रायपुर : बूढ़ातालाब प्रदर्शन स्थल में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है. महासंघ का कहना है कि ''सरकार ने चुनाव के पूर्व अपने जन घोषणा पत्र में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार ने आज तक उन वादों को पूरा नहीं किया है. सरकार बने 4 साल हो गए हैं, और यह सरकार का आखरी बजट भी है. इस प्रदर्शन के बाद भी छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ की मांगें पूरी नहीं होती है, तो आने वाले समय में अनिश्चितकालीन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.''
अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी :गौरतलब है कि रायपुर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने 1 फरवरी को बूढातालाब धरनास्थल को कहीं और स्थानांतरित करने के लिए अल्टीमेटम दिया था.जिसके बाद बूढ़ातालाब धरना स्थल पर प्रदर्शन में थोड़ी कमी आई है, लेकिन प्रदर्शनकारी 100 से कम की संख्या में अनुमति मिलने पर बूढ़ातालाब धरना स्थल पर ही अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. शासन प्रशासन ने 3 फरवरी से नवा रायपुर स्थित तूता को धरना प्रदर्शन स्थल बनाया है. जहां पर प्रदेश स्तर का प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन कम संख्या में और जिला स्तर पर प्रदर्शन की अनुमति मिलने पर लोग बूढ़ातालाब में ही अपनी मांगों को लेकर धरना और प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है.
क्या है कर्मचारियों की मांगें : हड़ताली कर्मचारियों की मांग है कि ''राज्य के कर्मचारियों को केंद्रीय एवं राजस्थान झारखंड के कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता(एचआरए) सातवें वेतनमान के आधार पर प्रदान किया जाए.राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को समान रूप से केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर देय तिथि 1 जनवरी और 1 जुलाई से महंगाई भत्ता प्रदान किया जाए.जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार के समस्त कर्मचारियों के क्रमश 8,16, 24 और 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत चार स्तरीय क्रमोन्नति समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए. स्वास्थ्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति के निराकरण हेतु सचिव स्वास्थ्य विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रेषित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान किया जाए. स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुलिस एवं मंत्रालय वित्त विभाग के कर्मचारियों के समान प्रति वर्ष 1 माह का अतिरिक्त वेतन प्रदान किया जाए.''
वेतन विसंगति जल्द से जल्द दूर करें : लिपिकों की वेतन विसंगति के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री ने 17 फरवरी 2019 को बिलासपुर में की गई घोषणा का क्रियान्वयन किया जाए. शिक्षाकर्मियों के संविलियन के पूर्व की सेवा अवधि की गणना कर क्रमोन्नति समयमान वेतनमान और पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए. समस्त विभागों में कार्यरत वेतन भोगी कार्यभारित और संविदा कर्मचारियों को जनगणना पत्र में किए गए वायदे के अनुरूप नियमित किया जाए. 246 दिन की जगह 300 दिन के अर्जित अवकाश का नगदीकरण किया जाए. समस्त विभागों में सीधी भर्ती के पदों पर 3 वर्ष की जगह 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि न्यूनतम वेतनमान पर यथावत रखी जाए.
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अनुकंपा नियुक्ति में नियम शिथिल हो : चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में नियुक्त कर नियमित कर्मचारियों के समान समस्त लाभ दिया जाए और वाहन चालकों को तकनीकी कर्मचारी घोषित किया जाए.अनुकंपा नियुक्ति में 10% के बंधन को स्थाई रूप से हटाया जाए और शिक्षा कर्मियों के आश्रितों को स्कूल शिक्षा विभाग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए.पांचवें और सातवें वेतनमान के आधार पर दे चिकित्सा भत्ता वाहन भत्ता अनुसूचित क्षेत्र भत्ता सहित समस्त भत्तों को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित किया जाए.