ETV Bharat / state

Chhattisgarh Amar Jawan Jyoti: दिल्ली के तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी जलाई जाएगी अमर जवान ज्योति, बीजेपी ने इसे राजनीतिक स्टंट बताया - Politics on Amar Jawan Jyoti

Chhattisgarh Amar Jawan Jyoti: छत्तीसगढ़ में दिल्ली के तर्ज पर अमर जवान ज्योति बनाई जाएगी. तीन फरवरी को राहुल गांधी इसकी आधारशिला रखेंगे. अब छत्तीसगढ़ में अमर जवान ज्योति को लेकर सियासत गर्मा गई है. बीजेपी ने इसे बघेल सरकार का राजनीतिक स्टंट करार दिया है.

Chhattisgarh Amar Jawan Jyoti
छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 8:00 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 8:28 PM IST

रायपुर: दिल्ली से लेकर रायपुर तक अमर जवान ज्योति पर सियासत गरमाई हुई है. दिल्ली के इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को शिफ्ट कर वॉर मेमोरियल ले जाया गया गया है. उसके बाद से पूरे देश में इस पर राजनीति तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में भी इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी ने नवा रायपुर में अमर जवान ज्योति के बनाए जाने पर इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है.

3 फरवरी को छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति की नींव रखेंगे राहुल गांधी (Rahul Gandhi will lay foundation of Chhattisgarh Amar Jawan Jyoti)

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. जहां विभिन्न कार्यक्रमों में वो शिरकत करेंगें. इस दौरान वह 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' की नींव रखेंगे. इसी अमर जवान ज्योति को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज है.आइए जानने की कोशिश करते हैं कि प्रदेश में स्थापित होने वाले "छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति" को लेकर पक्ष-विपक्ष सहित राजनीति के जानकार क्या कहते हैं?

छत्तीसगढ़ में भी जलाई जाएगी अमर जवान ज्योति

छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति कांग्रेस का राजनीतिक स्टंट

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में बनाए जाने वाला 'अमर जवान ज्योति' राजनीतिक स्टंट है. उन्होंने आरोप लगाया कि बघेल सरकार और कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में शहीद होने वाले जवानों के परिवारों की कभी सुध नहीं ली. ये कांग्रेसी सिर्फ नकल करना जानते हैं. इस तरह से अमर जवान ज्योति का निर्माण कहीं ना कहीं गैर संवैधानिक है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए है. जनता का ध्यान मूल समस्याओं से भटकाने के लिए ये किया जा रहा है. आज कांग्रेस विकास, रोजगार, बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य मुद्दों पर शून्य हो गई है. गौठानों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. रेत के नाम पर खुद मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार स्वीकार कर रहे हैं. इन सब से ध्यान हटाने के लिए यह राजनीतिक स्टंट किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Health Minister TS Singhdeo का छलका दर्द, कहा- राहुल गांधी आ रहे छत्तीसगढ़ इसलिए बिगाड़ी जा रही मेरी छवि

शहीदों के नाम पर हो स्कूल-कॉलेज सहित अन्य संस्थानों के नाम

उपासने ने कहा कि अमर जवान ज्योति को हटाया नहीं गया है. यह अफवाह फैलाई जा रही है जो पूरी तरह से गलत है. छत्तीसगढ़ में इसका क्या अर्थ है? छत्तीसगढ़ में आजादी के बाद से आज तक जिन शाहीदों ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी, क्या कांग्रेस ने आजादी के बाद 70-75 सालों में कभी उनको याद किया? कभी शहीद वीर नारायण सिंह को याद किया गया? इसके अलावा सैकड़ों ऐसे नाम हैं... क्या इनके नाम पर कभी कांग्रेस ने कुछ किया? छत्तीसगढ़ से आजादी की लड़ाई में शहीद हो या फिर कांग्रेस की नीतियों के चलते जिन्होंने अपनी जान गंवाई. उन सब का नाम इसमें शामिल किया जाना चाहिए और वंशवाद का नाम बदलकर जहां-जहां पर उनके नाम पर स्कूल कॉलेज हैं, उसे बदलकर छत्तीसगढ़ के शहीदों के नाम पर किया जाना चाहिए.

