रायपुर: महानगरों की तर्ज पर रायपुर को भी विकसित किया जा रहा है. जगह-जगह सौंदर्यकरण का काम भी किया जा रहा है, लेकिन सीवरेज सिस्टम पर किसी का ध्यान नहीं है. राजधानी रायपुर में सीवरेज सिस्टम का हाल बेहाल है. अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम नहीं होने के कारण यहां की जनता परेशान है. शहर में हर जगह ओपन ड्रेनेज सिस्टम है, जिससे सिर्फ बरसात के पानी निकासी के लिए बनाया गया है. ड्रेनेज सिस्टम के सड़क के बीचोबीच होने के कारण आए दिन दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है.
राजधानी रायपुर में बरसात के पानी की निकासी के लिए ओपन ड्रेनेज सिस्टम बनाए गए हैं. इन्हें लोहे की जाली ढका गया है. सड़कों पर असमान रूप से बने गड्ढों की वजह से कई बार दुर्घटनाएं होती है. लोगों का कहना है कि ऐसे स्थानों को चिन्हित कर उनको एक लेवल में करना चाहिए जिससे दुर्घटना नहीं होगी.
ट्रैफिक व्यवस्था होती है प्रभावित
ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि गड्ढों की वजह से कई बार दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. बारिश के मौसम में सड़क दुर्घटना के हादसे और भी ज्यादा बढ़ जाते है. बारिश की वजह से गढ्ढों में पानी भर जाता है. जिससे गढ्ढें दिखाई नहीं देते है. उनका कहना है कि कई बार इन गढ्ढो़ं की वजह से दुर्घाटनाएं हो चुकी है. वहीं इससे ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित होती है.
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राजधानी में नहीं बना है अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम
नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिलकर राजधानी को स्मार्ट बनाने की दिशा में हरसंभव पहल कर रहा है. लगभग एक दशक पहले नगर निगम ने राजधानी में अंडरग्राउंड सीवरेज सिस्टम की दिशा में पहल की गई थी, लेकिन यह योजना कुछ दिनों के बाद फेल हो गई. जिसके बाद इस पर कोई विचार नहीं किया गया. नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य का कहना है कि राजधानी में ओपन ड्रेनेज सिस्टम के माध्यम से बरसात के पानी की निकासी की जाती है. नई राजधानी रायपुर को अंडर ग्राउंड सीवरेज सिस्टम की तर्ज पर बनाया गया है.
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शहरवासियों को हो रही परेशानी
इस बारे में जब निगम प्रशासन से बात की गई तो उनके अपने अलग ही दावे है. बहरहाल इस तरह के गड्ढे या फिर मेनहोल शहरवासियों के लिए एक तरह का परेशानी का सबब बन गया है. शहरवासियों को हर रोज इन्हीं रास्तों को पार करना होता है. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी हो रही है.