रायपुर : पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ में नए व्हीकल एक्ट का विरोध शुरु हो चुका है.नए व्हीकल एक्ट के विरोध में ट्रांसपोर्टर्स ने अपनी गाड़ियों के पहिए थाम दिए हैं. ट्रक और बस ड्राइवर्स एसोसिएशन ने कानून के विरोध में कानून में संशोधन की मांग की है.कानून के विरोध में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बस और ट्रकों की आवाजाही बंद रही.राज्य भर में 12000 से अधिक निजी बसों के ड्राइवरों ने सोमवार को काम बंद कर दिया, जिससे सैकड़ों यात्री रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव सहित अन्य शहरों के बस स्टेशनों पर फंसे रहे. फंसे हुए यात्रियों को वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करने की कोशिश करते देखा गया.
पेट्रोल पंप पर लगी भीड़ : ट्रांसपोटर्स की हड़ताल के कारण कई शहरों के पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइन लग चुकी है.क्योंकि ईंधन आपूर्ति करने वाले वाहन भी नहीं चल रहे हैं. रायपुर के भाटागांव में अंतरराज्यीय बस स्टेशन पर कई यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी टैक्सियों और ऑटो रिक्शा किराए पर लेने के लिए दौड़ पड़े.
यात्रियों की बढ़ी परेशानी : नए कानून के विरोध में भले ही देश समेत छत्तीसगढ़ में विरोध हो रहा है.लेकिन इसका सबसे बड़ा खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. बसें और ट्रक नहीं चलने से सड़कें सूनी है.यात्रियों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना मुश्किल हो गया है.रायपुर के भाटागांव बस स्टैंड में यात्री बसें खड़ी रहीं.इस दौरान बस और ट्रक चालकों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. ड्राइवर्स की माने तो हिट एंड रन का कानून काला कानून है. सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए या फिर इस कानून में संशोधन किया जाना चाहिए. सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले वाहन चालकों को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
''ट्रक ड्राइवर मौके से फरार नहीं होते हैं. तो कई बार आम जनता उनकी जमकर धुनाई कर देती है. इसलिए घटनास्थल पर बस या ट्रक को छोड़कर भागना वाहन चालकों की मजबूरी हो जाती है."- बशीरुद्दीन कुरैशी, प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ ड्राइवर एकता संगठन
छत्तीसगढ़ में कितनी है ट्रकों की संख्या : एक अनुमान के मुताबिक पूरे प्रदेश में ट्रकों की संख्या लगभग 2 लाख है. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में छोटी बड़ी बसों की संख्या लगभग 12500 हजार है. छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में रोजमर्रा के समान सहित पेट्रोल डीजल की आवाजाही भी ट्रको के माध्यम से होती है. ऐसे में सोमवार से लेकर बुधवार तक ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल लगातार चली तो महंगाई भी बढ़ सकती है. बसों के पहिए थमने से आम यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा.
''बसों, ट्रकों, परिवहन और स्कूल बसों के संचालन में लगे ड्राइवरों सहित लगभग 1 लाख ड्राइवरों ने 'स्टीयरिंग छोड़ो आंदोलन' के एक हिस्से के रूप में सोमवार को विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.'' जितेंद्र शुक्ला,संयोजक छत्तीसगढ़ वाहन चालक संघ
क्या है हिंट एंड रन एक्ट ? : केंद्र सरकार ने हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा और सात लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है. जिसके विरोध में तमाम बस और ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी है. उनका कहना है कि इस तरह के कानून ड्राइवरों के हित में नहीं है. यात्रियों का कहना है कि हड़ताल होने के बाद पब्लिक बहुत परेशान है और जो ऑटो चालक ऑटो चला रहे हैं. वो दोगुने पैसों की मांग कर रहे हैं.