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विसर्जन कुंड से कम हुआ खारुन नदी में प्रदूषण का स्तर

रायपुर में लोगों की जागरूकता के लिए अब खारून नदी में प्रदूषण कम हुआ है. यह हम नहीं बल्कि वहां के स्थानीय लोग और जिला प्रशासन कह रहा है. तो आईये जानते हैं कि इच्छा शक्ति और जागरूकता के कारण एक नदी को प्रदूषण के जाल से कैसे बाहर निकाला गया.

Pollution level in Kharun river
खारुन नदी में प्रदूषण का स्तर
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Published : Oct 16, 2021, 9:19 PM IST

Updated : Oct 16, 2021, 9:47 PM IST

रायपुर: जीवनदायिनी खारून नदी (Kharoon River) का अस्तित्व पिछले कई सालों से संकट में नजर आ रहा था. लगातार हो रहे प्रदूषण और शहरों से निकलने वाले सीवरेज का पानी सीधे नदी में छोड़े जाने से नदी का पानी प्रदूषित हो रहा था. इसके अलावा समय-समय पर लोगों की तरफ से पूजा सामग्री और मूर्ति विसर्जन (Worship Material And Idol Immersion) के कारण भी हर साल खारून नदी (Kharoon River) का प्रदूषण स्तर पर बढ़ जाता था. नगर निगम का दावा है कि पिछले 2 सालों से विसर्जन कुंड में मूर्तियां विसर्जन होने के कारण खारून नदी (Kharoon River) में प्रदूषण में कमी आई है. ईटीवी भारत की टीम ने इस दावे की पड़ताल की और महादेव घाट में तैयार किए गए विसर्जन कुंड का जायजा लिया. तो पाया कि शहर भर में आने वाली मूर्तियों को कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. वहीं नदी में किसी प्रकार से लोग मूर्ति विसर्जित ना करें, इसके लिए अलग से टीम तैनात की गई है. वहीं ज्यादातर जनता ही समझदारी दिखाते हुए मूर्ति का विसर्जन कुंड में कर रही है.

खारुन नदी में प्रदूषण का स्तर

नदी में कम हुआ प्रदूषण

ईटीवी भारत ने मौके पर जाकर खारुन नदी (Kharoon River) का जायजा लिया. तो पाया कि खारून नदी में जहां पहले मूर्तियां विसर्जन होने के कारण जल प्रदूषण होता था, उसमें कमी आई है. गणपति और दुर्गा पूजा के बाद में जितने भी मूर्तियां विसर्जन की जा रही है. वह नगर निगम की ओर से बनाया गया विसर्जन कुंड में हो रही है. ऐसे में नदी में इसी प्रकार से विसर्जन नहीं होने के कारण खारुन नदी का पानी स्वच्छ और साफ है.

पूजा सामग्री लिए अलग से व्यवस्था

नगर निगम की तरफ से जहां मूर्तियों को विसर्जन कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. वहीं नगर निगम की ओर से बड़े-बड़े ड्रम रखकर पूजा सामग्री को वहां एकत्रित किया जा रहा है. पूजा सामग्री का विसर्जन पूरी तरह से नदियों में प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिसके कारण खारून नदी प्रदूषित नहीं हो रही है.

जनता के सहयोग से स्वच्छ हुई नदी: महापौर

खारुन नदी की स्वच्छता को लेकर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि जिस तरह शहर वासियों का सहयोग मिल रहा है. यह सबसे बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि शहर के लोगों ने आगे आकर रायपुर के स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है. इसी के चलते यह सब साकार हो पाया है. जिस तरह से लोगों ने तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया. उसी तरह से लोग महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड में आकर मूर्तियों का विसर्जन कर रहे हैं. यह सिर्फ और सिर्फ जनता के सहयोग से हो पाया है. रायपुर शहर की जनता जागरुक हो चुकी है और इसका असर देखने को मिल रहा है. जिसके कारण आज शहर की नदी और तालाब साफ स्वच्छ है.

टीएस सिंहदेव दिल्ली रवाना, छत्तीसगढ़ में तेज हुई सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट

महापौर ने आगे कहा कि जिस तरह से रायपुर नगर निगम की तरफ से अस्थाई विसर्जन कुंड बनाकर मूर्तियों का विसर्जन करने का सिलसिला जारी शुरू हुआ है. इससे शहर की जीवनदायिनी खारुन नदी में प्रदूषण स्तर कम हो रहा है. जिस तरह नगर निगम ने विसर्जन कुंड तैयार किए हैं. उसी प्रकार से अन्य प्रदेशों में भी मूर्तियों के विसर्जन को अस्थाई कुंड में ही विसर्जित करवाना चाहिए, ताकि नदियों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके.

कम हो रहा नदी में प्रदूषण

इस सिलसिले में एक स्थानीय व्यक्ति करण यादव ने बताया कि पिछले 2 सालों से नदी में विसर्जन नहीं किया जा रहा है. सारी मूर्तियों को विसर्जन कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. जिसके कारण नदी साफ है और नदी में प्रदूषण में कमी आई है.

हजारों मूर्तियां विसर्जित

रायपुर में गणेश विसर्जन के दौरान नगर निगम की ओर से महादेव घाट के अस्थाई विसर्जन कुंड में 10,000 छोटी मूर्तियां और 1 हजार से अधिक बड़ी मूर्तियों का विसर्जन किया गया है. इसी तरह से दुर्गा विसर्जन के रोजाना सैकड़ों मूर्तियों का विसर्जन महादेव घाट स्थित बनाया गया विसर्जन कुंड में किया जा रहा है.

