रायपुर:बूढ़ापारा धरना स्थल के खिलाफ लोगों ने धरना दिया. लोगों की मांग रही कि इसे कहीं और शिफ्ट किया जाए. इस दौरान शहर के नेता और कुछ व्यापारी एक जुट होकर धरना स्थल पहुंचे और यहीं धरना देकर अपनी मांग जिला प्रशासन के सामने रखी. दरअसल कुछ महीने पहले धरना स्थल नवा रायपुर भेजने पर आदेश जिला प्रशासन ने जारी किया, मगर बाद में आदेश वापस ले लिया था.
बूढ़ापारा धरना स्थल और कचरा डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर ये धरना सत्यमेव जयते फाउंडेशन और मध्यवर्गीय नागरिक संगठन ने दिया. धरना देने पहुंचे कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने कहा की इस संबंध में पूर्व कलेक्टर से भी बातचीत की गई थी, जिसमें धरना प्रदर्शन करने वालो के लिए संख्या सीमित रखने जैसे कुछ निर्देश भी दिए गए थे. लेकिन आजतक इसका पालन भी नही हो पाया और न ही कोई कार्रवाई की गई है.
सोमवार दोपहर फिर इन प्रदर्शनकारियों की रायपुर कलेक्टर से मीटिंग होने वाला है, जिसमें उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शन स्थल हटाने को लेकर आदेश दिया जाएगा. सराफा एसोसिएशन के अलावा अन्य व्यापारिक संगठन भी धरना स्थल हटाने को लेकर लगातार मांग कर रहा है.
कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने बताया कि ''रायपुर के कई बड़े क्षेत्रों,कॉलोनियों के हज़ारों लोग हर दिन इसी रास्ते से गुजरते हैं. जिस दिन भी वहां पर धरना प्रदर्शन होता है, उस दिन वहां रोड में लंबा जाम लग जाता है. इस संबंध में जिला प्रशासन से अनेक बार धरना स्थल हटाने की मांग पहले भी की गयी है। परंतु अब तक कोई नतीजा नही निकला है.
बूढ़ा तालाब से गुजरने वाली सड़क स्कूल के बच्चों के लिए एक आम रास्ता है. विरोध प्रदर्शन के लिए होने वाले जुलूस को रोकने के लिए पुलिस बैरिकेड लगाकर रोड को ब्लॉक कर देती है, जिससे आम नागरिकों के साथ साथ स्टूडेंट्स को भी बहुत दिक्कत होती है. इस रास्ते से होकर कालीबाड़ी, जे.एन.पांडेय, दानीगर्ल्स,सालेम, जैसे कई स्कूल और कॉलेज बच्चे जाते हैं. डंपिंग यार्ड की बदबू से बच्चों के स्वास्थ्य को भी नुकसान होता हैं.
बूढ़ापारा धरना स्थल हटाने धरना स्थल पर दिया 'धरना' - रायपुर कलेक्टर से मीटिंग
Budhapara picket site shifting demand राजधानी रायपुर में आज एक अजीब और गरीब वाकया देखने को मिला. धरना स्थल हटाने की मांग को लेकर, धरना स्थल पर धरना दिया गया. यह धरना नेता और व्यापारियों ने एकजुट होकर दिया.
रायपुर:बूढ़ापारा धरना स्थल के खिलाफ लोगों ने धरना दिया. लोगों की मांग रही कि इसे कहीं और शिफ्ट किया जाए. इस दौरान शहर के नेता और कुछ व्यापारी एक जुट होकर धरना स्थल पहुंचे और यहीं धरना देकर अपनी मांग जिला प्रशासन के सामने रखी. दरअसल कुछ महीने पहले धरना स्थल नवा रायपुर भेजने पर आदेश जिला प्रशासन ने जारी किया, मगर बाद में आदेश वापस ले लिया था.
बूढ़ापारा धरना स्थल और कचरा डंपिंग यार्ड को हटाने की मांग को लेकर ये धरना सत्यमेव जयते फाउंडेशन और मध्यवर्गीय नागरिक संगठन ने दिया. धरना देने पहुंचे कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने कहा की इस संबंध में पूर्व कलेक्टर से भी बातचीत की गई थी, जिसमें धरना प्रदर्शन करने वालो के लिए संख्या सीमित रखने जैसे कुछ निर्देश भी दिए गए थे. लेकिन आजतक इसका पालन भी नही हो पाया और न ही कोई कार्रवाई की गई है.
सोमवार दोपहर फिर इन प्रदर्शनकारियों की रायपुर कलेक्टर से मीटिंग होने वाला है, जिसमें उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शन स्थल हटाने को लेकर आदेश दिया जाएगा. सराफा एसोसिएशन के अलावा अन्य व्यापारिक संगठन भी धरना स्थल हटाने को लेकर लगातार मांग कर रहा है.
कांग्रेस नेता कन्हैया अग्रवाल ने बताया कि ''रायपुर के कई बड़े क्षेत्रों,कॉलोनियों के हज़ारों लोग हर दिन इसी रास्ते से गुजरते हैं. जिस दिन भी वहां पर धरना प्रदर्शन होता है, उस दिन वहां रोड में लंबा जाम लग जाता है. इस संबंध में जिला प्रशासन से अनेक बार धरना स्थल हटाने की मांग पहले भी की गयी है। परंतु अब तक कोई नतीजा नही निकला है.
बूढ़ा तालाब से गुजरने वाली सड़क स्कूल के बच्चों के लिए एक आम रास्ता है. विरोध प्रदर्शन के लिए होने वाले जुलूस को रोकने के लिए पुलिस बैरिकेड लगाकर रोड को ब्लॉक कर देती है, जिससे आम नागरिकों के साथ साथ स्टूडेंट्स को भी बहुत दिक्कत होती है. इस रास्ते से होकर कालीबाड़ी, जे.एन.पांडेय, दानीगर्ल्स,सालेम, जैसे कई स्कूल और कॉलेज बच्चे जाते हैं. डंपिंग यार्ड की बदबू से बच्चों के स्वास्थ्य को भी नुकसान होता हैं.