रायपुर: प्रदेश में तेजी से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कोविड अस्पतालों से निकलने वाले कोविड वेस्ट मटेरियल के निपटारे के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. लेकिन इसका पालन रायपुर में नहीं किया जा रहा है. रायपुर में डंगनिया से दौलत स्टेट के रास्ते पर निगम कचरा संग्रहण केंद्र है. जहां खुले में पीपीई किट (Personal protective equipment) फेंकी जा रही है. कचरा संग्रहण केंद्र के सामने डंगनिया बस्ती है. उसके पीछे आयुर्वेदिक कॉलेज का स्टाफ क्वार्टर भी है. बताया जा रहा है कि निजी अस्पताल वाले पीपीई किट फेंक रहे हैं. इस लापरवाह रवैये से वहां रह रहे लोगों की जान को खतरा है.
कचरे को अलग-अलग कंटेनरों में डालने के हैं निर्देश
कारोना ने शहर में भयावह रूप ले लिया है, हर दिन हजारों लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं और मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में बढ़ती लापरवाही से सरकार चिंतित है. शासन ने अस्पतालों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को नष्ट करने के नियम बनाए हैं. जिसके तहत नीला, पीला, लाल, सफेद काला रंग के पांच तरह का कंटेनर रखने के लिए कहा गया है. कचरे को अलग-अलग कंटेनरों में डालने को कहा गया है.
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इन कंटेनर में फेंका जाए ये कचरा:
- पीला- इस कंटेनर में मानव एनाटॉमिकल अपशिष्ट (मानव ऊतक अंग, शरीर के अंग, खून से दूषित पदार्थ)
- लाल- इस कंटेनर में ट्यूबिंग बोतलें , नलिकाएं , संक्रमित ग्लव्स, संक्रमित प्लास्टिक, वेस्ट यूरिन बैग
- नीला- इस कंटेनर में वेस्ट कांच
- सफेद-अपशिष्ट तेज धार धातु, सुई, ब्लेड
- काला-इस कंटेनर में सामान्य कचरों को डाला जाता है ( रैपर, खाना)
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लापरवाही से लोगों की जान जोखिम में
तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस से बचाव और नियंत्रण के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है. जिससे लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके. राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जिसे देखते हुए प्रदेश के हर जिले में टोटल लॉकडाउन की समय सीमा को बढ़ाया जा रहा है. शासन लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रही है. लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन करने की हिदायत दे रही है. लेकिन कोरोना महामारी काल में पीपीई किट खुले में फेंकने वाले लापरवाह लोग मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. लोगों की जान जोखिम में डाल रहे हैं.