रायपुर: मुख्यमंत्री निवास के सामने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने वाले युवक हरदेव सिन्हा की इलाज के दौरान मौत हो गई. धमतरी के तेलीनसत्ती गांव में रहने वाले हरदेव सिन्हा बेरोजगारी से परेशान थे. पीड़ित युवक का इलाज 24 दिनों से एक निजी अस्पताल में चल रहा था. मंगलवार देर रात हरदेव ने अस्पताल में अंतिम सांसे ली. हरदेव की मौत के बाद से छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है. विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर पलटवार कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने अगर पहले संवेदनशीलता दिखाई होती तो ऐसा नहीं होता. संजय का कहना है कि राज्य सरकार को हरदेव के परिवार को कम से कम 50 लाख का मुआवजा देना चाहिए. इसके साथ ही परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जानी चाहिए. इसके अलावा संजय ने कहा कि सरकार ने जनघोषणा पत्र में बेरोजगारों को नौकरी देने और 2500 रुपए हर महीने देने की बात कही थी, सरकार ये सभी वादें पूरे करे.
वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार शुरू से ही हरदेव के परिवार के साथ खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी. हरदेव के इलाज का सारा खर्च राज्य सरकार ने उठाया है. सरकार ने हरदेव के परिवार की आर्थिक मदद भी की है और अभी भी हरसंभव मदद करने के लिए सरकार खड़ी है.
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आपको बता दें कि आत्मदाह के बाद सरकार ने अधिकारिक पुष्टि करते हुए कहा था कि हरदेव मानसिक रूप से अस्वस्थ है और यही वजह है कि उसने ऐसा कदम उठाया. राज्य सरकार के इस बयान को लेकर विपक्ष ने लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
सीएम हाउस के बाहर युवक ने खुद को लगाई थी आग
बता दें कि सीएम हाउस के बाहर धमतरी के रहने वाले हरदेव ने आत्मदाह की कोशिश की थी. हरदेव सीएम से मिलने पहुंचा था. मुख्यमंत्री से मुलाकात न होने पर उसने आत्मघाती कदम उठा लिया था. आनन-फानन में परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने युवक पर कपड़ा और पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की थी, लेकिन जब तक आग पर काबू पाया जाता, युवक बुरी तरह झुलस गया था. हरदेव को इलाज के लिए अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से प्राथमिक उपचपार के बाद उसे एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया था.