रायपुर: अनार की खेती के लिए किसानों को जल निकासी वाली जमीन का चयन जरूरी है. अनार झाड़ीनुमा होता है. अनार की खेती करते समय अगर एक साथ चार से पांच पौधे लगा दिया जाए, तो अनार का अधिक उत्पादन लिया जा सकता है.
"4 से 5 पौधा अनार का एक साथ लगाएं": इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक घनश्याम साहू ने बताया कि "प्रदेश के किसान अनार फल की खेती करते हैं, तो उन्हें विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखना होगा कि पानी निकासी वाली जगह पर अनार के पौधे का रोपण किया जाए. वर्षा ऋतु के प्रारंभिक अवस्था में अनार के पौधे का रोपण किया जाना चाहिए. किसानों को अनार का पौधा लगाते समय कतार से कतार की दूरी 4 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 3 मीटर होनी चाहिए. एक पौधा ना लगाकर 4 से 5 पौधा अनार का एक साथ लगाए. इस तरह से अनार का पौधा रोपण करने से अलग-अलग समय पर अनार का फल प्राप्त किया जा सकता है."
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"नीम युक्त कीटनाशक का उपयोग करें": वरिष्ठ फल वैज्ञानिक घनश्याम साहू ने बताया कि "छत्तीसगढ़ से सटे राज्य महाराष्ट्र और गुजरात के अधिकांश किसान अनार की खेती करते हैं. उन्हीं राज्यों से निकली हुई किस्म भगवा, सुपर भगवा, गणेशा, ढोलका जिसमें से कुछ किस्मे लाल दाना वाली होती है. इन चारों किस्मों की खेती से अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. अनार की खेती करने के दौरान खास तौर पर विशेष सावधानी बरतनी होती है. इसमें भी कीट का प्रकोप देखने को मिलता है. अनार में फूल आने के समय अनार बटरफ्लाई का प्रकोप देखने को मिलता है. इससे बचने के लिए किसानों नीम युक्त कीटनाशक दवा का उपयोग करना चाहिए. प्रदेश के किसान एक पौधे से तीसरे वर्ष से 200 से 300 अनार के फल प्राप्त कर सकते हैं."