी में गए शहीद के परिजन: शहीद परिवार के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक एयरपोर्ट पहुंचे. जहां शहीद जवान के साथ ही भारत माता के जयकारे लगाए गए. वहीं एयरपोर्ट के बाहर प्रशासन का एक भी अफसर मौजूद नहीं था. शहीद के माता पिता के लिए गाड़ी तक नहीं थी. इसके बाद बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने अपनी गाड़ी से शहीद परिवार को घर भिजवाया. इधर प्रशासिनक अफसरों के नदारद रहने से भूतपूर्व सैनिकों ने कड़ा विरोध जताया और शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
राष्ट्रपति ने पूर्णानंद की मां को दिया मेडल: पूर्णानंद के पिता लक्ष्मण साहू ने बताया कि" सूचना आई थी कि आपके लड़के को शौर्य चक्र मिला है. आप लोगों को दिल्ली आना होगा. आने जाने की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी. राष्ट्रपति के हाथों पूर्णानंद की मां को सम्मानित किया जाएगा. इसके बाद हम लोग दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां राष्ट्रपति भवन में पूर्णानंद की मां को राष्ट्रपति के हाथों शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया".
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कैसे हुई पूर्णानंद साहू की शहादत :शहीद पूर्णानंद साहू राजनांदगांव जिले के जंगलपुर के रहने वाले थे. वह सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में आरक्षक के रूप में पदस्थ थे. उनकी पोस्टिंग बीजापुर जिले के पानेर इलाके में हुई थी. 9 फरवरी 2020 को बटालियन तक सूचना पहुंची कि कुछ नक्सल नेता जंगल में एकत्रित हुए हैं. इस सूचना के बाद नक्सलियों का पीछा करने के लिए तीन टीमें अलग-अलग दिशाओं में सक्रिय हुई. इसी बीच नक्सलियों ने आईआईडी ब्लास्ट कर दिया. दोनों ओर से जमकर गोलियां चली. जवान पूर्णानंद ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. बौखलाए नक्सलियों ने पूर्णानंद को टारगेट कर गोलियों से छलनी कर दिया. इस घटना में 10 फरवरी 2020 को पूर्णानंद शहीद हो गए.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में सीआरपीएफ जवान पूर्णानंद साहू शहीद हो (insult of martyr Puranand Sahu martyrdom) गए थे. पूर्णानंद की वीरता को सलाम करते हुए भारत सरकार की ओर से शहीद पूर्णानंद को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद पूर्णानंद की मां उर्मिला को दिया. मंगलवार को शौर्य चक्र से पूर्णानंद को मरणोपरांत सम्मानित किया (Shaheed Purnanand Sahu awarded with Shaurya Chakra) गया. गुरुवार को शहीद का परिवार रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा. इस मौके पर एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने उनके माता और पिता का स्वागत किया. लेकिन इस दौरान रायपुर जिला प्रशासन नदारद रहा. न तो सरकार और न ही प्रशासन की तरफ से किसी ने भी शहीद के परिजनों को रिसीव नहीं किया. जिसके बाद बीजेपी नेता ने अपनी गाड़ी से शहीद के परिजनों को घर भिजवाया.
Last Updated : Jun 2, 2022, 10:22 PM IST