भाजपा अमर जवान ज्योति जलाने के समर्थन में है या विरोध में-कांग्रेस

भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पहले भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि वह छत्तीसगढ़ शहीदों के सम्मान में जलाए जाने वाली अमर जवान ज्योति के समर्थन में है या विरोध में. छत्तीसगढ़ की धरती के हजारों शहीद सहित जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है, उनकी याद को स्थाई बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह निर्णय लिया है. इसका भारतीय जनता पार्टी क्यों विरोध कर रही है. 50 साल से अधिक समय से हमारे देश के शहीद जवानों की याद में जल रही अमर जवान ज्योति को नरेंद्र मोदी ने बुझवा दिया. दूसरी तरफ यदि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उन शहीदों के सम्मान में कोई ज्योति जलाने जा रहे हैं तो भाजपा विरोध करके नीचे गिर रही है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में परिवहन व्यवस्था लचर इसलिए धान खरीदी केंद्रों में सड़ रहा धानः रमन सिंह

क्या रमन सिंह ने जलाई थी अमर जवान ज्योति?

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अमर जवान ज्योति का निर्माण शहीदों का सम्मान है. इन लोगों ने उन शहीदों के साथ अन्याय किया है. उनका अपमान किया है. 50 साल से जल रही ज्योति को बुझा दिया है. छत्तीसगढ़ में अमर जवान ज्योति का निर्माण एक नई परंपरा की शुरूआत है. नकल किस तरह से है. क्या रमन सिंह ने अमर जवान ज्योति जलाई थी? इससे पहले भी जो देश में अमर जवान ज्योति जल रही थी, वह कांग्रेस सरकार ने जलाया था तो नकल कैसी.

शहीदों के याद वाली ज्योति का होना चाहिए स्वागत

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि यदि इसे राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो केंद्र की भाजपा सरकार ने जो निर्णय लिया है. उस निर्णय का कहीं ना कहीं कांग्रेस ने विरोध किया है. उनका कहना था कि ऐसा नहीं होना चाहिए. उसके बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय लिया है, छत्तीसगढ़ में जो शहीद हुए हैं या फिर जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी जान गवाई है. उनके याद में यदि परिकल्पना के साथ इसे बनाया जा रहा है तो उसका स्वागत होना चाहिए.

'राजनीतिक दृष्टि से महापुरुषों को न देखा जाए'

वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि इसके मायने यदि तलाशेंगे, तो भाजपा का अपना विरोध कांग्रेस का समर्थन, दूसरी ओर कांग्रेस का विरोध भाजपा का समर्थन. ये राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप इन महापुरुषों की याद में नहीं होना चाहिए. भाजपा तो राष्ट्रवाद का नारा देती है. राष्ट्रवाद के लिए आंदोलनकारी थे, क्रांतिकारी सोच के साथ अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. उन लोगों को एक स्मारक में बैठाने सहित उनकी पुस्तक प्रकाशित होनी चाहिए. उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी होनी चाहिए. इस दिशा में काम कोई भी सरकार करे तो ज्यादा बेहतर होगा. इसे राजनीति में ना घसीटा जाए. राजनीतिक नजरिए से इन बलिदानी पुरुषों को न देखा जाए. इस मुद्दे पर मेरी व्यक्तिगत राय है कि दोनों राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Protest of Government Employees in Korba: यूपी में लुभावने वादों से नाराज कोरबा के सरकारी कर्मचारियों का विरोध

कैसा होगा छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का स्वरूप ?

