रायपुर: बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर बुधवार को गवर्नमेंट एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने 11 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदेश स्तर पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. शासन के खर्च से माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर की सुनवाई में हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील को बुलाकर आरक्षण पर स्थगन को हटाने और आरक्षित वर्ग की पदोन्नति प्रारंभ करने के लिए कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया गया. इसके बाद भी यदि मांगों पर विचार नहीं किया जाता तो 17 मार्च से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी.
एसोसिएशन की ये हैं मांगें
छत्तीसगढ़ शासन के खर्च से माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर की सुनवाई में हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील को बुलाकर आरक्षण पर दिए गए स्थगन को हटाने और आरक्षित वर्ग की पदोन्नति शुरू करने के लिए कार्रवाई की जाए.
- आरक्षण के बगैर नियमित पदोन्नति देने संबंधी हाईकोर्ट के निर्णय पर स्थगन के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील करे महाधिवक्ता सामान्य प्रशासन विभाग और विधि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाए.
- आउटसोर्सिंग और संविदा भर्ती पर रोक लगाकर नियमित भर्ती की जाए.
- पुरानी पेंशन योजना को दोबारा बहाल किया जाए.
- सभी शिक्षक पंचायत संवर्ग का संविलियन किया जाए.
- आरक्षण और भर्ती नियम से नियुक्ति अनियमित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- शिक्षक लोकल बॉडी संवर्ग को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता प्रदान करते हुए समय मान क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन और एरियर्स की राशि की गणना कर भुगतान किया जाए.
- तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण व्याख्याता पंचायत को B.Ed करने के नियमों में संशोधन किया जाए.
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सीधी भर्ती और आरक्षण को संविधान की 9 वीं अनुसूची में शामिल करने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाए.
- 1 नवंबर दो हजार से अभी तक लगभग एक लाख पदों की गणना कर आरक्षण नियम के विपरीत कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए.