रायपुर: कोरोना वायरस का संक्रमण जैसे-जैसे फैलता जा रहा है, लोगों के मन में इसे लेकर डर बैठने लगा है. इसके साथ ही जो कोरोना संक्रमित मरीज है भी डरे हुए हैं और शायद यही वजह है कि इसकी वजह से लोग डिप्रेशन में जाने लगे हैं. कोरोना वायरस से ज्यादा लोग अकेले रहने से डर रहे हैं. ऐसे में रोज मरीजों के आत्महत्या की कोशिश किए जाने की खबरें आने लगी है. इस स्थिति में मरीजों को और आम लोगों को खुद पर संयम रखना चाहिए. जिन लोगों को क्वॉरंटाइन किया गया है, वे भी घबराए हुए हैं. महामारी के बढ़ते प्रकोप और रोज नई अफवाह से लोग विचलित होने लगे हैं. इसे लेकर ETV भारत ने मनोचिकित्सक जेसी आजवानी से लोगों और समाज की मनोदशा को लेकर चर्चा की.
बातचीत के अंश-
प्रश्न - मरीज खुद को कैसे मोटिवेट करें ?
मरीज इस दौरान अकेले रहते हैं. इस दौरान मरीजों खुश रहने की जरूरत है. इस बीमारी के बारे में यह बात सामने आई है कि लोगों की मौत होने लगी है, ये सुनकर लोग और भी ज्यादा घबराने लगे हैं, तो ऐसे में मरीजों को घबराने की बजाय हिम्मत से काम लेना चाहिए.
प्रश्न -समाज को ऐसे में किस तरह से व्यवहार करना चाहिए?
समाज में डर का माहौल है.यह बीमारी लोगों के संपर्क में आने की वजह से हो रही है, ऐसे में समाज के लोगों को मानवीय व्यवहार रखना चाहिए.
प्रश्न - घरेलू हिंसा के मामले सामने आने लगे हैं, इससे कैसे बचा जाए?
लोग घरों में हैं ऐसे में ज्यादातर समय ये लोग खाली रहते हैं. इस समय इन्हें यह करने की जरूरत है कि वे घर बैठे अपने पसंद के काम करें पेंटिंग करें, किताबें पढ़ें. इसे एक हॉलीडे की तरह लें. परिवार के साथ समय बिताने का बहुत कम समय लोगों को मिलता है ऐसे में उन्हें इस समय का लाभ लेना चाहिए.
प्रश्न -नार्मल सर्दी-जुखाम होने से लोग डरने लगे हैं, ऐसे में वे क्या करें?
डरे नहीं बस जाकर अपने डॉक्टर से मिलें नार्मल सर्दी-खांसी होने पर वो ठीक हो जाएगा. जांच से डरे नहीं अगर आप पॉजिटिव होते हैं तब भी समय रहते आपका इलाज हो जाएगा और आप ठीक हो जाएंगे.
प्रश्न - बच्चों की परीक्षाएं कैंसल हो रही हैं, इसकी वजह से वे परेशान हो रहे हैं?
बच्चों को परेशान होने की बजाय इस वक्त का उपयोग करना चाहिए. जिन्होंने तैयारी कर ली है वे और अच्छे से कर लें. जो बच्चे थोड़े पढ़ाई में कमजोर हैं वे अपनी तैयारी पूरी कर लें.