रायपुर में शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होगी. जिसमें छत्तीसगढ़ के जिन सपूतों ने वर्दीधारी सेवाओ में जाकर देश के लिए प्राण न्यौछावर किए हैं. छत्तीसगढ़ में देश भर के जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. उनकी शहादत का सम्मान "छत्तीसगढ़ अमर शहीद ज्योति" के माध्यम से किया जाएगा. छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति में शहीदों के नाम वाली सूची की दीवार मेमोरियल टावर, वीवीआईपी मंच भी तैयार किया जाएगा. शहीदों की नामवली सूची की दीवार का निर्माण ब्राउन मार्बल से और शहीदों के नाम को उसी मार्बल में खुदाई करकर लिखा जाएगा. यह दीवार लगभग 25 फीट ऊंची और लगभग 100 फीट की लंबाई के अर्धचंद्राकार रूप में होगी. इस दीवार की मोटाई 3 फीट होगी. मेमोरियल टावर की स्थापना अर्धचंद्राकार दीवार के सामने बलुआ पत्थर, ब्राउन व्हाइट मार्बल ग्रेनाइट से किया जाएगा.

इसके शीर्ष में स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाएगा. मेमोरियल टावर के सामने आधार पर राइफल और हेलमेट प्रतीक चिन्ह के रूप में रहेगा. इसी प्रतीक चिन्ह के सामने 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' प्रज्वलित होगी, जो भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से ईंधन सप्लाई द्वारा 24 घंटे प्रज्वलित होगी.मेमोरियल टावर के ठीक सामने किलानुमा दो मंजिल भवन का निर्माण कराया जाएगा. जिस भवन के आधार की लंबाई 200 फुट और चौड़ाई 90 फीट होगी. इस भवन की ऊंचाई 40 फीट होगी. इस भवन के सामने 16 बिगुलरों के खड़े होने के लिए 16 गुम्बदों का निर्माण कराया जाएगा. इस भवन के प्रथम तल पर शहीदों की चित्र प्रदर्शनी और द्वितीय तल पर शस्त्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस इकाई में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस के दौरान सम्मानित शहीदों के परिजनों के ठहरने के लिए सर्व सुविधा युक्त मेस एवं आवासीय कमरों का भी निर्माण कराया जाएगा.

ये है इतिहास

सन 1972 से देश में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में दिल्ली में अमर जवान ज्योति प्रज्वलित थी, जो 1972 से लगातार जलती रही. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शिफ्ट कर दिया है. जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है और इसे शहीदों का अपमान बताया है. दिल्ली में अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के बाद छत्तीसगढ़ में उसी तर्ज पर एक 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' प्रज्वलित करने की योजना है. जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है.

रायपुर: दिल्ली से लेकर रायपुर तक अमर जवान ज्योति पर सियासत गरमाई हुई है. दिल्ली के इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को शिफ्ट कर वॉर मेमोरियल ले जाया गया गया है. उसके बाद से पूरे देश में इस पर राजनीति तेज हो गई है. छत्तीसगढ़ में भी इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी ने नवा रायपुर में अमर जवान ज्योति के बनाए जाने पर इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है.

3 फरवरी को छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति की नींव रखेंगे राहुल गांधी (Rahul Gandhi will lay foundation of Chhattisgarh Amar Jawan Jyoti)

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. जहां विभिन्न कार्यक्रमों में वो शिरकत करेंगें. इस दौरान वह 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' की नींव रखेंगे. इसी अमर जवान ज्योति को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज है.आइए जानने की कोशिश करते हैं कि प्रदेश में स्थापित होने वाले "छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति" को लेकर पक्ष-विपक्ष सहित राजनीति के जानकार क्या कहते हैं?

छत्तीसगढ़ में भी जलाई जाएगी अमर जवान ज्योति

छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति कांग्रेस का राजनीतिक स्टंट

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में बनाए जाने वाला 'अमर जवान ज्योति' राजनीतिक स्टंट है. उन्होंने आरोप लगाया कि बघेल सरकार और कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में शहीद होने वाले जवानों के परिवारों की कभी सुध नहीं ली. ये कांग्रेसी सिर्फ नकल करना जानते हैं. इस तरह से अमर जवान ज्योति का निर्माण कहीं ना कहीं गैर संवैधानिक है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए है. जनता का ध्यान मूल समस्याओं से भटकाने के लिए ये किया जा रहा है. आज कांग्रेस विकास, रोजगार, बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य मुद्दों पर शून्य हो गई है. गौठानों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है. रेत के नाम पर खुद मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार स्वीकार कर रहे हैं. इन सब से ध्यान हटाने के लिए यह राजनीतिक स्टंट किया जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Health Minister TS Singhdeo का छलका दर्द, कहा- राहुल गांधी आ रहे छत्तीसगढ़ इसलिए बिगाड़ी जा रही मेरी छवि

