रायपुर: Politics on ED action in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आईटी के बाद 11 अक्टूबर को ईडी ने कई जिलों में एक साथ दबिश दी. जिसमें मुख्यमंत्री के उप सचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अफसर समीर बिश्नोई, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू समेत उनके पति के घर भी ईडी पहुंची थी. इसके अलावा कोयला कारोबार से जुड़े व्यापारी सूर्याकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनिल अग्रवाल समेत कई कारोबारियों के घर छापेमार कार्रवाई की गई. जिसमें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और कोल से जुड़े मामले में आईएएस अफसर समीर बिश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवाकी और सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया. इन चारों की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सौम्या चौरसिया को भी रकम की हेराफेरी कर जमीन खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया है. Politics of Chhattisgarh इतना ही नहीं बल्कि ईडी ने इस सभी की करोड़ो रुपये की संपत्ति कुर्क की है. वर्तमान में सौम्या को ईडी ने 13 दिसंबर तक रिमांड पर रखा है तो वहीं अन्य आरोपियों को 14 जनवरी तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है. ed and it raids
कौन हैं सौम्या चौरसिया: सौम्या चौरसिया अभी ईडी की गिरफ्त में है. वर्तमान में वह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव हैं. उसने साल 2008 में राज्य प्रशासनिक सेवा यानी छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा पास की. ट्रेनिंग के बाद साल 2011 तक वह पेंड्रा और बिलासपुर में एसडीएम के पद पर तैनात थीं. 2011 में वह दुर्ग जिले में पहुंचीं और वहां भिलाई और पाटन की एसडीएम रहीं. यही जिला भूपेश बघेल का भी गृह जिला है. साल 2016 में वह भिलाई चरौदा नगर निगम की पहली कमिश्नर बनीं. उसी साल रायपुर नगर निगम में अपर आयुक्त बन गईं. 2018 में सीएमओ में तैनाती से पहले वह इसी पद पर थीं.raipur news update
ईडी की कार्रवाई पर क्या कहती है भाजपा: भाजपा प्रवक्ता अमीत चिमनानी ने बताया कि "2014 में जब यूपीए की सरकार को जनता ने खदेड़ दिया. उसका एक प्रमुख कारण यह था कि पूरी की पूरी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी थी. जनता कभी भी भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करती. छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. इस बात के कई प्रमाण मिल चुके हैं. जो अधिकारी ईडी की गिरफ्त में हैं. वो मुख्यमंत्री के नजदीकी अधिकारी हैं. ईडी ने अब उनकी 152 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच कर दिया है. कई प्रमाण कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं. कोर्ट इन अधिकारियों को जमानत नहीं दे रहा है. ईडी अपनी प्रेस रिलिज में यह भी कह दिया है कि भ्रष्टाचार हुआ है वह राज्य के सहयोग के बिना किया ही नहीं जा सकता था. कोई भी अब शंका नहीं बची है कि राज्य सरकार स्वंय भ्रष्टाचार कर रही है और भ्रष्टाचारियों के साथ जनता, जो व्यवहार करती है वही करेगी. 2023 में इस भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकेगी."
क्या कहती है कांग्रेस: कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर कहते हैं कि "गैर भाजपा शासित राज्यों में राजनीतिक रूप से भारतीय जनता पार्टी सामना नहीं कर पा रही है. वे अपनी राजनीतिक धरातल के साथ ही विश्वसनीयता भी खो चुके हैं. ऐसे में ईडी और आईटी जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग कर भाजपा, जनता की चुनी हुई सरकार को, जो जनता के लिए काम करने वाली जनकल्याणकारी सरकार को गिराने के लिए ईडी और आईटी का दुरुपयोग कर रही है. छत्तीसगढ़ में 15 साल मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के खिलाफ भी बेहद संगीन और भ्रष्टाचार के मामले नरेंद्र मोदी जी तक पहुंच है. ऐसे में स्पष्ट समझ आता है कि नरेंद्र मोदी जी के करीबी होने की वजह से डॉ. रमन सिंह के खिलाफ जो शिकायतें है उस पर ईडी और आईटी जांच नहीं कर रही है. यह राजनीतिक दुर्भावना स्पष्ट प्रदर्शित हो रही है. ईडी और आईटी अपने कार्य के हिसाब से काम करती तो अब तक डॉ. रमन सिंह और उनके पुत्र अभिषेक सिंह से पूछताछ हो जाती है. डॉ. रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति, पनामा पेपर मामले में अभिषेक सिंह का नाम दर्ज है. छत्तीसगढ़ का नान घोटाला है. डीकेएस घोटाले में डॉ. रमन सिंह के दामाद के भ्रष्टाचार हैं. इस तरह अनेक मामले हैं, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रदेश में ईडी की कार्रवाई राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित हैं."
क्या कहते हैं जानकार: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा कहते हैं कि "गैर भाजपा शासित राज्यों में ईडी, आईटी और सीबीआई काम कर रही है. यह तोहमत इनपर लगेगी. क्योंकि ये उनके इसारे पर काम कर रही है. यह बात सत्य है. भाजपा शासित राज्यों में इनकी कार्रवाई नहीं देखी जा रही है. कई राज्यों में ईडी की कार्रवाई के बाद भाजपा सरकार में आई है. कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में भी भाजपा पर यह आरोप लगते आ रहे हैं. ईडी की अपनी जो कार्रवाई है यानी उनका स्कोर कार्ड है वह 100 में 95 जगह फेल हो जाते हैं. अब वे 5 प्रतिशत की जगह अपना डेटा सुधारने की कोशिश में हैं."
"ईडी अपने आप को साबित करने के दौर से गुजर रही": उचित शर्मा ने आगे कहा कि "क्योंकि ईडी अपने आप को साबित करने के दौर से गुजर रही है. ऐसे में अब वह आरोपी बनाने के साथ ही दोषी सिद्ध करने तक की कोशिश में है. वहीं ईडी जिनके घर छापा मार रही है. वह कोई भी ईमानदार नहीं है. यह बात सत्य है. ये पॉलीटिकल कॉनपरेंसी है यह अलग बात है. जिसके यहां छापा मार रही है. वह ईमानदार हैं. यह भी अलग बात है. ईडी की कार्रवाई को निश्चित तौर पर भाजपा मुद्दा बनाएगी. उठाना भी चाहिए. ईमानदारी से काम हो, इस बात की मिसाल भी पेश करनी चाहिए कि हमने जिनके खिलाफ कार्रवाई की है उनको कठोर से कठोर कार्रवाई की. लेकिन अननेसेसरी के दबाव है, जो सीएम ने भी कहा कि आप जो गलत हैं. उन पर कार्रवाई करें. लेकिन उनके भी कुछ अधिकार है. आप किसी को मुर्गा बना रहे हैं. किसी को लंबे समय तक बैठाकर रखे हैं, कानून के दायरे में जो काम है वह कहें. असंवैधानिक तरिके से आप कार्य न करें. आने वाले समय में जो भी पार्टिंया हैं, वह मुद्दा उठाएगी. विपक्ष भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को घेरेगी तो वहीं कांग्रेस अननेसेसरी को लेकर मुद्दा बनाएगी और कहेगी की, भाजपा ईडी को वहां पर भेज रही है, जहां पर भाजपा की सरकार नहीं है."