रायपुर: जीवनदायिनी खारून नदी (Kharoon River) का अस्तित्व पिछले कई सालों से संकट में नजर आ रहा था. लगातार हो रहे प्रदूषण और शहरों से निकलने वाले सीवरेज का पानी सीधे नदी में छोड़े जाने से नदी का पानी प्रदूषित हो रहा था. इसके अलावा समय-समय पर लोगों की तरफ से पूजा सामग्री और मूर्ति विसर्जन (Worship Material And Idol Immersion) के कारण भी हर साल खारून नदी (Kharoon River) का प्रदूषण स्तर पर बढ़ जाता था. नगर निगम का दावा है कि पिछले 2 सालों से विसर्जन कुंड में मूर्तियां विसर्जन होने के कारण खारून नदी (Kharoon River) में प्रदूषण में कमी आई है. ईटीवी भारत की टीम ने इस दावे की पड़ताल की और महादेव घाट में तैयार किए गए विसर्जन कुंड का जायजा लिया. तो पाया कि शहर भर में आने वाली मूर्तियों को कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. वहीं नदी में किसी प्रकार से लोग मूर्ति विसर्जित ना करें, इसके लिए अलग से टीम तैनात की गई है. वहीं ज्यादातर जनता ही समझदारी दिखाते हुए मूर्ति का विसर्जन कुंड में कर रही है.

खारुन नदी में प्रदूषण का स्तर

नदी में कम हुआ प्रदूषण

ईटीवी भारत ने मौके पर जाकर खारुन नदी (Kharoon River) का जायजा लिया. तो पाया कि खारून नदी में जहां पहले मूर्तियां विसर्जन होने के कारण जल प्रदूषण होता था, उसमें कमी आई है. गणपति और दुर्गा पूजा के बाद में जितने भी मूर्तियां विसर्जन की जा रही है. वह नगर निगम की ओर से बनाया गया विसर्जन कुंड में हो रही है. ऐसे में नदी में इसी प्रकार से विसर्जन नहीं होने के कारण खारुन नदी का पानी स्वच्छ और साफ है.

पूजा सामग्री लिए अलग से व्यवस्था

नगर निगम की तरफ से जहां मूर्तियों को विसर्जन कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. वहीं नगर निगम की ओर से बड़े-बड़े ड्रम रखकर पूजा सामग्री को वहां एकत्रित किया जा रहा है. पूजा सामग्री का विसर्जन पूरी तरह से नदियों में प्रतिबंधित कर दिया गया है. जिसके कारण खारून नदी प्रदूषित नहीं हो रही है.

जनता के सहयोग से स्वच्छ हुई नदी: महापौर

खारुन नदी की स्वच्छता को लेकर नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि जिस तरह शहर वासियों का सहयोग मिल रहा है. यह सबसे बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि शहर के लोगों ने आगे आकर रायपुर के स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया है. इसी के चलते यह सब साकार हो पाया है. जिस तरह से लोगों ने तालाबों में मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया. उसी तरह से लोग महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड में आकर मूर्तियों का विसर्जन कर रहे हैं. यह सिर्फ और सिर्फ जनता के सहयोग से हो पाया है. रायपुर शहर की जनता जागरुक हो चुकी है और इसका असर देखने को मिल रहा है. जिसके कारण आज शहर की नदी और तालाब साफ स्वच्छ है.

टीएस सिंहदेव दिल्ली रवाना, छत्तीसगढ़ में तेज हुई सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट

महापौर ने आगे कहा कि जिस तरह से रायपुर नगर निगम की तरफ से अस्थाई विसर्जन कुंड बनाकर मूर्तियों का विसर्जन करने का सिलसिला जारी शुरू हुआ है. इससे शहर की जीवनदायिनी खारुन नदी में प्रदूषण स्तर कम हो रहा है. जिस तरह नगर निगम ने विसर्जन कुंड तैयार किए हैं. उसी प्रकार से अन्य प्रदेशों में भी मूर्तियों के विसर्जन को अस्थाई कुंड में ही विसर्जित करवाना चाहिए, ताकि नदियों को प्रदूषित होने से बचाया जा सके.

कम हो रहा नदी में प्रदूषण

इस सिलसिले में एक स्थानीय व्यक्ति करण यादव ने बताया कि पिछले 2 सालों से नदी में विसर्जन नहीं किया जा रहा है. सारी मूर्तियों को विसर्जन कुंड में विसर्जित किया जा रहा है. जिसके कारण नदी साफ है और नदी में प्रदूषण में कमी आई है.

हजारों मूर्तियां विसर्जित

रायपुर में गणेश विसर्जन के दौरान नगर निगम की ओर से महादेव घाट के अस्थाई विसर्जन कुंड में 10,000 छोटी मूर्तियां और 1 हजार से अधिक बड़ी मूर्तियों का विसर्जन किया गया है. इसी तरह से दुर्गा विसर्जन के रोजाना सैकड़ों मूर्तियों का विसर्जन महादेव घाट स्थित बनाया गया विसर्जन कुंड में किया जा रहा है.

Last Updated : Oct 16, 2021, 9:47 PM IST
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