शहीदों के नाम पर हो स्कूल-कॉलेज सहित अन्य संस्थानों के नाम

उपासने ने कहा कि अमर जवान ज्योति को हटाया नहीं गया है. यह अफवाह फैलाई जा रही है जो पूरी तरह से गलत है. छत्तीसगढ़ में इसका क्या अर्थ है? छत्तीसगढ़ में आजादी के बाद से आज तक जिन शाहीदों ने अपने प्राणों की कुर्बानी दी, क्या कांग्रेस ने आजादी के बाद 70-75 सालों में कभी उनको याद किया? कभी शहीद वीर नारायण सिंह को याद किया गया? इसके अलावा सैकड़ों ऐसे नाम हैं... क्या इनके नाम पर कभी कांग्रेस ने कुछ किया? छत्तीसगढ़ से आजादी की लड़ाई में शहीद हो या फिर कांग्रेस की नीतियों के चलते जिन्होंने अपनी जान गंवाई. उन सब का नाम इसमें शामिल किया जाना चाहिए और वंशवाद का नाम बदलकर जहां-जहां पर उनके नाम पर स्कूल कॉलेज हैं, उसे बदलकर छत्तीसगढ़ के शहीदों के नाम पर किया जाना चाहिए.

भाजपा अमर जवान ज्योति जलाने के समर्थन में है या विरोध में-कांग्रेस

भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पहले भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि वह छत्तीसगढ़ शहीदों के सम्मान में जलाए जाने वाली अमर जवान ज्योति के समर्थन में है या विरोध में. छत्तीसगढ़ की धरती के हजारों शहीद सहित जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी है, उनकी याद को स्थाई बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह निर्णय लिया है. इसका भारतीय जनता पार्टी क्यों विरोध कर रही है. 50 साल से अधिक समय से हमारे देश के शहीद जवानों की याद में जल रही अमर जवान ज्योति को नरेंद्र मोदी ने बुझवा दिया. दूसरी तरफ यदि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री उन शहीदों के सम्मान में कोई ज्योति जलाने जा रहे हैं तो भाजपा विरोध करके नीचे गिर रही है.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में परिवहन व्यवस्था लचर इसलिए धान खरीदी केंद्रों में सड़ रहा धानः रमन सिंह

क्या रमन सिंह ने जलाई थी अमर जवान ज्योति?

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अमर जवान ज्योति का निर्माण शहीदों का सम्मान है. इन लोगों ने उन शहीदों के साथ अन्याय किया है. उनका अपमान किया है. 50 साल से जल रही ज्योति को बुझा दिया है. छत्तीसगढ़ में अमर जवान ज्योति का निर्माण एक नई परंपरा की शुरूआत है. नकल किस तरह से है. क्या रमन सिंह ने अमर जवान ज्योति जलाई थी? इससे पहले भी जो देश में अमर जवान ज्योति जल रही थी, वह कांग्रेस सरकार ने जलाया था तो नकल कैसी.

शहीदों के याद वाली ज्योति का होना चाहिए स्वागत

ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि यदि इसे राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो केंद्र की भाजपा सरकार ने जो निर्णय लिया है. उस निर्णय का कहीं ना कहीं कांग्रेस ने विरोध किया है. उनका कहना था कि ऐसा नहीं होना चाहिए. उसके बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने यह निर्णय लिया है, छत्तीसगढ़ में जो शहीद हुए हैं या फिर जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी जान गवाई है. उनके याद में यदि परिकल्पना के साथ इसे बनाया जा रहा है तो उसका स्वागत होना चाहिए.

'राजनीतिक दृष्टि से महापुरुषों को न देखा जाए'

वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने कहा कि इसके मायने यदि तलाशेंगे, तो भाजपा का अपना विरोध कांग्रेस का समर्थन, दूसरी ओर कांग्रेस का विरोध भाजपा का समर्थन. ये राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप इन महापुरुषों की याद में नहीं होना चाहिए. भाजपा तो राष्ट्रवाद का नारा देती है. राष्ट्रवाद के लिए आंदोलनकारी थे, क्रांतिकारी सोच के साथ अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. उन लोगों को एक स्मारक में बैठाने सहित उनकी पुस्तक प्रकाशित होनी चाहिए. उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी होनी चाहिए. इस दिशा में काम कोई भी सरकार करे तो ज्यादा बेहतर होगा. इसे राजनीति में ना घसीटा जाए. राजनीतिक नजरिए से इन बलिदानी पुरुषों को न देखा जाए. इस मुद्दे पर मेरी व्यक्तिगत राय है कि दोनों राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Protest of Government Employees in Korba: यूपी में लुभावने वादों से नाराज कोरबा के सरकारी कर्मचारियों का विरोध

कैसा होगा छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का स्वरूप ?

रायपुर में शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होगी. जिसमें छत्तीसगढ़ के जिन सपूतों ने वर्दीधारी सेवाओ में जाकर देश के लिए प्राण न्यौछावर किए हैं. छत्तीसगढ़ में देश भर के जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. उनकी शहादत का सम्मान "छत्तीसगढ़ अमर शहीद ज्योति" के माध्यम से किया जाएगा. छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति में शहीदों के नाम वाली सूची की दीवार मेमोरियल टावर, वीवीआईपी मंच भी तैयार किया जाएगा. शहीदों की नामवली सूची की दीवार का निर्माण ब्राउन मार्बल से और शहीदों के नाम को उसी मार्बल में खुदाई करकर लिखा जाएगा. यह दीवार लगभग 25 फीट ऊंची और लगभग 100 फीट की लंबाई के अर्धचंद्राकार रूप में होगी. इस दीवार की मोटाई 3 फीट होगी. मेमोरियल टावर की स्थापना अर्धचंद्राकार दीवार के सामने बलुआ पत्थर, ब्राउन व्हाइट मार्बल ग्रेनाइट से किया जाएगा.

इसके शीर्ष में स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाएगा. मेमोरियल टावर के सामने आधार पर राइफल और हेलमेट प्रतीक चिन्ह के रूप में रहेगा. इसी प्रतीक चिन्ह के सामने 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' प्रज्वलित होगी, जो भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से ईंधन सप्लाई द्वारा 24 घंटे प्रज्वलित होगी.मेमोरियल टावर के ठीक सामने किलानुमा दो मंजिल भवन का निर्माण कराया जाएगा. जिस भवन के आधार की लंबाई 200 फुट और चौड़ाई 90 फीट होगी. इस भवन की ऊंचाई 40 फीट होगी. इस भवन के सामने 16 बिगुलरों के खड़े होने के लिए 16 गुम्बदों का निर्माण कराया जाएगा. इस भवन के प्रथम तल पर शहीदों की चित्र प्रदर्शनी और द्वितीय तल पर शस्त्र प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस इकाई में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस के दौरान सम्मानित शहीदों के परिजनों के ठहरने के लिए सर्व सुविधा युक्त मेस एवं आवासीय कमरों का भी निर्माण कराया जाएगा.

ये है इतिहास

सन 1972 से देश में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में दिल्ली में अमर जवान ज्योति प्रज्वलित थी, जो 1972 से लगातार जलती रही. लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शिफ्ट कर दिया है. जिसे लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है और इसे शहीदों का अपमान बताया है. दिल्ली में अमर जवान ज्योति को शिफ्ट करने के बाद छत्तीसगढ़ में उसी तर्ज पर एक 'छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति' प्रज्वलित करने की योजना है. जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है.

Last Updated : Jan 31, 2022, 8:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.